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चारधाम यात्रा रोकी गई, केदारनाथ धाम में भारी बारिश से तबाही, नेपाली परिवार पर गिरा बोल्डर, एक की मौत - अलकनंदा और मंदाकिनी नदी में उफान

Chardham Yatra stopped भारी बारिश केदारनाथ पैदल मार्ग के पड़ावों पर आफत बनकर टूटी है. वहीं भारी बारिश को देखते हुए धामी सरकार ने केदारनाथ यात्रा को दो दिनों के लिए रोक दी है. वहीं मौसम सामान्य होने पर यात्रा फिर शुरू की जाएगी.केदारनाथ धाम में बारिश ने भारी तबाही मचाई है.

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भारी बारिश
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Published : Aug 14, 2023, 1:54 PM IST

Updated : Aug 14, 2023, 4:36 PM IST

केदारनाथ धाम में भारी बारिश ने तबाही

रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड): लगातार हो रही बारिश से उत्तराखंड में हाहाकार मचा है. आम जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं प्रदेश सरकार ने भारी बारिश को देखते हुए चारधाम यात्रा को 14 अगस्त यानी आज और 15 अगस्त तक रोक दी है. इसके साथ ही चारधाम यात्रियों के लिए उपयुक्त स्थानों पर अस्थायी व्यवस्था करने के लिए प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित किया है. वहीं केदारनाथ धाम में बारिश ने भारी तबाही मचाई है. यहां बादल फटने से हुई तबाही के बाद एक नेपाली व्यक्ति 26 वर्षीय कालू बहादुर की मौत हो गई है जबकि एक व्यापारी लापता है.

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शासनादेश की कॉपी

इसके साथ ही रुद्रप्रयाग जिले में बहने वाली अलकनंदा और मंदाकिनी नदी उफान पर हैं. दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर बह रही हैं. केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग के छानी कैंप और बड़ी लिनचोली में देर रात भारी बारिश के कारण नाले उफान पर आ गए, जिससे कई दुकानें ध्वस्त हो गईं और कई घरों और दुकानों में मलबा घुस गया. इसी दौरान टेंट कालोनी में भी बोल्डर गिरे और बोल्डर की चपेट में आने से टेंट के अंदर सो रहा एक नेपाली परिवार चपेट में आ गया. राहत-बचाव टीम ने तीन नेपालियों को तो सुरक्षित बचा लिया है, लेकिन एक नेपाली व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई.
पढ़ें- पौड़ी: मोहनचट्टी में भूस्खलन से ढहा रिजॉर्ट, 5 लोग दबे, 10 वर्षीय बच्ची का रेस्क्यू

इसके साथ ही एक व्यापारी भी घटना में लापता चल रहा है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने केदारनाथ यात्रा रोक दी है. जगह-जगह पैदल मार्ग बंद हैं जिनको खोलने के प्रयास हो रहे हैं. इसके साथ ही रुद्रप्रयाग जिले में बहने वाली अलकनंदा और मंदाकिनी नदी उफान पर हैं. दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर बह रही हैं.बता दें कि, रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी का पानी आवासीय घरों में घुस गया है. बेलणी स्थित हनुमान मंदिर भी जलमग्न हो गया है. दूसरी ओर मंदाकिनी नदी ने केदारनाथ हाईवे सहित कई अन्य मोटर मार्ग को अपनी चपेट में ले लिया है.बता दें कि, अलकनंदा नदी का पानी कई आवासीय घरों तक आ गया और रात को ही लोगों ने घरों को खाली कर दिया.
पढ़ें- केदारनाथ पैदल मार्ग पर बड़ी लिनचोली में फटा बादल, एक दुकानदार लापता, नेपाली युवक का मिला शव

रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी किनारे स्थित हनुमान मंदिर में पानी घुसने से मंदिर में रखा सामान बह गया. साथ ही मूर्ति भी मलबे में डूब गई. सुबह चार बजे के करीब हनुमान मंदिर में मौजूद साधु-संतों के पैरों तक पानी पहुंचा तो उनके होश उड़ गए. उसके बाद उन्होंने स्थानीय लोगों को फोन कर सूचना दी. स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और हनुमान जी की मूर्ति को सुरक्षित स्थान पर रखा, जबकि तक तक घरों के भीतर रखा सारा सामान बह गया था. दूसरी ओर मंदाकिनी नदी के उफान में आने से केदारनाथ हाईवे सहित अन्य कई लिंक मोटरमार्ग नदी के तेज बहाव में बह गए हैं. फिलहाल आफत की बारिश जारी है. अलकनंदा का जलस्तर 628.80 और मंदाकिनी का जलस्तर 627.80 है. दोनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. खतरे की जद में आ रहे परिवारों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है.

