डोईवाला (उत्तराखंड): लव जिहाद और लैंड जिहाद के बाद उत्तराखंड में कट्टरपंथी कैसे हिंदू युवकों का ब्रेन वॉश कर रहे हैं, इसका एक चौंकाने वाला मामला राजधानी देहरादून के डोईवाला क्षेत्र से सामने आया है. बीते 4 साल से अपने घर के कमरे में ही रह रहा 24 साल का वैभव बिजल्वाण कैसे धार्मिक कट्टरपंथियों के संपर्क में आ गया, इस मामले ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है. वैभव बिज्लवान के पिता कृष्ण बिजल्वाण ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.
बात करने पर वैभव ने पिता पर थूका: कृष्ण बिजल्वाण का आरोप है कि उनके बेटे का ब्रेन वॉश किया गया है. वो वैभव को पढ़ाई के लिए लगातार पैसे दे रहे थे. जब तीन चार साल हो गए तो उन्होंने पता किया की बेटा क्या कर रहा है और कौन की डिग्री ले रहा है. लेकिन पूछने पर भी वैभव ने पिता को कभी बताया ही नहीं. जिसके बाद उन्हें पता चला कि वैभव कुरान की आयतें पढ़ता है. शक होने पर उन्होंने वैभव से बात करना चाहा तो वैभव ने उन पर थूक दिया.
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वैभव का बर्ताव में आया बदलाव: बेटे के व्यवहार से हैरान पिता ने जब उसका बदला स्वरूप देखा तो उनका शक गहराया. पिता को आशंका हुई कि इसके पीछे किसी ना किसी का हाथ है. उन्होंने सोचा कि अभी तो चार साल हुए हैं लेकिन आगे समस्या और न बढ़ जाए इसलिए उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहना कि वैभव उनका इकलौता बेटा है. उनको शक है कि जब वैभव नाबालिग था तब से ही कोई उसके पीछे लगा होगा. किसी ने बहलाकर वैभव का ब्रेन वॉश किया है.
कमरे से बाहर नहीं निकलता था वैभव: कृष्ण बिजल्वाण का कहना है कि वैभव के व्यवहार में इन चार सालों में काफी बड़ा बदलाव देखने को मिला है. वो न किसी से बात करता था और न ही कमरे से बाहर निकलता था. जब वो कमरा खोलने के लिए कहते थे, तब भी वैभव कमरा नहीं खोलता था. पिता कृष्ण बिजल्वाण ने बताया कि जब घर में कोई नहीं होता था तब वो नाश्ता और खाना खाता था. उन्होंने बताया कि वैभव ने सॉफ्टवेयर डेवलपर का कोर्स किया हुआ है. उसके बाद भी उन्होंने डिग्री के लिए उसे पैसे दिए. वो पैसे कहां गए किसी को पता नहीं. पिता ने बताया कि ऐसा भी नहीं है कि उसका यहां कोई दोस्त हो, उसका आसपास में कोई दोस्त नहीं है.
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वैभव बोलता था फर्राटेदार उर्दू: नमाज पढ़ने की बात पर वैभव बिजल्लाण के पिता कृष्ण बिजल्वाण ने कहा कि वो नमाज पढ़ता था. बच्चों ने कई बार देखा, लेकिन उन्हें यकीन नहीं हुआ. पहले वो इसको गंभीरता से नहीं लेते थे. जब उन्होंने उसकी कॉपी देखी तो तब जाकर उन्हें यकीन हुआ. जिसके बाद उन्होंने वैभव को किसी मनोचित्सक के पास ले जानी की सोची, लेकिन कैसे जाएगा ये समझ में नहीं आया, क्योंकि वैभव का बर्ताव ठीक नहीं था. उन्होंने कहा कि वैभव ने दीवारों पर भी उर्दू-फारसी में आयतें लिखी हुई थीं, जिसे उन्होंने पेंट करवा दिया. वैभव फारसी और उर्दू भाषा का अच्छा जानकार है. उर्दू सीखने पर जब उसे सवाल जवाब किया जाता था तो वो कहता था कि विदेश जाएगा.
देहरादून एसएसपी क्या बोले: देहरादून के एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने बताया कि युवक ने पॉलिटेक्निक की पढ़ाई की है. उसके कमरे में एक लैपटॉप मिला है. जैसा घर वाले कह रहे हैं कि उसने 3 साल पहले क्रिप्टो में ट्रेडिंग शुरू की थी, इसी दौरान वो कुछ इस्लामिक ग्रुपों से जुड़ गया और कमरे में बैठकर पांच वक्त की नमाज भी पढ़ने लगा. एसएसपी ने बताया कि इस बीच कुछ लोग उसके पाकिस्तान से संपर्क में होने की बात कर रहे हैं, लेकिन पुलिस जांच में अभी तक ऐसा तथ्य सामने नहीं आया है. लगातार युवक से पूछताछ की जा रही है, उसके लैपटॉप में यूट्यूब वीडियोज की हिस्ट्री भी मिली है.
पुलिस खंगाल रही लैपटॉप: पुलिस लैपटॉप को खंगाल रही है. एसएसपी दून का कहना है कि युवक डिप्रेशन का शिकार लग रहा है. पिता का कहना है कि वो केवल खाना खाने के लिए ही कमरे से बाहर आता था. इस दौरान वह इस्लाम के बारे में बात करता था. पुलिस ने जब पूछताछ की तो वैभव खुद को मुस्लिम ही बता रहा है. वो इस्लाम की तारीफ कर रहा है और मूल धर्म के बारे में उसके रिएक्शन ठीक नहीं है.
सावधान रहने की जरूरत: अगर आपके बच्चे भी अत्यधिक इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं और चुपचाप बिना किसी से मिले अकेले अकेले रह रहे हैं तो आपको भी सचेत होना चाहिए. क्योंकि इंटरनेट पर ब्रेन वॉश करने वाले गेम और कई ऐसे चैनल हैं जो तरह-तरह के मोह जाल में फंसा कर बच्चों को धार्मिक कट्टरपंथ का शिकार बना रहे हैं, जिसके नतीजे आगे चलकर परिवार के साथ साथ समाज के लिए भी खतरनाक हो सकते हैं.