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47 साल की सेवा के बाद आज कॉर्बेट पार्क से रिटायर हुई हथिनी गोमती, खोजी कुत्ता ब्रांडी भी हुआ सेवानिवृत्त - उत्तराखंड लेटेस्ट न्यूज

Elephant Gomati Retired from Corbett Service विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में वन्यजीवों और अन्य वन संपदा की सुरक्षा में दिन रात लगी हथिनी गोमती और खोजी कुत्ता ब्रांडी आज रिटायर हो गए हैं. हथिनी गोमती 47 सालों से कॉर्बेट नेशनल पार्क की सुरक्षा में तैनात थी. हथिनी गोमती और खोजी कुत्ते को पार्क प्रशासन ने पूरे सम्मान के साथ सेवानिवृत्ति दी. Sniffer Dog Brandy Retired from Corbett Service

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 4, 2023, 2:10 PM IST

Updated : Oct 4, 2023, 5:07 PM IST

हथिनी गोमती और खोजी कुत्ता ब्रांडी हुए सेवानिवृत्त.

रामनगर (उत्तराखंड): नैनीताल के रामनगर स्थित कॉर्बेट पार्क के वनों और वन्य जीवों की सुरक्षा का जिम्मा वन कर्मचारी पर ही नहीं है, बल्कि पालतू हाथियों और स्निफर डॉग्स पर भी रहता है. इन्हें भी एक समय के बाद कर्मचारियों की तरह रिटायरमेंट दिया जाता है. इसी कड़ी में आज जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में 47 सालों से अपनी सेवाएं दे रही हथिनी गोमती को भी रिटायर किया गया.

वन्य प्राणी सप्ताह के चौथे दिन मनाए जाने वाले हाथी दिवस के दिन हथिनी गोमती को पूरे सम्मान के साथ सेवानिवृत्ति दी गई है. गोमती के साथ एक खोजी कुत्ते ब्रांडी को भी रिटायर्ड किया गया है, जिसने करीब आठ सालों तक वन विभाग के कर्मचारियों के साथ पार्क की सुरक्षा की. दोनों को गले में माला डालकर बैच लगाया गया.
पढ़ें- कॉर्बेट में सेवा दे रहे हथिनी और स्निफर डॉग होंगे रिटायर, विदाई समारोह की तैयारियों में जुटा प्रशासन

बता दें कि कॉर्बेट नेशनल पार्क में वनों और वन्यजीवों की सुरक्षा में कर्मचारियों के साथ हाथियों और खोजी कुत्तों की भी मदद ली जाती है. जंगलों में मॉनसून सीजन की गश्त हो या फिर पोचर्स (शिकारियों) से वन्यजीवों को बचाने के लिए की जाने वाली गश्त, इन सभी कामों में हाथी और खोजी कुत्तों का सहारा लिया जाता है.

यहां तक की बाघ या गुलदार को ट्रेंकुलाइज और उनका रेस्क्यू करने तक में वन विभाग को हाथियों की जरूरत पड़ती है. गोमती हथिनी भी पिछले 47 सालों से दिन रात जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की सेवा में लगी हुई थी, जिसे आज रिटायर किया गया है.
पढ़ें- कॉर्बेट में सफारी और नाइट स्टे हुआ महंगा, पार्क प्रशासन ने 3 गुना बढ़ाए दाम

गौरतलब हो कि एक हाथी से 65 साल की उम्र तक ही काम लिया जा सकता है. हथिनी गोमती 65 साल की हो चुकी है, जिसमें 47 साल तक कॉर्बेट नेशनल पार्क में अपनी सेवाएं दी हैं. आज पूरे सम्मान के साथ हथिनी गोमती को रिटायर किया गया है. हथिनी गोमती को 18 साल की आयु में लखनऊ से कॉर्बेट पार्क लाया गया था, तब से वो यहीं पर है.

corbett national park
खोजी कुत्ता ब्रांडी भी हुआ सेवानिवृत्त.

महावत फारुख खान ने कहा कि आज गोमती हथिनी के रिटायर होने पर उन्हें बड़ी खुशी है. एक बच्चे की तरह उनका गोमती से लगाव रहा है. वहीं, गोमती के पूर्व महावत सूबेदार अली ने कहा कि एक बार गोमती ने ही उनकी बाघ के हमले से जान बचाई थी. एक बार बाघ ने उन्हें बुरी तरह से घायल कर दिया था तब गोमती ने ही दो घंटे का सफर 20 मिनट में पूरा कर उन्हें हॉस्पिटल पहुंचाया था, जिस वजह से उनकी जान बच पाई थी.
पढ़ें- कॉर्बेट में अवैध निर्माण और पेड़ कटान मामले में CBI जांच शुरू, विजिलेंस ने दस्तावेज हैंडओवर किए

