देहरादूनः भारतीय सेना के बेड़े में आज 331 सेना अधिकारी जुड़ने वाले हैं. 10 जून यानी आज भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से 373 जेंटलमैन कैडेट्स (जीसी) पासिंग आउट परेड (पीओपी) के बाद सैन्य अफसर बन जाएंगे. इसमें 331 जीसी भारतीय हैं. इसके साथ ही आईएमए देहरादून एक बार फिर खतरनाक और हर विपदा से लड़ने वाले जवानों की खेप देश को देना जा रहा है. 10 जून (शनिवार) को सेना प्रमुख की अगुवाई में ये जवान देश की रक्षा की शपथ ले रहे हैं. आईएमए में चल रही पासिंग आउट परेड में थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे शामिल हैं.
पीओपी में कुल 373 जीसी भाग ले रहे हैं, जिसमें 331 भारतीय और 42 विदेश जीसी हैं. भारत के अलग-अलग राज्यों के रहने वाले ये जीसी इस बार अकादमी के रेगुलर कोर्स (सीडीएस, एक्स एनडीए व एक्स एसीसी) टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स और यूनिवर्सिटी एंट्री स्कीम के हैं. जूते की टाप और देश भक्ति की धुन के साथ जब ये जीसी अंतिम पग पार करेंगे तो सरहद पर दुश्मनों के पसीने जरूर छूटेंगे. उधर देश की आबादी में एक फीसदी से भी कम हिस्सेदारी रखने वाला उत्तराखंड भारतीय सेना को अफसर देने में इस पासिंग आउट परेड में पांचवें नंबर पर है. जबकि, उत्तराखंड से कहीं ज्यादा आबादी वाले अन्य राज्य सूची में ही नहीं हैं. भारतीय सैन्य अकादमी के आंकड़े भी इसकी तस्दीक करते हैं. पिछले 4 सालों में अकादमी से प्रत्येक टर्म में पास आउट होने वाले कैडेट्स में उत्तराखंड तीसरे नंबर पर है.
राज्यों से कितने कैडेट्स: अफसर बनने वालों में सबसे ज्यादा 63 कैडेट्स उत्तर प्रदेश से हैं. जबकि दूसरे नंबर पर बिहार 33, तीसरे नंबर पर हरियाणा 32, चौथे नंबर पर 26 महाराष्ट्र और पांचवें नंबर पर 25 उत्तराखंड है. सेना में दक्षिण भारत का प्रतिनिधित्व भी बेहद सीमित है. तमिलनाडु से 8, आंध्र प्रदेश से 1, कर्नाटक 11, तेलंगाना 3, केरल 5, कैडेट्स हैं. वहीं, राजस्थान 19, पंजाब 23, मध्य प्रदेश 19, दिल्ली 12, जम्मू व कश्मीर 6, हिमाचल प्रदेश 17, पश्चिम बंगाल 3, झारखंड 8, मणिपुर 1, असम 1 गुजरात 2, चंडीगढ़ 1, उड़ीसा 2, पुडुचेरी 1, अरुणाचल 8, छत्तीसगढ़ 5, त्रिपुरा से 1 कैडेट है.