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G20 Leaders Summit : भारत को बड़ी सफलता, जी20 ने नई दिल्ली लीडर्स समिट घोषणा को अपनाया, जानिए क्या है इसमें खास

भारत में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में बड़ी कामयाबी मिली है. जी20 ने नई दिल्ली लीडर्स समिट घोषणा को अपनाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इसकी घोषणा की. पीएम मोदी ने कहा कि सदस्य देशों के बीच सहमति बन गई है. यूक्रेन संघर्ष पर बढ़ते तनाव और अलग-अलग विचारों के बीच भारत की जी20 अध्यक्षता के लिए एक महत्वपूर्ण जीत है. ऐसे में जानते हैं कि घोषणापत्र में क्या खास है.

G20 Leaders Summit
जी20 शिखर सम्मेलन
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 9, 2023, 4:55 PM IST

Updated : Sep 9, 2023, 10:21 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने जी20 समिट (G20 Leaders Summit) में शनिवार को नई दिल्ली लीडर्स घोषणापत्र (New Delhi Leaders Declaration) को अपनाने की घोषणा की. यूक्रेन संघर्ष पर बढ़ते तनाव और अलग-अलग विचारों के बीच भारत की जी20 अध्यक्षता के लिए ये महत्वपूर्ण जीत है.

  • New Delhi G-20 Leaders' Summit Declaration: "Concerning the war in Ukraine, while recalling the discussion in Bali, we reiterated our national positions and resolutions adopted at the UN Security Council and the UN General Assembly (A/RES/ES-11/1 and A/RES/ES-11/6) and… pic.twitter.com/RBqXlmeYIh

    — ANI (@ANI) September 9, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पीएम मोदी ने कहा कि 'मुझे अच्छी खबर मिली है. हमारी टीम की कड़ी मेहनत के कारण, नई दिल्ली जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन घोषणा पर आम सहमति बन गई है. मेरा प्रस्ताव इस नेतृत्व घोषणा को अपनाने का है. मैं इसे अपनाने की घोषणा करता हूं. मेरे शेरपा, मंत्रियों को बधाई, जिन्होंने इसके लिए कड़ी मेहनत की और इसे संभव बनाया.'

  • #WATCH | G 20 in India | "On the Russia-Ukraine crisis, India worked very closely with Brazil, South Africa and Indonesia and it was the emerging markets that played a very key role. India worked with all the emerging markets which played a key role, there were very tough and… pic.twitter.com/uXdv3hzmD4

    — ANI (@ANI) September 9, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने एक्स पर पोस्ट किया, 'सभी विकासात्मक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर 100% सर्वसम्मति के साथ ऐतिहासिक और पथप्रदर्शक #जी20 घोषणा. शांति और समृद्धि के लिए एक शक्तिशाली आह्वान हैं. आज की दुनिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को प्रदर्शित करता है.'

क्या है घोषणापत्र में

  • मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास
  • एसडीजी पर प्रगति में तेजी लाना
  • सतत भविष्य के लिए हरित विकास समझौता
  • 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थान
  • बहुपक्षवाद को पुनर्जीवित करना
  • सभी को किसी भी राज्य की क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ क्षेत्रीय अधिग्रहण की धमकी या बल प्रयोग से बचना चाहिए.
  • आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति, सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है.आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा.
  • आतंकवाद के सभी कृत्य आपराधिक और अनुचित हैं, भले ही उनकी प्रेरणा कुछ भी हो, चाहे कहीं भी, कभी भी और किसी ने भी किया हो.
  • यूक्रेन संघर्ष ने देशों, विशेष रूप से विकासशील और अल्प विकसित देशों के लिए नीतिगत माहौल को जटिल बना दिया है. ऐसे में कूटनीति और संवाद महत्वपूर्ण हैं.
  • वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं.
  • G20 अकुशल कोयला और जीवाश्म ईंधन सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने और तर्कसंगत बनाने के लिए प्रतिबद्ध.
  • वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन के शुभारंभ की घोषणा.

क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सिद्धांतों को बनाए रखने का आह्वान : जी20 देशों के नई दिल्ली घोषणा पत्र में सभी देशों से क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने का आह्वान किया गया और शांतिपूर्ण समाधान की बात कही गई. इस बात पर जोर दिया गया कि 'आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए. कूटनीति और संवाद महत्वपूर्ण हैं.'