वहीं, कॉर्बेट पार्क के निदेशक डॉ धीरज पांडे ने बताया कि आज 47 सालों के बाद गोमती को रिटायर किया गया है. एलीफैंट गाइड लाइन के मुताबिक 65 से ज्यादा उम्र के हाथी से कार्य नहीं करवाया जा सकता है. अब इससे हल्का फुल्का कार्य लिया जाएगा, जिसमें घास लाना आदि जैसे कार्य हैं. गोमली को अभी ढिकाला जोन में रखा जाएगा. गोमती के साथ एक खोजी कुत्ते ब्रांडी को भी सेवानिवृत किया गया है, जो पिछले 8 सालों से अपनी सेवाएं दे रहा था. खोजी कुत्ते को विभाग की चौकियों में रखा जाएगा.

ये हैं गोमती की उपलब्धियां: गोमती हथिनी ने महावत सूबेदार अली की बाघ से जान बचाने के साथ ही कई अभियानों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. गोमती को मुख्य रूप से बाघों के ट्रांसलोकेशन, रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल किया जाता रहा है. इसी साल बाघों के ट्रांसलोकेशन के लिए किए गए रेस्क्यू ऑपरेशन में गोमती को शामिल किया गया था. आपको बता दें कि-

  1. 2010 में नरभक्षी हुए बाघ ने महिला को शिकार बनाने के साथ ही कई लोगों पर जानलेवा हमलाकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था. उस समय वन विभाग ने रेस्क्यू अभियान चलाया था जिसमें गोमती ने अहम भूमिका निभाई थी. इस ऑपरेशन में बाघ को मार गिराया गया था.
  2. कॉर्बेट पार्क के ढिकाला रेंज में वन कर्मियों को मौत के घाट उतारने वाले नरभक्षी हुए बाघ को रेस्क्यू करने में भी गोमती का अहम योगदान रहा है.
  3. साल 1987 में लगातार गर्जिया क्षेत्र में राहगीरों पर हमला करने वाले बाघ को रेस्क्यू करने में भी गोमती ने अहम योगदान निभाया.
  4. 2012 में ऋषिकेश में दिख रहे जंगली हाथी को रेस्क्यू करने में भी गोमती ने अहम भूमिका निभाई.
  5. 2022 में लगातार राहगीरों पर हमला करने वाली, दो से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतारने व बाइक सवारों पर हमला करने वाली बाघिन को पकड़ने के लिए चलाए जाने वाले लंबे सर्च अभियान व उसको सफल रेस्क्यू करने में भी गोमती ने अहम भूमिका निभाई थी.
  6. कॉर्बेट पार्क से राजाजी टाइगर रिजर्व भेजे गए बाघों को ट्रेंकुलाइज करने में गोमती का अहम योगदान रहा है.

हथिनी गोमती और खोजी कुत्ता ब्रांडी हुए सेवानिवृत्त.

रामनगर (उत्तराखंड): नैनीताल के रामनगर स्थित कॉर्बेट पार्क के वनों और वन्य जीवों की सुरक्षा का जिम्मा वन कर्मचारी पर ही नहीं है, बल्कि पालतू हाथियों और स्निफर डॉग्स पर भी रहता है. इन्हें भी एक समय के बाद कर्मचारियों की तरह रिटायरमेंट दिया जाता है. इसी कड़ी में आज जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में 47 सालों से अपनी सेवाएं दे रही हथिनी गोमती को भी रिटायर किया गया.

वन्य प्राणी सप्ताह के चौथे दिन मनाए जाने वाले हाथी दिवस के दिन हथिनी गोमती को पूरे सम्मान के साथ सेवानिवृत्ति दी गई है. गोमती के साथ एक खोजी कुत्ते ब्रांडी को भी रिटायर्ड किया गया है, जिसने करीब आठ सालों तक वन विभाग के कर्मचारियों के साथ पार्क की सुरक्षा की. दोनों को गले में माला डालकर बैच लगाया गया.
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बता दें कि कॉर्बेट नेशनल पार्क में वनों और वन्यजीवों की सुरक्षा में कर्मचारियों के साथ हाथियों और खोजी कुत्तों की भी मदद ली जाती है. जंगलों में मॉनसून सीजन की गश्त हो या फिर पोचर्स (शिकारियों) से वन्यजीवों को बचाने के लिए की जाने वाली गश्त, इन सभी कामों में हाथी और खोजी कुत्तों का सहारा लिया जाता है.

यहां तक की बाघ या गुलदार को ट्रेंकुलाइज और उनका रेस्क्यू करने तक में वन विभाग को हाथियों की जरूरत पड़ती है. गोमती हथिनी भी पिछले 47 सालों से दिन रात जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की सेवा में लगी हुई थी, जिसे आज रिटायर किया गया है.
पढ़ें- कॉर्बेट में सफारी और नाइट स्टे हुआ महंगा, पार्क प्रशासन ने 3 गुना बढ़ाए दाम

गौरतलब हो कि एक हाथी से 65 साल की उम्र तक ही काम लिया जा सकता है. हथिनी गोमती 65 साल की हो चुकी है, जिसमें 47 साल तक कॉर्बेट नेशनल पार्क में अपनी सेवाएं दी हैं. आज पूरे सम्मान के साथ हथिनी गोमती को रिटायर किया गया है. हथिनी गोमती को 18 साल की आयु में लखनऊ से कॉर्बेट पार्क लाया गया था, तब से वो यहीं पर है.

corbett national park
खोजी कुत्ता ब्रांडी भी हुआ सेवानिवृत्त.

महावत फारुख खान ने कहा कि आज गोमती हथिनी के रिटायर होने पर उन्हें बड़ी खुशी है. एक बच्चे की तरह उनका गोमती से लगाव रहा है. वहीं, गोमती के पूर्व महावत सूबेदार अली ने कहा कि एक बार गोमती ने ही उनकी बाघ के हमले से जान बचाई थी. एक बार बाघ ने उन्हें बुरी तरह से घायल कर दिया था तब गोमती ने ही दो घंटे का सफर 20 मिनट में पूरा कर उन्हें हॉस्पिटल पहुंचाया था, जिस वजह से उनकी जान बच पाई थी.
पढ़ें- कॉर्बेट में अवैध निर्माण और पेड़ कटान मामले में CBI जांच शुरू, विजिलेंस ने दस्तावेज हैंडओवर किए

वहीं, कॉर्बेट पार्क के निदेशक डॉ धीरज पांडे ने बताया कि आज 47 सालों के बाद गोमती को रिटायर किया गया है. एलीफैंट गाइड लाइन के मुताबिक 65 से ज्यादा उम्र के हाथी से कार्य नहीं करवाया जा सकता है. अब इससे हल्का फुल्का कार्य लिया जाएगा, जिसमें घास लाना आदि जैसे कार्य हैं. गोमली को अभी ढिकाला जोन में रखा जाएगा. गोमती के साथ एक खोजी कुत्ते ब्रांडी को भी सेवानिवृत किया गया है, जो पिछले 8 सालों से अपनी सेवाएं दे रहा था. खोजी कुत्ते को विभाग की चौकियों में रखा जाएगा.

ये हैं गोमती की उपलब्धियां: गोमती हथिनी ने महावत सूबेदार अली की बाघ से जान बचाने के साथ ही कई अभियानों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. गोमती को मुख्य रूप से बाघों के ट्रांसलोकेशन, रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल किया जाता रहा है. इसी साल बाघों के ट्रांसलोकेशन के लिए किए गए रेस्क्यू ऑपरेशन में गोमती को शामिल किया गया था. आपको बता दें कि-

  1. 2010 में नरभक्षी हुए बाघ ने महिला को शिकार बनाने के साथ ही कई लोगों पर जानलेवा हमलाकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था. उस समय वन विभाग ने रेस्क्यू अभियान चलाया था जिसमें गोमती ने अहम भूमिका निभाई थी. इस ऑपरेशन में बाघ को मार गिराया गया था.
  2. कॉर्बेट पार्क के ढिकाला रेंज में वन कर्मियों को मौत के घाट उतारने वाले नरभक्षी हुए बाघ को रेस्क्यू करने में भी गोमती का अहम योगदान रहा है.
  3. साल 1987 में लगातार गर्जिया क्षेत्र में राहगीरों पर हमला करने वाले बाघ को रेस्क्यू करने में भी गोमती ने अहम योगदान निभाया.
  4. 2012 में ऋषिकेश में दिख रहे जंगली हाथी को रेस्क्यू करने में भी गोमती ने अहम भूमिका निभाई.
  5. 2022 में लगातार राहगीरों पर हमला करने वाली, दो से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतारने व बाइक सवारों पर हमला करने वाली बाघिन को पकड़ने के लिए चलाए जाने वाले लंबे सर्च अभियान व उसको सफल रेस्क्यू करने में भी गोमती ने अहम भूमिका निभाई थी.
  6. कॉर्बेट पार्क से राजाजी टाइगर रिजर्व भेजे गए बाघों को ट्रेंकुलाइज करने में गोमती का अहम योगदान रहा है.
Last Updated : Oct 4, 2023, 5:07 PM IST
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