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अफगानिस्तान के राजवंश ने बनवाया था देहरादून का काबुल हाउस, फेमस बासमती चावल से है खास कनेक्शन

Kabul House in Dehradun उत्तराखंड के देहरादून में काबुल हाउस मौजूद है. जिसे साल 1879 में अफगानिस्तान के राजा मोहम्मद याकूब खान ने बनवाया था. इसके अलावा देहरादून की फेमस बासमती चावल की खेती का श्रेय भी उन्हीं को जाता है. इतिहासकारों की मानें तो देहरादून में अफगानिस्तान के इस शाही परिवार ने बासमती की खेती (Dehradun Basmati Rice) शुरू की थी. जिसके बाद यहां का चावल दुनियाभर में अपने स्वाद के लिए पहचान बना गया. जानिए क्यों सुर्खियों में आया काबुल हाउस और कैसे जुड़ा बासमती से खास कनेक्शन. Afghanistan King Mohammad Yaqub khan

Kabul House in Dehradun
काबुल हाउस का बासमती चावल का कनेक्शन
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 3, 2023, 10:48 PM IST

Updated : Nov 4, 2023, 1:42 PM IST

देहरादून (उत्तराखंड): उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सर्वे चौक के पास स्थित काबुल हाउस इन दिनों चर्चाओं में है. चर्चाओं की वजह काबुल हाउस की जमीन पर घर बनाकर लंबे समय से काबिज 16 परिवारों को प्रशासन की ओर से बाहर का रास्ता दिखाना है. ऐसे में ये परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए हैं. हालांकि, इन सभी परिवारों को नैनीताल हाईकोर्ट ने 2 दिसंबर तक यहां से जाने की मोहलत दी है ताकि, ये लोग रहने के लिए ठिकाना ढूंढ सके. जिस काबुल हाउस में ये लोग रह रहे थे, वो अफगानिस्तान के राजा ने बनवाया था.

Kabul House in Dehradun
देहरादून का काबुल हाउस

अफगानिस्तान के राजा मोहम्मद ने बनाया था काबुल हाउसः दरअसल, काबुल हाउस का निर्माण साल 1879 में अफगानिस्तान के राजा मोहम्मद याकूब खान ने करवाया था, लेकिन साल 1947 में भारत और पाकिस्तान के विभाजन के दौरान याकूब खान के वंशज पाकिस्तान चले गए थे. जिसके बाद तमाम लोगों ने फर्जी दस्तावेज बनाकर स्वामित्व का दावा किया था. काबुल हाउस में करीब 16 परिवार अपना मकान बनाकर रहने लगे. करीब 40 साल पहले अवैध रूप से बसे होने का मामला सामने आया था. जिसके बाद से ही यह मामला देहरादून की जिला मजिस्ट्रेट की अदालत में पेंडिंग पड़ा हुआ था.
ये भी पढ़ेंः Kabul House से निकाले गए 16 परिवारों का दर्द, 11 दिसंबर को होनी है बेटी की शादी, उससे पहले ही हो गए बेघर

लिहाजा, अब देहरादून डीएम ने इस संपत्ति पर फैसला सुनाते हुए काबुल हाउस को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया है. साथ ही करीब 400 करोड़ रुपए की इस संपत्ति में रहने वाले लोगों को घर खाली करने का नोटिस दे दिया. देहरादून तहसीलदार सदर मोहम्मद शादाब से मिली जानकारी के अनुसार, बीती 17 अक्टूबर 2023 को 15 दिन के भीतर इन परिवारों को जमीन खाली करने का नोटिस दिया गया था, लेकिन एक नवंबर तक जमीन खाली न होने के चलते पुलिस प्रशासन की मदद से फिर से खाली कराने का आदेश जारी किया गया. जिसके तहत 2 नवंबर को काबुल हाउस में रहने वाले 16 परिवारों के सामान को बाहर निकालकर घरों को सील कर दिया.
ये भी पढ़ेंः खेतों से गायब हुई देहरादून की विश्व प्रसिद्ध बासमती, अफगानिस्तान के राजा की है देन

काबुल हाउस में रहे अफगानिस्तान राजवंश की देन है देहरादून की बासमतीः देहरादून का बासमती चावल, काबुल हाउस में रहे अफगानिस्तान राजवंश की देन माना जाता है. इतिहासकार जय सिंह रावत की मानें तो आज से करीब 200 साल पहले अफगानिस्तान का शाही परिवार देहरादून आया था और यहीं पर बस गया. उन्हें पुलाव काफी पसंद था, जिसके चलते ये लोग अफगानिस्तान से बासमती के बीज ले आए और यहां खेती करने के लिए व्यापारी को दे दिए.