  • The #NewDelhiLeadersDeclaration focuses on -

    ▶️Strong, Sustainable, Balanced, and Inclusive Growth
    ▶️Accelerating Progress on #SDGs
    ▶️Green Development Pact for a Sustainable Future
    ▶️Multilateral Institutions for the 21st Century
    ▶️Reinvigorating Multilateralism#G20India

    — Amitabh Kant (@amitabhk87) September 9, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

चीन-रूस के विरोध के बावजूद भारत ने की यूक्रेन मुद्दे पर बात : भारत की जी20 अध्यक्षता में सबसे बड़ी चुनौती रूस-यूक्रेन मुद्दा थी. भारत ने तमाम चुनौतियों के बावजूद घोषणापत्र में यूक्रेन मुद्दे का जिक्र किया. यूक्रेन में युद्ध के मानवीय पीड़ा और नकारात्मक अतिरिक्त प्रभावों पर प्रकाश डाला गया. रूस और चीन दोनों बाली घोषणा में यूक्रेन संघर्ष पर दो पैराग्राफ पर सहमत हुए थे, लेकिन इस साल वे इससे पीछे हट गए जिससे भारत के लिए मुश्किलें पैदा हो गईं.

आतंकवाद मुद्दे का जिक्र : घोषणापत्र में आतंकवाद मुद्दे को प्रमुखता से रखा गया है. इसमें कहा गया है कि आतंकवाद के सभी कृत्य आपराधिक और अनुचित हैं, भले ही उनकी प्रेरणा कुछ भी हो, चाहे कहीं भी, कभी भी और किसी ने भी किया हो. जी20 ने कहा, 'हम शांति के लिए सभी धर्मों की प्रतिबद्धता को स्वीकार करते हुए असहिष्णुता, धर्म या विश्वास के नाम पर सभी तरह के आतंकवाद की निंदा करते हैं. यह अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है.'

घोषणापत्र में कहा गया, 'अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर एक समग्र दृष्टिकोण आतंकवाद का प्रभावी ढंग से मुकाबला कर सकता है. आतंकवादी समूहों को सुरक्षित पनाहगाह, गतिविधियां चलाने की स्वतंत्रता, आवाजाही और भर्ती के साथ-साथ वित्तीय, भौतिक या राजनीतिक समर्थन से वंचित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की प्रभावशीलता बढ़ाने के प्रयासों को मजबूत किया जाना चाहिए.'

इसके साथ ही छोटे हथियारों और हल्के हथियारों की अवैध तस्करी के बारे में भी चिंता व्यक्त की गई. निर्यात, आयात नियंत्रण और पता लगाने सहित इन मामलों से निपटने के लिए देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय सहयोग महत्वपूर्ण है.

जी20 नेताओं ने वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की बढ़ती संसाधन जरूरतों को पूरा करने, एफएटीएफ की तरह क्षेत्रीय संस्थाओं और आपसी मूल्यांकन के अगले दौर सहित अन्य को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता जताई.

वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन के शुभारंभ की घोषणा : भारत ने शनिवार को वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन शुरू करने की घोषणा की और वैश्विक स्तर पर पेट्रोल के साथ इथेनॉल मिश्रण को 20 प्रतिशत तक ले जाने की अपील के साथ जी20 देशों से इस पहल में शामिल होने का आग्रह किया. भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि जी20 नेताओं द्वारा अपनाई गई नई दिल्ली घोषणा मजबूत और सतत विकास, सतत विकास लक्ष्यों पर प्रगति में तेजी लाने, हरित विकास समझौते और बहुपक्षवाद को फिर से मजबूत करने पर केंद्रित है.

'वैश्विक विश्वास की कमी' को समाप्त करने का आग्रह : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व नेताओं से 'वैश्विक विश्वास की कमी' को समाप्त करने का आग्रह किया.

जी20 देशों ने राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुरूप बेरोकटोक कोयला बिजली को धीरे-धीरे कम करने के प्रयासों में तेजी लाने और अप्रभावी जीवाश्म ईंधन सब्सिडी को खत्म करने और तर्कसंगत बनाने के लिए पिट्सबर्ग में 2009 में किए गए अपने वादे को बरकरार रखने की प्रतिबद्धता जताई.

