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मणिपुर में फंसे यूपी-बिहार के छात्रों का दर्द, कहा- चारों तरफ हो रही बमबारी, खाने के भी लाले, सुनिए ऑडियो

मणिपुर में हो रही हिंसा में यूपी और बिहार के काफी छात्र फंसे हुए हैं. लगातार बिगड़ते हालात के बीच उन्हें भरपेट खाना भी नसीब नहीं हो पा रहा है. छात्रों ने सीएम योगी से जल्द उन्हें निकालने की गुहार लगाई है.

मणिपुर में फंसे यूपी-बिहार के छात्रों ने अपनी परेशानी बताई.
मणिपुर में फंसे यूपी-बिहार के छात्रों ने अपनी परेशानी बताई.
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Published : May 6, 2023, 8:05 PM IST

मणिपुर में फंसे यूपी-बिहार के छात्रों ने अपनी परेशानी बताई.

अलीगढ़ : मणिपुर में सुलग रही हिंसा के बीच यूपी और बिहार के काफी छात्र फंसे हुए हैं. परिवार के लोग उनकी सुरक्षा को लेकर फिक्रमंद नजर आ रहे हैं. छात्रों ने सीएम योगी से घर वापसी कराने की गुहार लगाई है. ईटीवी भारत ने वहां फंसे कुछ छात्रों से बातचीत की तो उनकी आवाज में एक अलग सा खौफ नजर आया. छात्रों ने बताया कि वहां उनकी जान हथेली पर है, कब क्या हो जाए, कहा नहीं जा सकता है. उन्हें केवल इतना ही खाना दिया जा रहा है जिससे वे जिंदा रह सकें. पीने का पानी भी सही से नहीं मिल रहा है. दिन-रात उन्हें धमाकों की आवाजें सुनाई देती हैं.

छात्रों ने बताया कि यूपी और बिहार के करीब 100 से अधिक छात्र मणिपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) में विभिन्न कोर्सों की पढ़ाई कर रहे हैं. करीब 25 से अधिक छात्र यूपी के विभिन्न जिलों के हैं. वे अपनी जान का खतरा बता रहे हैं. वापस अपने राज्य लौटना चाहते हैं. डरे हुए छात्र एनआईटी के हॉस्टल में रह रहे हैं. हॉस्टल प्रबंधन ने उन्हें घर जाने के लिए कह दिया है. भोजन का इंतजाम भी बहुत मुश्किल से हो पा रहा है. पिछले 5 दिनों से इंटरनेट बंद है. पीने के लिए पानी भी बमुश्किल से मिल पा रहा है. हालांकि छात्रों ने बताया कि सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ के कुछ जवान हैं. छात्रों ने बताया कि एनआईटी कैंपस के करीब झड़प हो रही है. सरकार ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे रखे हैं. कर्फ्यू भी लगा है. बाहर निकलना मुश्किल है. मणिपुर एनआईटी में गाजियाबाद, गोरखपुर, महोबा, आगरा, गोण्डा, अयोध्या, लखनऊ, अलीगढ़ आदि जिलों के छात्र फंसे हैं.

छात्र आवेश शर्मा ने बताया कि यहां काफी दंगे हो रहे हैं, हम लोग कैंपस से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. सुरक्षा में सिक्योरिटी गार्ड की तैनाती है, लेकिन हमेशा बमबारी की आवाजें आती रहती हैं. हम लोग काफी सहमे हुए हैं. कुछ राज्य सरकारें ने अपने यहां के छात्रों काे यहां से निकाल भी रहीं हैं. हम लोग घर आना चाहते हैं. छात्र रनवीर कुमार ने बताया कि एनआईटी में जिस झील से वाटर सप्लाई आती है उसमें जहर डाल दिया गया है. इससे पीने लायक पानी भी ठीक से नहीं बचा है. बाहर निकलने पर भारी खतरा है. हॉस्टल में खाने-पीने का इंतजाम भी बहुत कम है. एक छात्र को दिन भर में एक लीटर बोतल पानी दिया जाता है. एनआईटी के हॉस्टल प्रबंधन ने घर लौटने के लिए कह दिया है.

रनवीर ने बताया कि यूपी के अभय प्रताप, गौरव, प्रतीक, शिवा, मानव आदि 25 छात्र यूपी लौटना चाहते हैं. छात्रों ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है कि छात्रों को यहां से बाहर निकाला जाए. छात्र जितेंद्र ने बताया कि हालात पिछले 10 दिन से खराब है और इंटरनेट भी बंद है. कॉलेज कैंपस के पास ही पेट्रोल बम छोड़े जाते हैं, गोली चलाई जाती है. रात में छात्र सो नहीं पाते. छात्र जितेन्द्र ने बताया कि हालात ठीक नहीं हैं. यूपी सरकार जल्द मदद मुहैया कराए.

बता दें कि मणिपुर में मेइती और कुकी व नागा समुदाय में जातीय विवाद है. बहुसंख्यक मेईती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का कुकी और नागा विरोध कर रहे हैं. कुकी और नागा समुदाय को आजादी के बाद से ही आदिवासी का दर्जा मिला हुआ है. रिजर्व फॉरेस्ट एरिया से ग्रामीणों को निकालने के अभियान पर भी नाराजगी है. मणिपुर में पिछले कई दिनों से जातीय हिंसा भड़की है. इससे लोग पलायन को मजबूर हो रहे हैं. आगजनी, तोड़फोड़, लूटपाट और हत्या से स्थिति भयावह है. हजारों लोग अपना घर छोड़ पड़ोसी राज्य असम, उड़ीसा में जा चुके हैं. नार्थ ईस्ट के दूसरे राज्यों में भी यहां फंसे लोग पलायन कर रहे है. काफी तादाद में आर्मी और असम राइफल्स के जवान तैनात किए गए हैं.