केदारनाथ धाम में भारी बारिश ने तबाही

रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड): लगातार हो रही बारिश से उत्तराखंड में हाहाकार मचा है. आम जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं प्रदेश सरकार ने भारी बारिश को देखते हुए चारधाम यात्रा को 14 अगस्त यानी आज और 15 अगस्त तक रोक दी है. इसके साथ ही चारधाम यात्रियों के लिए उपयुक्त स्थानों पर अस्थायी व्यवस्था करने के लिए प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित किया है. वहीं केदारनाथ धाम में बारिश ने भारी तबाही मचाई है. यहां बादल फटने से हुई तबाही के बाद एक नेपाली व्यक्ति 26 वर्षीय कालू बहादुर की मौत हो गई है जबकि एक व्यापारी लापता है.

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इसके साथ ही रुद्रप्रयाग जिले में बहने वाली अलकनंदा और मंदाकिनी नदी उफान पर हैं. दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर बह रही हैं. केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग के छानी कैंप और बड़ी लिनचोली में देर रात भारी बारिश के कारण नाले उफान पर आ गए, जिससे कई दुकानें ध्वस्त हो गईं और कई घरों और दुकानों में मलबा घुस गया. इसी दौरान टेंट कालोनी में भी बोल्डर गिरे और बोल्डर की चपेट में आने से टेंट के अंदर सो रहा एक नेपाली परिवार चपेट में आ गया. राहत-बचाव टीम ने तीन नेपालियों को तो सुरक्षित बचा लिया है, लेकिन एक नेपाली व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई.
पढ़ें- पौड़ी: मोहनचट्टी में भूस्खलन से ढहा रिजॉर्ट, 5 लोग दबे, 10 वर्षीय बच्ची का रेस्क्यू

इसके साथ ही एक व्यापारी भी घटना में लापता चल रहा है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने केदारनाथ यात्रा रोक दी है. जगह-जगह पैदल मार्ग बंद हैं जिनको खोलने के प्रयास हो रहे हैं. इसके साथ ही रुद्रप्रयाग जिले में बहने वाली अलकनंदा और मंदाकिनी नदी उफान पर हैं. दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर बह रही हैं.बता दें कि, रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी का पानी आवासीय घरों में घुस गया है. बेलणी स्थित हनुमान मंदिर भी जलमग्न हो गया है. दूसरी ओर मंदाकिनी नदी ने केदारनाथ हाईवे सहित कई अन्य मोटर मार्ग को अपनी चपेट में ले लिया है.बता दें कि, अलकनंदा नदी का पानी कई आवासीय घरों तक आ गया और रात को ही लोगों ने घरों को खाली कर दिया.
पढ़ें- केदारनाथ पैदल मार्ग पर बड़ी लिनचोली में फटा बादल, एक दुकानदार लापता, नेपाली युवक का मिला शव

रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी किनारे स्थित हनुमान मंदिर में पानी घुसने से मंदिर में रखा सामान बह गया. साथ ही मूर्ति भी मलबे में डूब गई. सुबह चार बजे के करीब हनुमान मंदिर में मौजूद साधु-संतों के पैरों तक पानी पहुंचा तो उनके होश उड़ गए. उसके बाद उन्होंने स्थानीय लोगों को फोन कर सूचना दी. स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और हनुमान जी की मूर्ति को सुरक्षित स्थान पर रखा, जबकि तक तक घरों के भीतर रखा सारा सामान बह गया था. दूसरी ओर मंदाकिनी नदी के उफान में आने से केदारनाथ हाईवे सहित अन्य कई लिंक मोटरमार्ग नदी के तेज बहाव में बह गए हैं. फिलहाल आफत की बारिश जारी है. अलकनंदा का जलस्तर 628.80 और मंदाकिनी का जलस्तर 627.80 है. दोनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. खतरे की जद में आ रहे परिवारों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है.

Last Updated : Aug 14, 2023, 4:36 PM IST
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