अहमदाबाद : धंधुका किशन भारवाड हत्याकांड मामले में एक के बाद एक सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं. हत्याकांड में दिल्ली के मौलाना कमरगनी उस्मानी को गिरफ्तार किया गया है. गुजरात एटीएस से पूछताछ में उन्होंने बड़ा बयान दिया है. मौलाना कमरगनी उस्मानी ने स्वीकार किया है कि उनके पाकिस्तान के साथ संबंध हैं. दिल्ली के मौलाना ने कहा है कि वह पाकिस्तानी संगठन दावत-ए-इस्लामी से जुड़ा है. कामरगनी भी त्रिपुरा में हुई हिंसा में शामिल था. कमलेश तिवारी हत्याकांड में एटीएस मौलाना से भी पूछताछ कर सकती है. मौलाना की कुछ पाकिस्तानी आतंकियों के साथ संबंध की बात भी उजागर हुई है. इस मामले को लेकर गुजरात एटीएस ने 40 अलग-अलग टीमों का गठन किया है. साथ ही दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मुंबई में इससे जुड़े स्लीपर सेल की भी जांच की जा रही है.
बता दें कि फेसबुक पोस्ट को लेकर एक व्यक्ति की हत्या मामले में हिंदू संगठनों का पूरे गुजरात में प्रदर्शन (Hindu organizations demonstrated across Gujarat) किया. उग्र प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया है. दरअसल, फेसबुक पोस्ट को लेकर किशन भारवाड़ की दो मोटरसाइकिल सवार व्यक्तियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में दो मुस्लिम मौलवियों सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
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Gujarat ATS arrested Maulana Qamar Gani Usmani from Delhi in connection with the Kishan Bharwad Murder case: Imtiaz Sheikh, SP, ATS Gujarat pic.twitter.com/RU0CMK73cE
— ANI (@ANI) January 30, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) January 30, 2022
इस मामले की जांच गुजरात आतंकवाद रोधी दस्ते ने शनिवार को स्थानीय पुलिस से अपने हाथ में ले ली. वहीं सोमवार को दिन के दौरान विश्व हिंदू परिषद, हिंदू जागरण मंच और बजरंग दल के पदाधिकारियों ने कई शहरों में वाहन रैलियों और पैदल मार्च का आयोजन किया, पुलिस को राजकोट में हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा.
राजकोट के पुलिस उपायुक्त मनोहर सिंह जडेजा ने कहा कि रेसकोर्स रोड पर स्थानीय निवासियों का विरोध-प्रदर्शन नियंत्रण से बाहर हो गया जिनमें ज्यादातर मालधारी (मवेशी पालन करने वाले) समुदाय के लोग थे. डीसीपी ने कहा कि मार्च का समापन कलेक्टर कार्यालय पर होना था लेकिन रास्ते में कुछ प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया और एक पुलिस पीसीआर वैन को क्षतिग्रस्त कर दिया. स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हल्के लाठीचार्ज का आदेश दिया गया. एक व्यक्ति ने दावा किया कि वह लाठीचार्ज में घायल हो गया लेकिन हम इस दावे को स्वीकार नहीं करते क्योंकि बल प्रयोग न्यूनतम था.
इन संगठनों द्वारा सूरत, गांधीनगर, टंकारा जेतपुर मोडासा, मोरबी, पोरबंदर, राजुला, महुवा, दीसा, सिद्धपुर, कर्जन, दभोई और पादरा आदि में मार्च, बंद और प्रार्थना सभा सहित विरोध कार्यक्रम आयोजित किए गए. इन संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि सूरत में रांदेर और मोरा भागल में विरोध मार्च आयोजित किए गए, जहां लोगों ने आरोपियों के लिए मौत की सजा की मांग की. जबकि विसावदर, महुवा, पालिताणा और थानगढ़ में बंद का आयोजन किया गया.
दोनों आरोपियों की रिमांड मंजूर
गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों (मौलाना कामरगनी उस्मानी और अजीम समाना ) को 8 दिन की रिमांड पर लिया गया है और धोलेरा के कोर्ट में पेश किया गया. किशन हत्याकांड की पुलिस पूछताछ में रिमांड मिलने के बाद और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं. और पुलिस आगे की जांच कर रही है. दिल्ली के मौलाना कामरगनी उस्मानी और अजीम समाना को 7 फरवरी तक के लिए रिमांड पर लिया गया है.
बता दें कि, दावत-ए-इस्लामी एक इस्लामिक शिक्षा संस्थान है जो कि पाकिस्तान के कराची में स्थित है. यह अहमदाबाद सहित पूरे देश में संचालित होता है. कमरगनी उस्मानी ने यह भी कबूल किया कि वह पिछले छह महीने में राज्य के विभिन्न शहरों का दौरा किया था.
धंधुका में किशन भरवाड हत्याकांड की गूंज पूरे राज्य में गूंज रही है। धंधुका में किशन भरवाड की हत्या के विरोध में राजकोट में हिंदू संगठनों और मालधारी समाज (मालधारी समाज का विरोध किया गया) की रैलियों ने हिंसक रूप ले लिया। पुलिस ने रैली का आरोप लगाया। धंधुका हत्याकांड मामले में राजकोट के अलावा अहमदाबाद, सूरत और कर्जन सहित शहरों में मालधारी समुदाय ने कलेक्टर कार्यालय तक मार्च कर किशन भारवाड़ को न्याय दिलाने के लिए कलेक्टर को आवेदन दिया है. राजकोट में स्थिति तब और बिगड़ गई जब पुलिस ने प्रदर्शन कर रही भीड़ पर लाठियां बरसाईं.
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गुजरात विहिप प्रवक्ता हितेंद्र सिंह राजपूत ने दावा किया कि आम हिंदू नागरिकों ने बोलिया के लिए न्याय की मांग करते हुए आज पूरे राज्य में रैलियां की हैं. लोग चाहते हैं कि पुलिस इस पूरी साजिश की गहराई में जाए जिसके कारण बोलिया की हत्या हुई. हमें पता चला है कि एक और व्यक्ति उनके निशाने पर था और इस तरह के अपराधों के लिए जिम्मेदार विचारधारा की जांच करने की जरूरत है.