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Uttarakhand UCC: उत्तराखंड समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार, लागू करने वाला पहला राज्य बनेगा उत्तराखंड - समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार

उत्तराखंड के बहुप्रतीक्षित समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) का मसौदा यानी ड्राफ्ट पूरा हो गया है. मसौदा पूरा होने पर उत्तराखंड के लिए समान नागरिक संहिता (UCC) का मसौदा तैयार करने वाली समिति की अध्यक्ष जस्टिस (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. रंजना देसाई ने कहा कि विधि आयोग पहले ही इस मुद्दे को लेकर काम करने पर विचार कर रहा है.

Uniform Civil Code
समान नागरिक संहिता
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Published : Jun 30, 2023, 2:15 PM IST

Updated : Jun 30, 2023, 8:14 PM IST

उत्तराखंड समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार.

नई दिल्ली/देहरादून: उत्तराखंड के समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार हो गया है. इसकी घोषणा आज उत्तराखंड UCC कमेटी की अध्यक्ष जस्टिस रंजना देसाई ने की. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नई दिल्ली में जस्टिस रंजना देसाई ने कहा कि मुझे आपको यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि उत्तराखंड के प्रस्तावित समान नागरिक संहिता का मसौदा अब पूरा हो गया है. ड्राफ्ट के साथ विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट मुद्रित की जाएगी. इसके बाद इसे उत्तराखंड सरकार को सौंपा जाएगा.

उत्तराखंड UCC का मसौदा तैयार: जस्टिस रंजना देसाई ने कहा कि कमेटी ने उत्तराखंड के राजनेताओं, मंत्रियों, विधायकों और आम जनता की राय ली है. उसके बाद ही समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार किया गया है. इससे पहले 2 जून को जस्टिस रंजना देसाई और उत्तराखंड के लिए यूसीसी का मसौदा तैयार करने वाली समिति के सदस्यों ने विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस (सेवानिवृत्त) ऋतुराज अवस्थी और सदस्यों केटी शंकरन, आनंद पालीवाल और डीपी वर्मा से मुलाकात की थी, तब जस्टिस रंजना देसाई ने कहा था कि विधि आयोग इस मुद्दे को लेकर काम करने पर विचार कर रहा है.
ये भी पढ़ें: समान नागरिक संहिता पर बोले CM धामी, सभी राज्य UCC लागू करें, देश को इसकी जरूरत

लैंगिक समानता सुनिश्चित करने पर जोर: देसाई ने बताया कि समिति का जोर महिलाओं, बच्चों और विकलांग व्यक्तियों को ध्यान में रखते हुए लैंगिक समानता सुनिश्चित करने पर है. समिति ने मनमानी और भेदभाव को खत्म करके सभी को समान स्तर पर लाने की कोशिश की है. देसाई ने कहा कि समिति ने मुस्लिम देशों सहित विभिन्न देशों में मौजूदा कानूनों का अध्ययन किया है. उन्होंने कहा, "हमने सब कुछ देखा है, व्यक्तिगत कानूनों का अध्ययन किया है. हमने विधि आयोग की रिपोर्ट का भी अध्ययन किया है. यदि आप हमारा मसौदा पढ़ेंगे तो आपको लगेगा कि समिति ने हर चीज पर विचार किया है. यदि यह मसौदा लागू होता है, तो हमारे देश का धर्मनिरपेक्ष ताना-बाना मजबूत होगा."

  • #WATCH | It gives me immense pleasure to inform you that the drafting of the proposed Uniform Civil Code of Uttarakhand is now complete. The report of the expert committee along with the draft will be printed and submitted to the Government of Uttarakhand: Retd Supreme Court… pic.twitter.com/7RGqaZZtYk

    — ANI (@ANI) June 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जनता की राय जानने के लिए बनाई गई उप-समिति: देसाई ने कहा कि समिति ने अपनी पहली बैठक पिछले साल 4 जुलाई को दिल्ली में की थी और तब से समिति 63 बार बैठक कर चुकी है. लिखित प्रस्तुतियों के साथ-साथ सार्वजनिक संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से जनता की राय जानने के लिए पिछले साल एक उप-समिति का गठन किया गया था. उप-समिति ने अपने सार्वजनिक 'आउटरीच कार्यक्रम' की शुरुआत सीमावर्ती गांव माणा से की और उत्तराखंड के सभी जिलों को कवर करते हुए 40 अलग-अलग स्थानों का दौरा किया.

उप-समिति की देहरादून और अन्य स्थानों पर 143 बार बैठकें हुईं. इसके अलावा समिति ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, राज्य वैधानिक आयोगों के साथ-साथ विभिन्न धार्मिक संप्रदायों के नेताओं के साथ भी बातचीत की. उप-समिति ने सार्वजनिक परामर्श अभ्यास के दौरान लगभग 20 हजार लोगों से बातचीत की. समिति के लोगों को कुल मिलाकर 2.31 लाख लिखित प्रस्तुतियां प्राप्त हुईं.