वैश्विक विकास: जी20 नेताओं ने वृद्धि को बढ़ावा देने, असमानताओं को कम करने और व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए अच्छी तरह से जांची गईं मौद्रिक, राजकोषीय, वित्तीय और संरचनात्मक नीतियों की जरूरत दोहराई.

बहुपक्षीय विकास बैंक (एमडीबी) : बेहतर, बड़े और अधिक प्रभावी बहुपक्षीय विकास बैंक (एमडीबी) के लिए प्रतिबद्ध जी-20 नेताओं ने वित्तीय संस्थानों से अधिकतम विकास प्रभाव बनाने के लिए नवीन वित्तपोषण मॉडल और नई साझेदारियों के माध्यम से निजी पूंजी का लाभ उठाने को कहा.

सीमा पार से भुगतान: घोषणापत्र में कहा गया, 'हम 2027 तक तेज, सस्ते, अधिक पारदर्शी और समावेशी सीमा पार भुगतान के वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जी20 रोडमैप के अगले चरण को लेकर प्राथमिकता वाले कार्यों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं. इस दिशा में एसएसबी (मानक निर्धारण निकायों) और अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा की गई पहल का स्वागत करते हैं.'

शिक्षा: जी20 ने सभी शिक्षार्थियों के लिए डिजिटल विभाजन को दूर करने के वास्ते डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने और उभरते रुझानों एवं तकनीकी प्रगति के साथ तालमेल रखने में शैक्षिक संस्थानों और शिक्षकों का सहयोग करने को लेकर प्रतिबद्धता जताई.

कृषि: कृषि, खाद्य और उर्वरक क्षेत्र में 'खुले, निष्पक्ष, पूर्वानुमानयोग्य और नियम-आधारित' व्यापार को सुविधाजनक बनाने तथा प्रासंगिक विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों के अनुरूप निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगाने की प्रतिबद्धता जताई.

धर्म और भ्रष्टाचार को लेकर ये : जी20 ने व्यक्तियों, धार्मिक प्रतीकों और पवित्र पुस्तकों के खिलाफ धार्मिक घृणा के सभी कृत्यों की कड़ी निंदा की. इसके साथ ही भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की प्रतिबद्धता दोहराई.

गौरतलब है कि G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा सहित अन्य लोग भाग ले रहे हैं. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हो रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी जी20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें

(एक्स्ट्रा इनपुट एजेंसी)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने जी20 समिट (G20 Leaders Summit) में शनिवार को नई दिल्ली लीडर्स घोषणापत्र (New Delhi Leaders Declaration) को अपनाने की घोषणा की. यूक्रेन संघर्ष पर बढ़ते तनाव और अलग-अलग विचारों के बीच भारत की जी20 अध्यक्षता के लिए ये महत्वपूर्ण जीत है.

  • New Delhi G-20 Leaders' Summit Declaration: "Concerning the war in Ukraine, while recalling the discussion in Bali, we reiterated our national positions and resolutions adopted at the UN Security Council and the UN General Assembly (A/RES/ES-11/1 and A/RES/ES-11/6) and… pic.twitter.com/RBqXlmeYIh

    — ANI (@ANI) September 9, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पीएम मोदी ने कहा कि 'मुझे अच्छी खबर मिली है. हमारी टीम की कड़ी मेहनत के कारण, नई दिल्ली जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन घोषणा पर आम सहमति बन गई है. मेरा प्रस्ताव इस नेतृत्व घोषणा को अपनाने का है. मैं इसे अपनाने की घोषणा करता हूं. मेरे शेरपा, मंत्रियों को बधाई, जिन्होंने इसके लिए कड़ी मेहनत की और इसे संभव बनाया.'

  • #WATCH | G 20 in India | "On the Russia-Ukraine crisis, India worked very closely with Brazil, South Africa and Indonesia and it was the emerging markets that played a very key role. India worked with all the emerging markets which played a key role, there were very tough and… pic.twitter.com/uXdv3hzmD4

    — ANI (@ANI) September 9, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने एक्स पर पोस्ट किया, 'सभी विकासात्मक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर 100% सर्वसम्मति के साथ ऐतिहासिक और पथप्रदर्शक #जी20 घोषणा. शांति और समृद्धि के लिए एक शक्तिशाली आह्वान हैं. आज की दुनिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को प्रदर्शित करता है.'