Kabul House in Dehradun
राजा मोहम्मद याकूब खान ने बनाया था काबुल हाउस

वहीं, समय बीतने के साथ ही साल 1879 में मोहम्मद याकूब खान ने यहां पर यानी देहरादून में काबुल हाउस बनवाया. साथ ही बासमती की खेती को जारी रखा. इतना ही नहीं, यहां के लोगों को भी बासमती की खेती करना सिखाया. जिसके बाद से ही देहरादून में बासमती चावल की खेती होने लगी. जो लगातार होती आ रही है. ये बात अलग है कि देहरादून अब शहरीकरण की वजह से कंक्रीट में तब्दील हो रहा है और बासमती की खेती कम हो गई है.
ये भी पढ़ेंः देहरादून में अफगानिस्तान के राजा का ऐतिहासिक काबुल हाउस सील, 16 परिवारों से खाली करवाया कब्जा, 40 सालों से अटका था केस

देहरादून (उत्तराखंड): उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सर्वे चौक के पास स्थित काबुल हाउस इन दिनों चर्चाओं में है. चर्चाओं की वजह काबुल हाउस की जमीन पर घर बनाकर लंबे समय से काबिज 16 परिवारों को प्रशासन की ओर से बाहर का रास्ता दिखाना है. ऐसे में ये परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए हैं. हालांकि, इन सभी परिवारों को नैनीताल हाईकोर्ट ने 2 दिसंबर तक यहां से जाने की मोहलत दी है ताकि, ये लोग रहने के लिए ठिकाना ढूंढ सके. जिस काबुल हाउस में ये लोग रह रहे थे, वो अफगानिस्तान के राजा ने बनवाया था.

Kabul House in Dehradun
देहरादून का काबुल हाउस

अफगानिस्तान के राजा मोहम्मद ने बनाया था काबुल हाउसः दरअसल, काबुल हाउस का निर्माण साल 1879 में अफगानिस्तान के राजा मोहम्मद याकूब खान ने करवाया था, लेकिन साल 1947 में भारत और पाकिस्तान के विभाजन के दौरान याकूब खान के वंशज पाकिस्तान चले गए थे. जिसके बाद तमाम लोगों ने फर्जी दस्तावेज बनाकर स्वामित्व का दावा किया था. काबुल हाउस में करीब 16 परिवार अपना मकान बनाकर रहने लगे. करीब 40 साल पहले अवैध रूप से बसे होने का मामला सामने आया था. जिसके बाद से ही यह मामला देहरादून की जिला मजिस्ट्रेट की अदालत में पेंडिंग पड़ा हुआ था.
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लिहाजा, अब देहरादून डीएम ने इस संपत्ति पर फैसला सुनाते हुए काबुल हाउस को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया है. साथ ही करीब 400 करोड़ रुपए की इस संपत्ति में रहने वाले लोगों को घर खाली करने का नोटिस दे दिया. देहरादून तहसीलदार सदर मोहम्मद शादाब से मिली जानकारी के अनुसार, बीती 17 अक्टूबर 2023 को 15 दिन के भीतर इन परिवारों को जमीन खाली करने का नोटिस दिया गया था, लेकिन एक नवंबर तक जमीन खाली न होने के चलते पुलिस प्रशासन की मदद से फिर से खाली कराने का आदेश जारी किया गया. जिसके तहत 2 नवंबर को काबुल हाउस में रहने वाले 16 परिवारों के सामान को बाहर निकालकर घरों को सील कर दिया.
ये भी पढ़ेंः खेतों से गायब हुई देहरादून की विश्व प्रसिद्ध बासमती, अफगानिस्तान के राजा की है देन

काबुल हाउस में रहे अफगानिस्तान राजवंश की देन है देहरादून की बासमतीः देहरादून का बासमती चावल, काबुल हाउस में रहे अफगानिस्तान राजवंश की देन माना जाता है. इतिहासकार जय सिंह रावत की मानें तो आज से करीब 200 साल पहले अफगानिस्तान का शाही परिवार देहरादून आया था और यहीं पर बस गया. उन्हें पुलाव काफी पसंद था, जिसके चलते ये लोग अफगानिस्तान से बासमती के बीज ले आए और यहां खेती करने के लिए व्यापारी को दे दिए.

Kabul House in Dehradun
राजा मोहम्मद याकूब खान ने बनाया था काबुल हाउस

वहीं, समय बीतने के साथ ही साल 1879 में मोहम्मद याकूब खान ने यहां पर यानी देहरादून में काबुल हाउस बनवाया. साथ ही बासमती की खेती को जारी रखा. इतना ही नहीं, यहां के लोगों को भी बासमती की खेती करना सिखाया. जिसके बाद से ही देहरादून में बासमती चावल की खेती होने लगी. जो लगातार होती आ रही है. ये बात अलग है कि देहरादून अब शहरीकरण की वजह से कंक्रीट में तब्दील हो रहा है और बासमती की खेती कम हो गई है.
ये भी पढ़ेंः देहरादून में अफगानिस्तान के राजा का ऐतिहासिक काबुल हाउस सील, 16 परिवारों से खाली करवाया कब्जा, 40 सालों से अटका था केस

Last Updated : Nov 4, 2023, 1:42 PM IST
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