Uniform Civil Code
समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट का सफर

देसाई ने बताया कि उत्तराखंड यूसीसी समिति ने 2 जून को दिल्ली में भारत के विधि आयोग के अध्यक्ष और उसके सदस्यों के साथ बातचीत भी की. जिसमें विधि आयोग और विशेषज्ञ समिति दोनों के सदस्यों के साथ-साथ अध्यक्ष भी मौजूद थे. इस कार्यक्रम का समापन 14 जून को दिल्ली में एक सार्वजनिक चर्चा के साथ हुआ, जिसमें दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रहने वाले उत्तराखंड के निवासियों की भागीदारी थी.

Uttarakhand Uniform Civil Code
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट का सफर

उत्तराखंड सरकार ने पिछले साल मई में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) रंजना देसाई के नेतृत्व में विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया था. जो उत्तराखंड के निवासियों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को रेगुलेट करने वाले विभिन्न मौजूदा कानूनों की जांच करेगी और शादी, तलाक, संपत्ति के अधिकार, उत्तराधिकार, विरासत, गोद लेने, रखरखाव, हिरासत और संरक्षकता जैसे विषयों पर कानूनों का मसौदा तैयार करेगी या मौजूदा कानूनों में बदलाव का सुझाव देगी. इस संबंध में एक नोटिफिकेशन 27 मई 2022 को जारी किया गया था और संदर्भ की शर्तें पिछले साल 10 जून को अधिसूचित की गई थीं.

ड्राफ्ट तैयार, उत्तराखंड में अब UCC होगा लागू: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समान नागरिक संहिता यानी UCC को लेकर बहुत उत्साहित हैं. वो लगातार विभिन्न मंचों पर UCC लागू करने की बात कहते रहे हैं. जब 2022 में उत्तराखंड विधानसभा के चुनाव हो रहे थे तो मतदान से ठीक पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूनीफॉर्म सिविल कोड लागू करने की बात कही थी. सरकार बनने के बाद UCC पर बहुत तेजी से काम हुआ. अब UCC का मसौदा तैयार हो चुका है.

Uttarakhand Uniform Civil Code
उत्तराखंड में यूसीसी का ड्राफ्ट का सफर

दरअसल, इन दिनों देशभर में यूसीसी का मुद्दा चर्चाओं में है. क्योंकि केंद्र सरकार भी आगामी मॉनसून सत्र के दौरान यूसीसी ड्राफ्ट को पारित कर लागू कर सकती है. उत्तराखंड में यूसीसी के लिए ड्राफ्ट तैयार किए जाने को लेकर सरकार ने 27 मई 2022 को आदेश जारी कर विशेषज्ञ समिति का गठन किया था. इसके बाद से ही डॉक्टर रंजना देसाई की अध्यक्षता में गठित कमेटी, ड्राफ्ट तैयार करने के लिए काम कर रही थी. ऐसे में अब ड्राफ्ट तैयार करने का काम पूरा हो गया है.

लिहाजा, यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गठित कमेटी जल्द ही उत्तराखंड सरकार को ड्राफ्ट सौंप देगी. ऐसे में उम्मीद ही जा रही है कि इस महीने के भीतर उत्तराखंड राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो जाएगा. बता दें कि गठित विशेषज्ञ समिति की पहली बैठक 4 जुलाई को हुई थी. इसके बाद से अभी तक 63 बैठकें कमेटी कर चुकी है. लोगों के सुझाव के लिए गठित उप समिति ने करीब 20 हजार लोगों से मुलाकात कर सुझाव लिए थे, इसके साथ ही करीब 2 लाख 31 हजार से ज्यादा लिखित सुझाव कमेटी को मिले थे.

ये भी पढ़ें: Uniform Civil Code: फिर उठ खड़ा हुआ समान नागरिक संहिता विवाद, जानें क्या है यह मामला

क्या बोले सीएम धामी? उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि यूसीसी के मसौदा को लेकर समिति लोगों के बीच गई और एक साल से ज्यादा समय तक काम किया. समिति ने 2 लाख से ज्यादा लोगों, कई हितधारकों, संगठनों और बुद्धिजीवियों से बात की. जल्द ही ड्राफ्ट सरकार को मिल जाएगी. इसके बाद सरकार आगे की कार्रवाई करेगी. राज्य सरकार को केंद्र सरकार का भी सहयोग प्राप्त है.

