सूरत : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने मंगलवार को कहा कि हिंदुत्व एक वैचारिक व्यवस्था है जो सबको साथ लेकर चलती है और सबको साथ लाती है. भागवत ने कहा, हिंदुत्व के तीन अर्थ हैं, दार्शनिक, धर्मनिरपेक्ष और राष्ट्रवाद. उन्होंने कहा कि सिंधु नदी से लेकर दक्षिण में समुद्र तक के क्षेत्र में रहने वाले लोग हिंदू हैं.
भागवत शहर की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान 150 चुनिंदा आमंत्रितों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, 'हिंदुत्व वह है जो सबको साथ लेकर चलता है, सबको साथ लाता है, सबको अपने भीतर जोड़ता है, और सबको समृद्ध बनाता है.'
संघ प्रमुख ने कहा कि कभी-कभी 'बाधाओं' को हटाते समय संघर्ष उत्पन्न होते हैं, लेकिन हिंदुत्व संघर्षों के बारे में नहीं है. उन्होंने कहा, 'इसे हिंदुओं को समझना है. लेकिन हिंदुओं को यह भी समझना चाहिए कि बाधाओं को दूर करने के लिए शक्ति की आवश्यकता होती है, क्योंकि दुनिया यही समझती है... हमें शक्तिशाली बनना है, लेकिन... ऐसी शक्ति अत्याचार के लिए कभी नहीं होगी. यह धर्म की रक्षा करते हुए दुनिया को एक साथ लाएगी.'
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भागवत ने कहा, 'एक राष्ट्र एक साझी संस्कृति और उद्देश्य से जुड़े व्यक्तियों का एक समुदाय है.' अपने दौरे में अगले दो दिनों के दौरान भागवत सूरत में डॉक्टरों और व्यापारियों सहित कुछ प्रमुख लोगों के साथ बैठकें करेंगे.हालांकि भागवत के गुजरात दौरे के दौरान कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं होगा.
राज्य की भाजपा सरकार में विजय रूपाणी की जगह भूपेंद्र पटेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद मोहन भागवत की यह पहली गुजरात यात्रा है.