क्या है घोषणापत्र में

  • मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास
  • एसडीजी पर प्रगति में तेजी लाना
  • सतत भविष्य के लिए हरित विकास समझौता
  • 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थान
  • बहुपक्षवाद को पुनर्जीवित करना
  • सभी को किसी भी राज्य की क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ क्षेत्रीय अधिग्रहण की धमकी या बल प्रयोग से बचना चाहिए.
  • आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति, सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है.आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा.
  • आतंकवाद के सभी कृत्य आपराधिक और अनुचित हैं, भले ही उनकी प्रेरणा कुछ भी हो, चाहे कहीं भी, कभी भी और किसी ने भी किया हो.
  • यूक्रेन संघर्ष ने देशों, विशेष रूप से विकासशील और अल्प विकसित देशों के लिए नीतिगत माहौल को जटिल बना दिया है. ऐसे में कूटनीति और संवाद महत्वपूर्ण हैं.
  • वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं.
  • G20 अकुशल कोयला और जीवाश्म ईंधन सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने और तर्कसंगत बनाने के लिए प्रतिबद्ध.
  • वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन के शुभारंभ की घोषणा.

क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सिद्धांतों को बनाए रखने का आह्वान : जी20 देशों के नई दिल्ली घोषणा पत्र में सभी देशों से क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने का आह्वान किया गया और शांतिपूर्ण समाधान की बात कही गई. इस बात पर जोर दिया गया कि 'आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए. कूटनीति और संवाद महत्वपूर्ण हैं.'

  • The #NewDelhiLeadersDeclaration focuses on -

    ▶️Strong, Sustainable, Balanced, and Inclusive Growth
    ▶️Accelerating Progress on #SDGs
    ▶️Green Development Pact for a Sustainable Future
    ▶️Multilateral Institutions for the 21st Century
    ▶️Reinvigorating Multilateralism#G20India

    — Amitabh Kant (@amitabhk87) September 9, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

चीन-रूस के विरोध के बावजूद भारत ने की यूक्रेन मुद्दे पर बात : भारत की जी20 अध्यक्षता में सबसे बड़ी चुनौती रूस-यूक्रेन मुद्दा थी. भारत ने तमाम चुनौतियों के बावजूद घोषणापत्र में यूक्रेन मुद्दे का जिक्र किया. यूक्रेन में युद्ध के मानवीय पीड़ा और नकारात्मक अतिरिक्त प्रभावों पर प्रकाश डाला गया. रूस और चीन दोनों बाली घोषणा में यूक्रेन संघर्ष पर दो पैराग्राफ पर सहमत हुए थे, लेकिन इस साल वे इससे पीछे हट गए जिससे भारत के लिए मुश्किलें पैदा हो गईं.

आतंकवाद मुद्दे का जिक्र : घोषणापत्र में आतंकवाद मुद्दे को प्रमुखता से रखा गया है. इसमें कहा गया है कि आतंकवाद के सभी कृत्य आपराधिक और अनुचित हैं, भले ही उनकी प्रेरणा कुछ भी हो, चाहे कहीं भी, कभी भी और किसी ने भी किया हो. जी20 ने कहा, 'हम शांति के लिए सभी धर्मों की प्रतिबद्धता को स्वीकार करते हुए असहिष्णुता, धर्म या विश्वास के नाम पर सभी तरह के आतंकवाद की निंदा करते हैं. यह अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है.'

घोषणापत्र में कहा गया, 'अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर एक समग्र दृष्टिकोण आतंकवाद का प्रभावी ढंग से मुकाबला कर सकता है. आतंकवादी समूहों को सुरक्षित पनाहगाह, गतिविधियां चलाने की स्वतंत्रता, आवाजाही और भर्ती के साथ-साथ वित्तीय, भौतिक या राजनीतिक समर्थन से वंचित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की प्रभावशीलता बढ़ाने के प्रयासों को मजबूत किया जाना चाहिए.'