Uniform Civil Code
सीएम धामी का बयान

वहीं, बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता विपिन कैंथोला ने बताया कि यूसीसी के लिए गठित कमेटी ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. ऐसे में जल्द ही कमेटी सरकार को ड्राफ्ट सौंप देगी. जिसके बाद आगामी कैबिनेट के सम्मुख इस ड्राफ्ट को रखा जाएगा. इसके बाद मॉनसून सत्र के दौरान इसे विधानसभा में पारित करा लिया जाएगा. वहीं, विधिक कार्रवाई के साथ इसे लागू कर दिया जाएगा.

(With PTI Inputs)

उत्तराखंड समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार.

नई दिल्ली/देहरादून: उत्तराखंड के समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार हो गया है. इसकी घोषणा आज उत्तराखंड UCC कमेटी की अध्यक्ष जस्टिस रंजना देसाई ने की. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नई दिल्ली में जस्टिस रंजना देसाई ने कहा कि मुझे आपको यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि उत्तराखंड के प्रस्तावित समान नागरिक संहिता का मसौदा अब पूरा हो गया है. ड्राफ्ट के साथ विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट मुद्रित की जाएगी. इसके बाद इसे उत्तराखंड सरकार को सौंपा जाएगा.

उत्तराखंड UCC का मसौदा तैयार: जस्टिस रंजना देसाई ने कहा कि कमेटी ने उत्तराखंड के राजनेताओं, मंत्रियों, विधायकों और आम जनता की राय ली है. उसके बाद ही समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार किया गया है. इससे पहले 2 जून को जस्टिस रंजना देसाई और उत्तराखंड के लिए यूसीसी का मसौदा तैयार करने वाली समिति के सदस्यों ने विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस (सेवानिवृत्त) ऋतुराज अवस्थी और सदस्यों केटी शंकरन, आनंद पालीवाल और डीपी वर्मा से मुलाकात की थी, तब जस्टिस रंजना देसाई ने कहा था कि विधि आयोग इस मुद्दे को लेकर काम करने पर विचार कर रहा है.
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लैंगिक समानता सुनिश्चित करने पर जोर: देसाई ने बताया कि समिति का जोर महिलाओं, बच्चों और विकलांग व्यक्तियों को ध्यान में रखते हुए लैंगिक समानता सुनिश्चित करने पर है. समिति ने मनमानी और भेदभाव को खत्म करके सभी को समान स्तर पर लाने की कोशिश की है. देसाई ने कहा कि समिति ने मुस्लिम देशों सहित विभिन्न देशों में मौजूदा कानूनों का अध्ययन किया है. उन्होंने कहा, "हमने सब कुछ देखा है, व्यक्तिगत कानूनों का अध्ययन किया है. हमने विधि आयोग की रिपोर्ट का भी अध्ययन किया है. यदि आप हमारा मसौदा पढ़ेंगे तो आपको लगेगा कि समिति ने हर चीज पर विचार किया है. यदि यह मसौदा लागू होता है, तो हमारे देश का धर्मनिरपेक्ष ताना-बाना मजबूत होगा."

  • #WATCH | It gives me immense pleasure to inform you that the drafting of the proposed Uniform Civil Code of Uttarakhand is now complete. The report of the expert committee along with the draft will be printed and submitted to the Government of Uttarakhand: Retd Supreme Court… pic.twitter.com/7RGqaZZtYk

    — ANI (@ANI) June 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जनता की राय जानने के लिए बनाई गई उप-समिति: देसाई ने कहा कि समिति ने अपनी पहली बैठक पिछले साल 4 जुलाई को दिल्ली में की थी और तब से समिति 63 बार बैठक कर चुकी है. लिखित प्रस्तुतियों के साथ-साथ सार्वजनिक संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से जनता की राय जानने के लिए पिछले साल एक उप-समिति का गठन किया गया था. उप-समिति ने अपने सार्वजनिक 'आउटरीच कार्यक्रम' की शुरुआत सीमावर्ती गांव माणा से की और उत्तराखंड के सभी जिलों को कवर करते हुए 40 अलग-अलग स्थानों का दौरा किया.

उप-समिति की देहरादून और अन्य स्थानों पर 143 बार बैठकें हुईं. इसके अलावा समिति ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, राज्य वैधानिक आयोगों के साथ-साथ विभिन्न धार्मिक संप्रदायों के नेताओं के साथ भी बातचीत की. उप-समिति ने सार्वजनिक परामर्श अभ्यास के दौरान लगभग 20 हजार लोगों से बातचीत की. समिति के लोगों को कुल मिलाकर 2.31 लाख लिखित प्रस्तुतियां प्राप्त हुईं.

