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दीदी जीजाजी ने एक हफ्ते से नहीं खाया खाना, भांजे के रेस्क्यू की उम्मीद लेकर सिलक्यारा पहुंचे बिहार के दो मामा - उत्तरकाशी टनल में फंसे बिहार के मजदूर

Statement of relatives of victims trapped in Silkyara Tunnel उत्तरकाशी टनल हादसे का आज सातवां दिन है. सात दिन से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. टनल में फंसे लोगों के परिजन भी टनल परिसर में उम्मीद लगाए डेरा डाले हैं. बिहार से आए अभय कुमार ने बताया कि उनका भांजा टनल में फंसा है. उनकी दीदी और जीजा ने एक हफ्ते से खाना पीना छोड़ रखा है.

Uttarakhand Tunnel Collapse
उत्तरकाशी समाचार
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 18, 2023, 2:32 PM IST

Updated : Nov 18, 2023, 6:42 PM IST

परिवार जनों की रेस्क्यू की उम्मीद लेकर बिहार से सिलक्यारा पहुंचा परिवार.

उत्तरकाशी (उत्तराखंड): अभय कुमार सिंह के भांजे दीपक कुमार भी टनल में फंसे हुए हैं. अभय पिछले चार दिन से सिलक्यारा की टनल परिसर में रह रहे हैं. अभय का कहना है कि घर के लोग बहुत चिंतित हैं. लोगों ने हादसे के बाद से ही खाना पीना छोड़ रखा है. घर से जो फोन कॉल आ रहे हैं, उनको क्या जवाब दें ये समझ में नहीं आ रहा है. यहां रेस्क्यू देखकर हम उनको कुछ बोल नहीं पा रहे हैं. घर के लोगों को हम यही कह रहे हैं कि कल परसों में रेस्क्यू हो जाएगा. हम अपने भांजे को भरोसा दिला रहे हैं कि जल्द रेस्क्यू हो जाएगा.

बिहार से आए टनल में फंसे दीपक के परिजन: बिहार के मुजफ्फरपुर से आए दीपक कुमार के एक और मामा निर्भय ने बताया कि उनका भांजा दीपक कुमार सिलक्यारा की टनल में फंसा है. दीपक भी भांजे के सफल रेस्क्यू की राह देखते हुए सिलक्यारा टनल परिसर में डेरा जमाए हुए हैं. निर्भय ने कहा जब टनल के अंदर फंसे लोगों से बात होती है तो उम्मीद बढ़ती है. कभी कभी उनकी आवाज सुनाई देती है तो हौसला बढ़ता है.

एक हफ्ते से नहीं खाया घरवालों ने खाना: बिहार के अभय कुमार और निर्भय की तरह ही अनेक परिजन जिनके परिवार के सदस्य टनल में फंसे हैं, उनकी सकुशल वापसी की उम्मीद लेकर सिलक्यारा पहुंचे हैं. रोज सुबह उनकी उम्मीद रेस्क्यू को लेकर परवान चढ़ती है. शाम को जब कोई रिजल्ट नहीं निकलता है तो फिर से उनके चेहरों पर मायूसी छा जाती है. ऐसा दीपावली के दिन 12 नवंबर से हो रहा है.

अब पीएमओ की टीम सिलक्यारा पहुंची है तो सुरंग में फंसे लोगों के परिजनों पर उम्मीद की एक नई किरण दिखाई दे रही है. पीएमओ से आई टीम रेस्क्यू के हर ऑप्शन पर काम कर रही है. उनका कहना है कि जो रेस्क्यू चल रहा है, उसके साथ ही रेस्क्यू के अन्य विकल्पों पर भी काम कर रहे हैं. टनल में फंसे में लोगों की उम्मीद जल्द परवान चढ़ेगी ऐसी आशा है.

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परिवार जनों की रेस्क्यू की उम्मीद लेकर बिहार से सिलक्यारा पहुंचा परिवार.

उत्तरकाशी (उत्तराखंड): अभय कुमार सिंह के भांजे दीपक कुमार भी टनल में फंसे हुए हैं. अभय पिछले चार दिन से सिलक्यारा की टनल परिसर में रह रहे हैं. अभय का कहना है कि घर के लोग बहुत चिंतित हैं. लोगों ने हादसे के बाद से ही खाना पीना छोड़ रखा है. घर से जो फोन कॉल आ रहे हैं, उनको क्या जवाब दें ये समझ में नहीं आ रहा है. यहां रेस्क्यू देखकर हम उनको कुछ बोल नहीं पा रहे हैं. घर के लोगों को हम यही कह रहे हैं कि कल परसों में रेस्क्यू हो जाएगा. हम अपने भांजे को भरोसा दिला रहे हैं कि जल्द रेस्क्यू हो जाएगा.

बिहार से आए टनल में फंसे दीपक के परिजन: बिहार के मुजफ्फरपुर से आए दीपक कुमार के एक और मामा निर्भय ने बताया कि उनका भांजा दीपक कुमार सिलक्यारा की टनल में फंसा है. दीपक भी भांजे के सफल रेस्क्यू की राह देखते हुए सिलक्यारा टनल परिसर में डेरा जमाए हुए हैं. निर्भय ने कहा जब टनल के अंदर फंसे लोगों से बात होती है तो उम्मीद बढ़ती है. कभी कभी उनकी आवाज सुनाई देती है तो हौसला बढ़ता है.

एक हफ्ते से नहीं खाया घरवालों ने खाना: बिहार के अभय कुमार और निर्भय की तरह ही अनेक परिजन जिनके परिवार के सदस्य टनल में फंसे हैं, उनकी सकुशल वापसी की उम्मीद लेकर सिलक्यारा पहुंचे हैं. रोज सुबह उनकी उम्मीद रेस्क्यू को लेकर परवान चढ़ती है. शाम को जब कोई रिजल्ट नहीं निकलता है तो फिर से उनके चेहरों पर मायूसी छा जाती है. ऐसा दीपावली के दिन 12 नवंबर से हो रहा है.

अब पीएमओ की टीम सिलक्यारा पहुंची है तो सुरंग में फंसे लोगों के परिजनों पर उम्मीद की एक नई किरण दिखाई दे रही है. पीएमओ से आई टीम रेस्क्यू के हर ऑप्शन पर काम कर रही है. उनका कहना है कि जो रेस्क्यू चल रहा है, उसके साथ ही रेस्क्यू के अन्य विकल्पों पर भी काम कर रहे हैं. टनल में फंसे में लोगों की उम्मीद जल्द परवान चढ़ेगी ऐसी आशा है.

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Last Updated : Nov 18, 2023, 6:42 PM IST
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