हरिद्वार (उत्तराखंड): धर्मनगरी हरिद्वार से अयोध्या के लिए संतों का रवाना होना आज से शुरू हो गया है. 22 जनवरी का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार है, क्योंकि इस दिन अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. जिसके लिए हरिद्वार से ढाई सौ के करीब संतों को बुलाया गया है. इस कड़ी में आज शुक्रवार 19 जनवरी को प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम से साधु संतों का एक जत्था अयोध्या के लिए रवाना हो गया है. ये जत्था 21 जनवरी को अयोध्या पहुंचेगा.
अयोध्या रवाना हुआ साधु संतों का पहला जत्था: इस दौरान प्राचीन अवधूत मंडल के श्री महंत स्वामी रूपेंद्र प्रकाश ने बताया कि आज से अयोध्या की यात्रा साधु संतों के साथ शुरू कर दी गई है. जिसको लेकर साधु संतों के साथ-साथ आमजन में भी काफी उत्साह है. इसीलिए आज हमारे द्वारा अयोध्या के लिए प्रस्थान कर दिया गया है. जगह-जगह पर साधु संतों का आम जनों ने स्वागत करने का मन बनाया है. यह यात्रा जगह-जगह पर रुक कर 21 जनवरी को अयोध्या पहुंचेगी. इसी के साथ स्वामी रूपेंद्र प्रकाश ने कहा कि जिस सपने को साधु-संतों द्वारा देखा गया था, वह अब 22 जनवरी को पूरा होने जा रहा है. जिसके लिए इतने बलिदान दिए गए और जिस आंदोलन से हम शुरू से जुड़े रहे, अब उस आंदोलन का सुखद निर्णय देखने को मिलेगा इसके लिए मन काफी उत्साहित है.
अयोध्या रवाना होने का उत्साह: वहीं महामंडलेश्वर स्वामी परमानंद ने बताया कि वह पहले से ही इस आंदोलन से जुड़े रहे हैं. आज अयोध्या के लिए रवाना होते हुए एक मन में अलग ही तरह की जिज्ञासा है कि किस तरह से राम मंदिर बना है और इतने आंदोलन के बाद अब राम मंदिर देखने को मिल रहा है. उन्होंने बताया कि राम मंदिर आंदोलन से वह भी जुड़े रहे हैं. आज जब इस राम मंदिर को देखने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है, तो मन में एक अलग ही तरह प्रसन्नता है जिसकी तैयारी हमारे द्वारा काफी समय से की जा रही थी.
संत बोले- रामकाज के लिए जा रहे अयोध्या: वहीं इसी कड़ी में जब जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर मैत्री गिरि से अयोध्या जाने की खुशी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि साधु संतों का जीवन रामकाज के लिए ही रहता है. आज भी हम रामकाज के लिए ही अयोध्या जा रहे हैं. साध्वी मैत्री ने कहा कि हमारे द्वारा राम मंदिर पहुंचकर सबसे पहले तो राम जी के चरणों में जिन्होंने इस आंदोलन में अपना जीवन न्यौछावर कर दिया, उनके लिए प्रार्थना की जाएगी.
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