Uniform Civil Code
समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट का सफर

देसाई ने बताया कि उत्तराखंड यूसीसी समिति ने 2 जून को दिल्ली में भारत के विधि आयोग के अध्यक्ष और उसके सदस्यों के साथ बातचीत भी की. जिसमें विधि आयोग और विशेषज्ञ समिति दोनों के सदस्यों के साथ-साथ अध्यक्ष भी मौजूद थे. इस कार्यक्रम का समापन 14 जून को दिल्ली में एक सार्वजनिक चर्चा के साथ हुआ, जिसमें दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रहने वाले उत्तराखंड के निवासियों की भागीदारी थी.

Uttarakhand Uniform Civil Code
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट का सफर

उत्तराखंड सरकार ने पिछले साल मई में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) रंजना देसाई के नेतृत्व में विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया था. जो उत्तराखंड के निवासियों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को रेगुलेट करने वाले विभिन्न मौजूदा कानूनों की जांच करेगी और शादी, तलाक, संपत्ति के अधिकार, उत्तराधिकार, विरासत, गोद लेने, रखरखाव, हिरासत और संरक्षकता जैसे विषयों पर कानूनों का मसौदा तैयार करेगी या मौजूदा कानूनों में बदलाव का सुझाव देगी. इस संबंध में एक नोटिफिकेशन 27 मई 2022 को जारी किया गया था और संदर्भ की शर्तें पिछले साल 10 जून को अधिसूचित की गई थीं.

ड्राफ्ट तैयार, उत्तराखंड में अब UCC होगा लागू: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समान नागरिक संहिता यानी UCC को लेकर बहुत उत्साहित हैं. वो लगातार विभिन्न मंचों पर UCC लागू करने की बात कहते रहे हैं. जब 2022 में उत्तराखंड विधानसभा के चुनाव हो रहे थे तो मतदान से ठीक पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूनीफॉर्म सिविल कोड लागू करने की बात कही थी. सरकार बनने के बाद UCC पर बहुत तेजी से काम हुआ. अब UCC का मसौदा तैयार हो चुका है.

Uttarakhand Uniform Civil Code
उत्तराखंड में यूसीसी का ड्राफ्ट का सफर

दरअसल, इन दिनों देशभर में यूसीसी का मुद्दा चर्चाओं में है. क्योंकि केंद्र सरकार भी आगामी मॉनसून सत्र के दौरान यूसीसी ड्राफ्ट को पारित कर लागू कर सकती है. उत्तराखंड में यूसीसी के लिए ड्राफ्ट तैयार किए जाने को लेकर सरकार ने 27 मई 2022 को आदेश जारी कर विशेषज्ञ समिति का गठन किया था. इसके बाद से ही डॉक्टर रंजना देसाई की अध्यक्षता में गठित कमेटी, ड्राफ्ट तैयार करने के लिए काम कर रही थी. ऐसे में अब ड्राफ्ट तैयार करने का काम पूरा हो गया है.

लिहाजा, यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गठित कमेटी जल्द ही उत्तराखंड सरकार को ड्राफ्ट सौंप देगी. ऐसे में उम्मीद ही जा रही है कि इस महीने के भीतर उत्तराखंड राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो जाएगा. बता दें कि गठित विशेषज्ञ समिति की पहली बैठक 4 जुलाई को हुई थी. इसके बाद से अभी तक 63 बैठकें कमेटी कर चुकी है. लोगों के सुझाव के लिए गठित उप समिति ने करीब 20 हजार लोगों से मुलाकात कर सुझाव लिए थे, इसके साथ ही करीब 2 लाख 31 हजार से ज्यादा लिखित सुझाव कमेटी को मिले थे.

ये भी पढ़ें: Uniform Civil Code: फिर उठ खड़ा हुआ समान नागरिक संहिता विवाद, जानें क्या है यह मामला

क्या बोले सीएम धामी? उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि यूसीसी के मसौदा को लेकर समिति लोगों के बीच गई और एक साल से ज्यादा समय तक काम किया. समिति ने 2 लाख से ज्यादा लोगों, कई हितधारकों, संगठनों और बुद्धिजीवियों से बात की. जल्द ही ड्राफ्ट सरकार को मिल जाएगी. इसके बाद सरकार आगे की कार्रवाई करेगी. राज्य सरकार को केंद्र सरकार का भी सहयोग प्राप्त है.

Uniform Civil Code
सीएम धामी का बयान

वहीं, बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता विपिन कैंथोला ने बताया कि यूसीसी के लिए गठित कमेटी ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. ऐसे में जल्द ही कमेटी सरकार को ड्राफ्ट सौंप देगी. जिसके बाद आगामी कैबिनेट के सम्मुख इस ड्राफ्ट को रखा जाएगा. इसके बाद मॉनसून सत्र के दौरान इसे विधानसभा में पारित करा लिया जाएगा. वहीं, विधिक कार्रवाई के साथ इसे लागू कर दिया जाएगा.

(With PTI Inputs)

Last Updated : Jun 30, 2023, 8:14 PM IST
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