लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को उनके बाघंबरी मठ स्थित आवास पर श्रद्धांजलि दी. इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, घटना (अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु) के संबंध में कई साक्ष्य एकत्र किए गए हैं. एडीजी जोन, आईजी रेंज, डीआईजी प्रयागराज समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की टीम मामले की जांच कर रही है.
उन्होंने कहा, एक-एक घटना का पर्दाफाश होगा और दोषी को हर हाल में सजा मिलेगी. दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा सुनाई जाएगी.जानकारी के मुताबिक आज पोस्टमार्टम के बाद महंत नरेंद्र गिरी को भू-समाधि दी जाएगी.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की मौत की खबर सुनते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गयी. महंत नरेंद्र गिरि ने जिस कमरे में सुसाइड किया था, वह अंदर से बंद था. लोगों ने कमरे का दरवाजा तोड़कर जब अंदर का दृश्य देखा तो हर कोई सन्न रह गया. नरेंद्र गिरि का शव फंदे से झूल रहा था. उनके निधन के बाद महंत नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य आनंद गिरि के बीच हुए विवाद की याद भी ताजा हो गई.
यूपी पुलिस एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की आत्महत्या की सूचना उनके शिष्य बबलू ने फोन पर दी. इसके बाद जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उनके शव को उतारा जा चुका था और नीचे रखा हुआ था. पुलिस के अनुसार महंत नरेंद्र गिरि का पोस्टमॉर्टम (Post mortem) मंगलवार को डॉक्टरों के पैनल से करवाया जाएगा. पोस्टमॉर्टम के बाद उनको भू समाधि दी जाएगी.
वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर मंगलवार को प्रयागराज पहुंचे. यहां वह दिवंगत अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल होंगे.
मठ में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का यह पहला मामला नहीं है. दो साल पहले नवंबर महीने में भी अखाड़े के एक संत की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. संत का शव उनके कमरे में मिला था. उन्हें गोली लगी थी. उनकी हथेली में पिस्टल फंसी थी और पास में ही खोखे बरामद किए गए थे. मामले में पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है.
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पुलिस के मुताबिक महंत नरेंद्र गिरि के पास से सुसाइड नोट बरामद हुआ. सुसाइड नोट 6-7 पन्नों का बताया जा रहा है. पुलिस के मुताबिक इस सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि के बारे में जिक्र है, जिसमें लिखा है - 'मैं सम्मान से जिया, अपमान से नहीं जी पाऊंगा इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं'