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One Nation One Election meeting: 'एक राष्ट्र-एक चुनाव' पर समिति की पहली बैठक आज!

देश में एक चुनाव को लेकर तैयार नीती 'वन नेशन वन इलेक्शन' की समिति की आज पहली बैठक होने की संभावना है. इसे लेकर गठित समिति के अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद हैं.

First meeting of committee on 'One Nation One Election' likely to take place today
एक राष्ट्र एक चुनाव' पर समिति की पहली बैठक आज होने की संभावना
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 6, 2023, 1:11 PM IST

नई दिल्ली: 'वन नेशन वन इलेक्शन' नीति की जांच को लेकर गठित समिति की पहली आधिकारिक बैठक बुधवार को पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में होने की संभावना है. सूत्रों ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति का आवास राष्ट्रीय राजधानी में है. केंद्रीय कानून मंत्रालय ने शनिवार को पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति में आठ सदस्यों को नामित किया. ये समिति लोकसभा, विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के एक साथ चुनाव के मुद्दे की जांच करेगी.

समिति में अध्यक्ष के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष सी कश्यप, और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी शामिल होंगे. हालाँकि, अधीर रंजन चौधरी ने पैनल में शामिल होने से इनकार कर दिया. उन्हें केंद्र द्वारा गठित उच्च-स्तरीय समिति (एचएलसी) का सदस्य नामित किया गया था.

सरकारी सूत्रों ने कहा कि उन्होंने नामों की अधिसूचना आने से पहले ही समिति का हिस्सा बनने के लिए अपनी सहमति दे दी थी. समिति का गठन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले और अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार एक राष्ट्र, एक चुनाव का विचार रख चुके हैं.

ये भी पढ़ें-One Nation One Election: पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की कमेटी ने छेड़ दी पूरे देश में बहस

नवंबर 2020 में पीठासीन अधिकारियों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'एक राष्ट्र, एक चुनाव न केवल बहस का विषय है बल्कि भारत के लिए एक आवश्यकता है. भारत में हर महीने चुनाव होता है, जिससे विकास बाधित होता है. देश को इतना पैसा क्यों बर्बाद करना चाहिए?' यदि 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' लागू होता है तो इसका मतलब यह हो सकता है कि पूरे भारत में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होंगे.

(एएनआई)

नई दिल्ली: 'वन नेशन वन इलेक्शन' नीति की जांच को लेकर गठित समिति की पहली आधिकारिक बैठक बुधवार को पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में होने की संभावना है. सूत्रों ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति का आवास राष्ट्रीय राजधानी में है. केंद्रीय कानून मंत्रालय ने शनिवार को पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति में आठ सदस्यों को नामित किया. ये समिति लोकसभा, विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के एक साथ चुनाव के मुद्दे की जांच करेगी.

समिति में अध्यक्ष के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष सी कश्यप, और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी शामिल होंगे. हालाँकि, अधीर रंजन चौधरी ने पैनल में शामिल होने से इनकार कर दिया. उन्हें केंद्र द्वारा गठित उच्च-स्तरीय समिति (एचएलसी) का सदस्य नामित किया गया था.

सरकारी सूत्रों ने कहा कि उन्होंने नामों की अधिसूचना आने से पहले ही समिति का हिस्सा बनने के लिए अपनी सहमति दे दी थी. समिति का गठन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले और अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार एक राष्ट्र, एक चुनाव का विचार रख चुके हैं.

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नवंबर 2020 में पीठासीन अधिकारियों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'एक राष्ट्र, एक चुनाव न केवल बहस का विषय है बल्कि भारत के लिए एक आवश्यकता है. भारत में हर महीने चुनाव होता है, जिससे विकास बाधित होता है. देश को इतना पैसा क्यों बर्बाद करना चाहिए?' यदि 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' लागू होता है तो इसका मतलब यह हो सकता है कि पूरे भारत में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होंगे.

(एएनआई)

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