नई दिल्ली: ईडी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि वामपंथी उग्रवाद (left wing extremism) प्रभावित राज्य के राजनांदगांव जिले में स्थित संलग्न भूमि अश्विनी वर्मा और उनके छोटे भाई तमेश वर्मा के नाम पर है. प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने कहा कि अश्विनी वर्मा ने नक्सलियों से विमुद्रीकृत मुद्रा प्राप्त की और यह पैसा विभिन्न व्यक्तियों/स्थानीय किसानों से अनाज और कृषि उत्पादों की खरीद के लिए दिया.
बाद में अश्विनी वर्मा द्वारा खरीदे गए अनाज व कृषि उत्पादों को बेचा गया और पैसा कथित तौर पर उनके द्वारा ही प्राप्त किया गया. अश्विनी वर्मा ने इस पैसे को राजनांदगांव में 2975000 रुपये की लागत से एक कृषि भूमि की खरीद में निवेश किया, जिसे अब ईडी द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act) के तहत एक अस्थायी आदेश जारी करने के बाद संलग्न किया गया है.
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एजेंसी ने राज्य पुलिस द्वारा गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई एक अक्टूबर 2018 प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए और एक प्रतिबंधित नक्सली संगठन की सहायता करने के लिए आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया है. नवंबर 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1000 रुपये और 500 रुपये की दो उच्च मूल्य वाली मुद्राओं के विमुद्रीकरण की घोषणा की थी.