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वनभूलपुरा के शाहीन बाग बनने से पहले सरकार चलाए बुलडोजर- स्वामी आनंद स्वरूप

10 जनवरी से हल्द्वानी के वनभूलपुरा में रेलवे की जमीन पर हुए अतिक्रमण को हटाया जाना है. इसके तहत 4000 से ज्यादा मकान गिराए जाएंगे. काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने इस मामले की तुलना शाहीन बाग से कर विवाद को जन्म दे दिया है. स्वामी आनंद स्वरूप का कहना है कि धामी सरकार वनभूलपुरा को शाहीन बाग बनने से पहले अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाए.

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Published : Jan 5, 2023, 1:00 PM IST

स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा- वनभूलपुरा के शाहीन बाग बनने से पहले सरकार चलाए बुलडोजर

हरिद्वार: उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर में रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. भीषण ठंड के बीच जहां लोग सड़क पर प्रदर्शन कर अपने आशियाना बचाने की गुहार लगा रहे हैं, वहीं पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर अब सबकी नजर बनी हुई है. वहीं इस बीच काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप का तीखा बयान सामने आया है. स्वामी आनंद स्वरूप ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग की है कि जल्द से जल्द इस अवैध बस्ती के अतिक्रमण हटाया जाए.

वनभूलपुरा की शाहीन बाग से तुलना: स्वामी आनंद स्वरूप का कहना है कि इस तरह की बस्ती देवभूमि उत्तराखंड में किस तरह बस गई, यह बहुत बड़ा सवाल है. यह तो सिर्फ एक बस्ती है जो हल्द्वानी में है, बल्कि कई शहरों में ऐसी और बस्तियां भी हैं. आज हल्द्वानी में 4500 घरों में से लगभग 3500 घर रोहिंग्या मुसलमानों के हैं. उसके बावजूद भी सरकार अभी भी बुलडोजर चलाने में डर रही है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि देवभूमि उत्तराखंड में हिंदुत्व का भविष्य कितने खतरे में है. स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि अब आलम यह है कि पूरे देश से हल्द्वानी के लिए मुसलमान जुटने शुरू हो गए हैं. सरकार को चाहिए यदि उत्तराखंड में संभव नहीं है तो उत्तर प्रदेश की सहायता लेकर बुलडोजर चलाकर और भू माफियाओं पर मुकदमा दर्ज कर इन्हें जेल में डालना चाहिए.
ये भी पढ़ें: क्या हल्द्वानी में टूटेंगे 4 हजार से ज्यादा घर? मिलेगी राहत या आएगी आफत, SC में सुनवाई आज

स्वामी आनंद स्वरूप ने ओवैशी पर साधा निशाना: वहीं ओवैसी पर बोलते हुए स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि जहां भी इस तरह के मामले आते हैं, वहां पर ओवैसी खड़े हो जाते हैं और उल जलूल बयान देने लगते हैं. मुझे नहीं पता कि ओवैसी ने संविधान की कसम ली है या फिर कुछ और की. लेकिन उत्तराखंड में शाहीन बाग बाग जैसी स्थिति नहीं बनने दी जाएगी.

क्या है वनभूलपुरा का मामला: दरअसल, हल्द्वानी के वनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे की जमीन है. इस जमीन पर कई साल पहले कुछ लोगों ने कच्चे घर बना लिए थे. धीरे-धीरे यहां पक्के मकान बन गए और धीरे-धीरे बस्तियां बसती चली गईं. नैनीताल हाईकोर्ट ने इन बस्तियों में बसे लोगों को हटाने का आदेश दिया था. रेलवे ने समाचार पत्रों के जरिए नोटिस जारी कर अतिक्रमणकारियों को 1 हफ्ते के अंदर यानी 9 जनवरी तक कब्जा हटाने को कहा है. रेलवे और जिला प्रशासन ने ऐसा न करने पर मकानों को तोड़ने की चेतावनी दी है. लोग अब अपने घरों को बचाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं.

स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा- वनभूलपुरा के शाहीन बाग बनने से पहले सरकार चलाए बुलडोजर

हरिद्वार: उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर में रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. भीषण ठंड के बीच जहां लोग सड़क पर प्रदर्शन कर अपने आशियाना बचाने की गुहार लगा रहे हैं, वहीं पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर अब सबकी नजर बनी हुई है. वहीं इस बीच काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप का तीखा बयान सामने आया है. स्वामी आनंद स्वरूप ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग की है कि जल्द से जल्द इस अवैध बस्ती के अतिक्रमण हटाया जाए.

वनभूलपुरा की शाहीन बाग से तुलना: स्वामी आनंद स्वरूप का कहना है कि इस तरह की बस्ती देवभूमि उत्तराखंड में किस तरह बस गई, यह बहुत बड़ा सवाल है. यह तो सिर्फ एक बस्ती है जो हल्द्वानी में है, बल्कि कई शहरों में ऐसी और बस्तियां भी हैं. आज हल्द्वानी में 4500 घरों में से लगभग 3500 घर रोहिंग्या मुसलमानों के हैं. उसके बावजूद भी सरकार अभी भी बुलडोजर चलाने में डर रही है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि देवभूमि उत्तराखंड में हिंदुत्व का भविष्य कितने खतरे में है. स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि अब आलम यह है कि पूरे देश से हल्द्वानी के लिए मुसलमान जुटने शुरू हो गए हैं. सरकार को चाहिए यदि उत्तराखंड में संभव नहीं है तो उत्तर प्रदेश की सहायता लेकर बुलडोजर चलाकर और भू माफियाओं पर मुकदमा दर्ज कर इन्हें जेल में डालना चाहिए.
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स्वामी आनंद स्वरूप ने ओवैशी पर साधा निशाना: वहीं ओवैसी पर बोलते हुए स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि जहां भी इस तरह के मामले आते हैं, वहां पर ओवैसी खड़े हो जाते हैं और उल जलूल बयान देने लगते हैं. मुझे नहीं पता कि ओवैसी ने संविधान की कसम ली है या फिर कुछ और की. लेकिन उत्तराखंड में शाहीन बाग बाग जैसी स्थिति नहीं बनने दी जाएगी.

क्या है वनभूलपुरा का मामला: दरअसल, हल्द्वानी के वनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे की जमीन है. इस जमीन पर कई साल पहले कुछ लोगों ने कच्चे घर बना लिए थे. धीरे-धीरे यहां पक्के मकान बन गए और धीरे-धीरे बस्तियां बसती चली गईं. नैनीताल हाईकोर्ट ने इन बस्तियों में बसे लोगों को हटाने का आदेश दिया था. रेलवे ने समाचार पत्रों के जरिए नोटिस जारी कर अतिक्रमणकारियों को 1 हफ्ते के अंदर यानी 9 जनवरी तक कब्जा हटाने को कहा है. रेलवे और जिला प्रशासन ने ऐसा न करने पर मकानों को तोड़ने की चेतावनी दी है. लोग अब अपने घरों को बचाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं.

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