चमोली (उत्तराखंड): बदरीनाथ धाम में इन दिनों चल रहे मास्टर प्लान के कार्यों के तहत ठेकेदारों की कई लापरवाहियां भी देखने को मिल रही हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार मंगलवार शाम को धाम में मास्टर प्लान के कार्यों को कर रही कंपनी की लापरवाही के कारण अलकनंदा नदी किनारे निर्मित एक मकान अचानक टूट कर अलकनंदा नदी में समा गया.
बदरीनाथ में मकान टूटकर अलकनंदा में गिरा: लोगों का कहना है कि समय रहते अगर बदरीनाथ मास्टर प्लान (Badrinath Master Plan) के निर्माण कार्य कर रही संस्था के द्वारा अलकनंदा नदी के किनारे दीवार का निर्माण करा दिया गया होता, तो मकान गिरने से बच सकता था. क्षतिग्रस्त हुए कर्नाटक भवन के स्वामी राजेंद्र के मुताबिक़ इन दिनों प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट मास्टर प्लान के तहत अलकनंदा नदी के किनारे सौंदर्यीकरण के कार्य के लिए कटिंग की गई है. उनका आरोप है कि निर्माण कार्य कर रही कंपनियों के द्वारा सुरक्षा दीवार का कार्य नहीं किया गया. इस कारण मकान खतरे की जद में आ गया और धराशाई हो कर अलकनंदा नदी में समा गया. उन्होंने कहा कि धाम में अलकनंदा नदी के तट पर निर्मित कई मकान और धर्मशालाएं अभी भी खतरे की जद में हैं.
स्थानीय लोगों ने लगाया ये आरोप: बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत चल रहे कार्यों को लेकर निर्माणदायी कंपनियों की मनमानी से तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय व्यापारियों में खासा आक्रोश है. बीते दिनों मास्टर प्लान के कार्यों के विरोध में लोगों ने धाम में बाजार बंद का आह्वान किया था. धाम में हक हकूकधारियों का कहना है, कि मास्टर प्लान के तहत धाम में कार्य कर रही एजेंसियों के द्वारा लोगों को बगैर विश्वास में लिए उनके भवनों का ध्वस्तीकरण का कार्य किया जा रहा है. इससे लोगों में खासी नाराजगी बनी हुई है.
ये भी पढ़ें: Watch Video: जोशीमठ में धड़ाम से गिरा मकान, लैंडस्लाइड से जीना हुआ मुहाल
क्या है बदरीनाथ का मास्टर प्लान? उत्तराखंड के प्रसिद्ध चार धामों में से एक बदीरनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत विकास कार्य कराए जा रहे हैं. ये विकास कार्य तीन चरणों में हो रहे हैं. पहले चरण के तहत शेषनेत्र और बदरीश झील का सौन्दर्यीकरण हो रहा है. नदी के किनारे विकास, वनवे लूप रोड का निर्माण, अस्पताल का विस्तारीकरण और बहु उद्देश्यीय आगन्तुक भवन के निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं. दूसरे चरण में बदरीनाथ के मुख्य मंदिर के आसपास विकास कार्य होने हैं. तीसरे चरण में झील से मंदिर तक आस्था पथ एवं अन्य कार्य होंगे. बदीरनाथ मास्टर प्लान के तहत अगले 100 साल की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विकास कार्य कराए जा रहे हैं. बदरीनाथ मास्टर प्लान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है.