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जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी संगठन कर रहे स्थानीय भर्तियां, सुरक्षा एजेंसियों के लिए बना चिंता का सबब

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी संगठन स्थानीय युवाओं की भर्ती करने में जुटे हैं जो सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन गया है.

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी संगठन कर रहे स्थानीय भर्तियां
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी संगठन कर रहे स्थानीय भर्तियां
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Published : Jun 2, 2023, 10:15 PM IST

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी संगठनों द्वारा स्थानीय भर्ती आजकल सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बुरा सपना बन गई है, सुरक्षा प्रतिष्ठान के एक अधिकारी ने शुक्रवार को ईटीवी भारत को बताया. जम्मू-कश्मीर में जिस चीज ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है, वह यह है कि नए रंगरूटों को बमों, आईईडी और छोटे हथियारों के इस्तेमाल से आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है.

अधिकारी ने कहा, 'चूंकि हमने अपनी सीमा पर गश्त तेज कर दी है, इसलिए पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों के लिए भारत में घुसपैठ करना असंभव हो गया है'. अधिकारी ने आगे बताया कि, 'जम्मू और कश्मीर फ्रीडम सहित जम्मू-कश्मीर में पिछले डेढ़ साल में कम से कम पांच आतंकवादी संगठन सक्रीय है. वो हैं- रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF), यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट जम्मू एंड कश्मीर (ULFJ & K), मुजाहिदीन गजवत-उल-हिंद (MGH), फाइटर्स (JKFF), कश्मीर टाइगर और पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAAF)'.

हालांकि जम्मू-कश्मीर में वर्तमान में सक्रिय आतंकवादियों की संख्या अधिकारी के अनुसार अब तक सबसे कम (50) है, स्थानीय आतंकवादियों की संख्या लगभग 30-35 है. अधिकारी ने कहा, 'विदेशी आतंकवादी अपने नापाक मंसूबे को हासिल करने के लिए स्थानीय युवाओं को गोलबंद करने की कोशिश कर रहे हैं.' अधिकारी ने कहा कि नए रंगरूटों को विदेशी धरती पर प्रशिक्षित करने में असमर्थ विदेशी आतंकी नए रंगरूटों को चिपचिपे बम और छोटे हथियारों से हमला करने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण दे रहे हैं. धन इकट्ठा करने और मादक पदार्थों के साथ-साथ हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति करने में शामिल होने के अलावा चिपचिपे बमों, आईईडी के संग्रह और वितरण में शामिल हैं.

जम्मू-कश्मीर मुद्दे से जुड़े गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संवाददाता को बताया कि क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियों को विशेष निर्देश जारी किए गए हैं. अधिकारी ने कहा, 'विशेष रूप से, एनआईए को तलाशी अभियान चलाते रहने के लिए विशिष्ट निर्देश दिए गए हैं ताकि आतंकी हमले को किसी भी आतंकी हमले को अंजाम देने का कोई व्यापक अवसर न मिल सके.'

गौरतलब है कि एनआईए ने कश्मीर घाटी में, हमदर्दों के आवासीय परिसरों में, विभिन्न नए बने आतंकवादी संगठनों से जुड़े हाइब्रिड आतंकवादी और ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) ठिकानों को लेकर तलाशी अभियान चलाया था. अधिकारी ने कहा, 'एनआईए को आतंकवाद विरोधी अभियानों में गहराई तक जाने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के साथ स्थानीय संपर्क बनाए रखने के लिए भी कहा गया है'.

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नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी संगठनों द्वारा स्थानीय भर्ती आजकल सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बुरा सपना बन गई है, सुरक्षा प्रतिष्ठान के एक अधिकारी ने शुक्रवार को ईटीवी भारत को बताया. जम्मू-कश्मीर में जिस चीज ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है, वह यह है कि नए रंगरूटों को बमों, आईईडी और छोटे हथियारों के इस्तेमाल से आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है.

अधिकारी ने कहा, 'चूंकि हमने अपनी सीमा पर गश्त तेज कर दी है, इसलिए पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों के लिए भारत में घुसपैठ करना असंभव हो गया है'. अधिकारी ने आगे बताया कि, 'जम्मू और कश्मीर फ्रीडम सहित जम्मू-कश्मीर में पिछले डेढ़ साल में कम से कम पांच आतंकवादी संगठन सक्रीय है. वो हैं- रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF), यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट जम्मू एंड कश्मीर (ULFJ & K), मुजाहिदीन गजवत-उल-हिंद (MGH), फाइटर्स (JKFF), कश्मीर टाइगर और पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAAF)'.

हालांकि जम्मू-कश्मीर में वर्तमान में सक्रिय आतंकवादियों की संख्या अधिकारी के अनुसार अब तक सबसे कम (50) है, स्थानीय आतंकवादियों की संख्या लगभग 30-35 है. अधिकारी ने कहा, 'विदेशी आतंकवादी अपने नापाक मंसूबे को हासिल करने के लिए स्थानीय युवाओं को गोलबंद करने की कोशिश कर रहे हैं.' अधिकारी ने कहा कि नए रंगरूटों को विदेशी धरती पर प्रशिक्षित करने में असमर्थ विदेशी आतंकी नए रंगरूटों को चिपचिपे बम और छोटे हथियारों से हमला करने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण दे रहे हैं. धन इकट्ठा करने और मादक पदार्थों के साथ-साथ हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति करने में शामिल होने के अलावा चिपचिपे बमों, आईईडी के संग्रह और वितरण में शामिल हैं.

जम्मू-कश्मीर मुद्दे से जुड़े गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संवाददाता को बताया कि क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियों को विशेष निर्देश जारी किए गए हैं. अधिकारी ने कहा, 'विशेष रूप से, एनआईए को तलाशी अभियान चलाते रहने के लिए विशिष्ट निर्देश दिए गए हैं ताकि आतंकी हमले को किसी भी आतंकी हमले को अंजाम देने का कोई व्यापक अवसर न मिल सके.'

गौरतलब है कि एनआईए ने कश्मीर घाटी में, हमदर्दों के आवासीय परिसरों में, विभिन्न नए बने आतंकवादी संगठनों से जुड़े हाइब्रिड आतंकवादी और ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) ठिकानों को लेकर तलाशी अभियान चलाया था. अधिकारी ने कहा, 'एनआईए को आतंकवाद विरोधी अभियानों में गहराई तक जाने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के साथ स्थानीय संपर्क बनाए रखने के लिए भी कहा गया है'.

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