यह भी पढ़ें : भारत-म्यांमार सीमा पर हवाई निगरानी और यूएवी के साथ चौकसी बढ़ाई

मणिपुर में फंसे यूपी-बिहार के छात्रों ने अपनी परेशानी बताई.

अलीगढ़ : मणिपुर में सुलग रही हिंसा के बीच यूपी और बिहार के काफी छात्र फंसे हुए हैं. परिवार के लोग उनकी सुरक्षा को लेकर फिक्रमंद नजर आ रहे हैं. छात्रों ने सीएम योगी से घर वापसी कराने की गुहार लगाई है. ईटीवी भारत ने वहां फंसे कुछ छात्रों से बातचीत की तो उनकी आवाज में एक अलग सा खौफ नजर आया. छात्रों ने बताया कि वहां उनकी जान हथेली पर है, कब क्या हो जाए, कहा नहीं जा सकता है. उन्हें केवल इतना ही खाना दिया जा रहा है जिससे वे जिंदा रह सकें. पीने का पानी भी सही से नहीं मिल रहा है. दिन-रात उन्हें धमाकों की आवाजें सुनाई देती हैं.

छात्रों ने बताया कि यूपी और बिहार के करीब 100 से अधिक छात्र मणिपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) में विभिन्न कोर्सों की पढ़ाई कर रहे हैं. करीब 25 से अधिक छात्र यूपी के विभिन्न जिलों के हैं. वे अपनी जान का खतरा बता रहे हैं. वापस अपने राज्य लौटना चाहते हैं. डरे हुए छात्र एनआईटी के हॉस्टल में रह रहे हैं. हॉस्टल प्रबंधन ने उन्हें घर जाने के लिए कह दिया है. भोजन का इंतजाम भी बहुत मुश्किल से हो पा रहा है. पिछले 5 दिनों से इंटरनेट बंद है. पीने के लिए पानी भी बमुश्किल से मिल पा रहा है. हालांकि छात्रों ने बताया कि सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ के कुछ जवान हैं. छात्रों ने बताया कि एनआईटी कैंपस के करीब झड़प हो रही है. सरकार ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे रखे हैं. कर्फ्यू भी लगा है. बाहर निकलना मुश्किल है. मणिपुर एनआईटी में गाजियाबाद, गोरखपुर, महोबा, आगरा, गोण्डा, अयोध्या, लखनऊ, अलीगढ़ आदि जिलों के छात्र फंसे हैं.

छात्र आवेश शर्मा ने बताया कि यहां काफी दंगे हो रहे हैं, हम लोग कैंपस से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. सुरक्षा में सिक्योरिटी गार्ड की तैनाती है, लेकिन हमेशा बमबारी की आवाजें आती रहती हैं. हम लोग काफी सहमे हुए हैं. कुछ राज्य सरकारें ने अपने यहां के छात्रों काे यहां से निकाल भी रहीं हैं. हम लोग घर आना चाहते हैं. छात्र रनवीर कुमार ने बताया कि एनआईटी में जिस झील से वाटर सप्लाई आती है उसमें जहर डाल दिया गया है. इससे पीने लायक पानी भी ठीक से नहीं बचा है. बाहर निकलने पर भारी खतरा है. हॉस्टल में खाने-पीने का इंतजाम भी बहुत कम है. एक छात्र को दिन भर में एक लीटर बोतल पानी दिया जाता है. एनआईटी के हॉस्टल प्रबंधन ने घर लौटने के लिए कह दिया है.

रनवीर ने बताया कि यूपी के अभय प्रताप, गौरव, प्रतीक, शिवा, मानव आदि 25 छात्र यूपी लौटना चाहते हैं. छात्रों ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है कि छात्रों को यहां से बाहर निकाला जाए. छात्र जितेंद्र ने बताया कि हालात पिछले 10 दिन से खराब है और इंटरनेट भी बंद है. कॉलेज कैंपस के पास ही पेट्रोल बम छोड़े जाते हैं, गोली चलाई जाती है. रात में छात्र सो नहीं पाते. छात्र जितेन्द्र ने बताया कि हालात ठीक नहीं हैं. यूपी सरकार जल्द मदद मुहैया कराए.

बता दें कि मणिपुर में मेइती और कुकी व नागा समुदाय में जातीय विवाद है. बहुसंख्यक मेईती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का कुकी और नागा विरोध कर रहे हैं. कुकी और नागा समुदाय को आजादी के बाद से ही आदिवासी का दर्जा मिला हुआ है. रिजर्व फॉरेस्ट एरिया से ग्रामीणों को निकालने के अभियान पर भी नाराजगी है. मणिपुर में पिछले कई दिनों से जातीय हिंसा भड़की है. इससे लोग पलायन को मजबूर हो रहे हैं. आगजनी, तोड़फोड़, लूटपाट और हत्या से स्थिति भयावह है. हजारों लोग अपना घर छोड़ पड़ोसी राज्य असम, उड़ीसा में जा चुके हैं. नार्थ ईस्ट के दूसरे राज्यों में भी यहां फंसे लोग पलायन कर रहे है. काफी तादाद में आर्मी और असम राइफल्स के जवान तैनात किए गए हैं.

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