रुड़कीः हरिद्वार जिले के रुड़की में एक पटाखों के गोदाम में भीषण आग लगने से चार लोगों की मौत हो गई है. रुड़की में घनी आबादी वाले कानूनगोयान मोहल्ले में पटाखा फैक्ट्री अवैध रूप से चल रही थी, जिसमें सोमवार की सुबह अचानक धमाका हो गया. इस हादसे में दो नाबालिगों सहित चार लोगों की जान चली गई है. वहीं हादसे में तीन लोग बुरी तरह से झुलस गए हैं. अभी तक आग लगने की वजह का पता नहीं चल सका है. वहीं, मुआवजे की मांग को लेकर परिजन धरने पर बैठ गए हैं.
आग इतनी भयंकर थी कि आसपास की पांच अन्य दुकानों को भी अपनी चपेट में ले लिया. सूचना पर पहुंची दमकल विभाग की टीम ने करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. वहीं अभी तक धमाके की वजह अभी तक सामने नहीं आ पाई है.
दरअसल, कानूनगोयान मोहल्ला निवासी आलोक जिंदल ने घर के सामने ही एक गोदाम में पांच दुकान किराए पर ले रखी हैं. बताया गया है कि इनमें से तीन दुकानों में अवैध पटाखा फैक्ट्री चल रही थी, जबकि दो दुकानों में रंग और पतंग का गोदाम बनाया हुआ था. इनके बगल की दुकानों में अन्य व्यापारियों के तेल और परचून के गोदाम हैं.
सोमवार को फैक्ट्री में 15 वर्षीय अदनाम, 16 वर्षीय अरमान, 23 वर्षीय सूरज और 22 वर्षीय नीरज गोदाम का शटर नीचे कर काम कर रहे थे. तभी सुबह करीब 11 बजकर 25 मिनट पर फैक्ट्री में अचानक जोरदार धमाका हुआ, जिसके बाद भीषण आग लग गई. धमाके की आवाज सुनकर आसपास की दुकानों और घरों से लोग बाहर आग गए, जिसके बाद पुलिस और दमकल की टीम को सूचना दी गई.
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इसके कुछ देर बाद दमकल और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. दमकल की टीम ने बंद शटर को खोलने का प्रयास किया. दमकल की टीम ने लोहे की रॉड से बंद दुकान का शटर तोड़ा और फिर पीछे की दीवार तोड़ी. इसी दौरान गोदाम में भी धमाके होते रहे. आग की चपेट में आने से अदनान निवासी माहिग्रान मछली मोहल्ला रुड़की, अरमान निवासी इमलीरोड रुड़की और एक अज्ञात व्यक्ति जिंदा जल गए. दमकल कर्मियों ने उनके शव को किसी तरह से बाहर निकाला गया. वहीं मौके से नीरज निवासी ढंडेरा व सूरज निवासी रामनगर और आयुष निवासी कानूनगोयान को गंभीर हालत में बाहर निकाला गया. दोनों युवक आग से बुरी तरह से झुलसे हुए थे. घायलों को सिविल अस्पताल रुड़की भेजा गया है, जहां से उन्हें हायर सेंटर रेफर किया गया.
हादसे के बाद हरिद्वार एसएसपी अजय सिंह, रुड़की ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट अभिनव शाह मौके पर पहुंचे. करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका. वहीं मौके पर फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया. फॉरेंसिक टीम ने जब छानबीन शुरू की तो करीब ढाई बजे टीम ने मलबे से एक और शव को बाहर निकाला, जिसकी शिनाख्त नहीं हो सकी है.
वहीं, जब मृतकों के परिजनों को इस घटना की जानकारी लगी तो हाहाकार मच गया. इस दौरान मृतकों के परिजन मुआवजे की मांग पर अड़ गए. उनका कहना था कि जबतक उनकी मांग पूरी नहीं होंगी, तब तक वो पोस्टमॉर्टम नहीं होने देंगे. परिजनों का आरोप है कि दुकान का शटर बंद कर उनके बच्चों से काम कराया जाता था.
हरिद्वार एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि फॉरेंसिक जांच के बाद पता चलेगा कि आग किस वजह से लगी थी, हादसे के समय मौके पर कितने लोग मौजूद थे, इसकी भी जांच की जा रही है. इस मामले में जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
बीते दिनों भी हरिद्वार में हुआ था हादसाः बीती 11 फरवरी को हरिद्वार-देहरादून मार्ग पर खैरी कला में बने पीएनजी के केंद्रीय भंडारण गृह में भी आग लगी थी. कई घंटों की मशक्कत के बाद भी आग पर काबू पाया जा सका था. आग बुझाने के लिए देहरादून से पानी की दो गाड़ियां, ज्वलनशील गैस और तेल की आग बुझाने के वाहन लिए भेजे गए थे. दो गाड़ियां हरिद्वार, ऋषिकेश और एक रानीपोखरी से भेजी गई थी. पीएनजी के भंडार गृह में गेल कंपनी के प्लास्टिक के पाइप और अन्य सामान रखे हुए थे. आग लगने से भंडार गृह के पास खड़ी एक जेसीबी भी जल गई थी. आग लगने के सही कारणों का पता नहीं लग सका था लेकिन मुख्य अग्निशमन अधिकारी राजेंद्र खाती का कहना था कि संभवतः भंडार गृह में एक पाइप में आग लगने के बाद आग हर जगह फैल गई.