इसके साथ ही छोटे हथियारों और हल्के हथियारों की अवैध तस्करी के बारे में भी चिंता व्यक्त की गई. निर्यात, आयात नियंत्रण और पता लगाने सहित इन मामलों से निपटने के लिए देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय सहयोग महत्वपूर्ण है.

जी20 नेताओं ने वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की बढ़ती संसाधन जरूरतों को पूरा करने, एफएटीएफ की तरह क्षेत्रीय संस्थाओं और आपसी मूल्यांकन के अगले दौर सहित अन्य को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता जताई.

वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन के शुभारंभ की घोषणा : भारत ने शनिवार को वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन शुरू करने की घोषणा की और वैश्विक स्तर पर पेट्रोल के साथ इथेनॉल मिश्रण को 20 प्रतिशत तक ले जाने की अपील के साथ जी20 देशों से इस पहल में शामिल होने का आग्रह किया. भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि जी20 नेताओं द्वारा अपनाई गई नई दिल्ली घोषणा मजबूत और सतत विकास, सतत विकास लक्ष्यों पर प्रगति में तेजी लाने, हरित विकास समझौते और बहुपक्षवाद को फिर से मजबूत करने पर केंद्रित है.

'वैश्विक विश्वास की कमी' को समाप्त करने का आग्रह : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व नेताओं से 'वैश्विक विश्वास की कमी' को समाप्त करने का आग्रह किया.

जी20 देशों ने राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुरूप बेरोकटोक कोयला बिजली को धीरे-धीरे कम करने के प्रयासों में तेजी लाने और अप्रभावी जीवाश्म ईंधन सब्सिडी को खत्म करने और तर्कसंगत बनाने के लिए पिट्सबर्ग में 2009 में किए गए अपने वादे को बरकरार रखने की प्रतिबद्धता जताई.

वैश्विक विकास: जी20 नेताओं ने वृद्धि को बढ़ावा देने, असमानताओं को कम करने और व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए अच्छी तरह से जांची गईं मौद्रिक, राजकोषीय, वित्तीय और संरचनात्मक नीतियों की जरूरत दोहराई.

बहुपक्षीय विकास बैंक (एमडीबी) : बेहतर, बड़े और अधिक प्रभावी बहुपक्षीय विकास बैंक (एमडीबी) के लिए प्रतिबद्ध जी-20 नेताओं ने वित्तीय संस्थानों से अधिकतम विकास प्रभाव बनाने के लिए नवीन वित्तपोषण मॉडल और नई साझेदारियों के माध्यम से निजी पूंजी का लाभ उठाने को कहा.

सीमा पार से भुगतान: घोषणापत्र में कहा गया, 'हम 2027 तक तेज, सस्ते, अधिक पारदर्शी और समावेशी सीमा पार भुगतान के वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जी20 रोडमैप के अगले चरण को लेकर प्राथमिकता वाले कार्यों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं. इस दिशा में एसएसबी (मानक निर्धारण निकायों) और अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा की गई पहल का स्वागत करते हैं.'

शिक्षा: जी20 ने सभी शिक्षार्थियों के लिए डिजिटल विभाजन को दूर करने के वास्ते डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने और उभरते रुझानों एवं तकनीकी प्रगति के साथ तालमेल रखने में शैक्षिक संस्थानों और शिक्षकों का सहयोग करने को लेकर प्रतिबद्धता जताई.

कृषि: कृषि, खाद्य और उर्वरक क्षेत्र में 'खुले, निष्पक्ष, पूर्वानुमानयोग्य और नियम-आधारित' व्यापार को सुविधाजनक बनाने तथा प्रासंगिक विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों के अनुरूप निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगाने की प्रतिबद्धता जताई.

धर्म और भ्रष्टाचार को लेकर ये : जी20 ने व्यक्तियों, धार्मिक प्रतीकों और पवित्र पुस्तकों के खिलाफ धार्मिक घृणा के सभी कृत्यों की कड़ी निंदा की. इसके साथ ही भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की प्रतिबद्धता दोहराई.

गौरतलब है कि G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा सहित अन्य लोग भाग ले रहे हैं. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हो रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी जी20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे हैं.

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(एक्स्ट्रा इनपुट एजेंसी)

Last Updated : Sep 9, 2023, 10:21 PM IST
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