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पिता का सपना था क्रिकेटर बनना, बेचनी पड़ी बिरयानी, अब बेटियों ने थामा बल्ला, पढ़ें प्रेरक कहानी

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Published : Aug 18, 2021, 11:10 PM IST

जामनगर से कई भारतीय क्रिकेटर उभार कर आए हैं. रंजीत सिंहजी से लेकर रवींद्र जडेजा जैसे खिलाड़ियों ने भारतीय टीम में अपनी जगह बनाई है. अब अगर महिला क्रिकेटर्स भी जामनगर को मशहूर कर दें तो इसमें कोई हैरानी नहीं होगी. शहर के एक बिरियानी बेचने वाले व्यक्ति की बेटियों का चयन राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट टूर्नामेंट में हो गया है.

बेटियां कर रही सपना पूरा
बेटियां कर रही सपना पूरा

जामनगर : जामनगर की एक बाप-बेटी की जोड़ी ने उन लोगों को जवाब है जो सोचते हैं कि महिलाओं को चौके की तार दीवारी में रहना चाहिए. आसिफ और उनकी बेटियां 'सोच बदलो सब बदलेगा' का एक अच्छा उदाहरण है. यह तिकड़ी कुछ भी करने के लिए जुनून की बेहतरीन मिसाल पेश करती है.

बेटियां कर रही सपना पूरा

बिरयानी का ठेला लगाने वाले आसिफ की तीसरी बेटी सुजैन का साल 2020 में 15 सदस्यीय रणजी ट्रॉफी/सीनियर टीम में चयन हुआ और इस साल फिर 2021 में सुजैन को महिला रणजी ट्रॉफी/सीनियर में शामिल किया गया है. दूसरी ओर बेटी राबिया का सेलेक्शन गुजरात की अंडर 19 क्रिकेट टीम में हुआ है.

आसिफ खुद भी एक क्रिकेटर बनना चाहते थे और अब अपनी बेटियों को क्रिकेट की कोचिंग करवा कर वे अपने इस सपने को जी रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ उनकी बेटियां सुजैन और राबिया भी पूरी लगन और मेहनत से अपने पिता के इस सपने को पूरा करने में मेहनत कर रही हैं.

पढ़ें :- जूनियर चयन ट्रायल में हरियाणा की महिला पहलवानों का दबदबा

जिंदगी दो खास चीजों से बनती है, इच्छाएं और जुनून, दोनों ही सुजैन को अपने पिता आसिफ से विरासत में मिली हैं. जब क्रिकेट के मैदान पर जुनून उतरता है तो खेल का उत्साह देखते ही बनता है. सुजैन जब भी मैदान में होती है, तो उसे याद आता है कि कैसे उसके पिता भी एक क्रिकेटर बनना चाहते थे.

सुजैन के पिता आसिफ चाहते हैं कि उनकी दो क्रिकेटर बेटियां अच्छा करें और टीम इंडिया में शामिल होकर जामनगर, उनके परिवार का नाम रोशन करें.

जामनगर : जामनगर की एक बाप-बेटी की जोड़ी ने उन लोगों को जवाब है जो सोचते हैं कि महिलाओं को चौके की तार दीवारी में रहना चाहिए. आसिफ और उनकी बेटियां 'सोच बदलो सब बदलेगा' का एक अच्छा उदाहरण है. यह तिकड़ी कुछ भी करने के लिए जुनून की बेहतरीन मिसाल पेश करती है.

बेटियां कर रही सपना पूरा

बिरयानी का ठेला लगाने वाले आसिफ की तीसरी बेटी सुजैन का साल 2020 में 15 सदस्यीय रणजी ट्रॉफी/सीनियर टीम में चयन हुआ और इस साल फिर 2021 में सुजैन को महिला रणजी ट्रॉफी/सीनियर में शामिल किया गया है. दूसरी ओर बेटी राबिया का सेलेक्शन गुजरात की अंडर 19 क्रिकेट टीम में हुआ है.

आसिफ खुद भी एक क्रिकेटर बनना चाहते थे और अब अपनी बेटियों को क्रिकेट की कोचिंग करवा कर वे अपने इस सपने को जी रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ उनकी बेटियां सुजैन और राबिया भी पूरी लगन और मेहनत से अपने पिता के इस सपने को पूरा करने में मेहनत कर रही हैं.

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जिंदगी दो खास चीजों से बनती है, इच्छाएं और जुनून, दोनों ही सुजैन को अपने पिता आसिफ से विरासत में मिली हैं. जब क्रिकेट के मैदान पर जुनून उतरता है तो खेल का उत्साह देखते ही बनता है. सुजैन जब भी मैदान में होती है, तो उसे याद आता है कि कैसे उसके पिता भी एक क्रिकेटर बनना चाहते थे.

सुजैन के पिता आसिफ चाहते हैं कि उनकी दो क्रिकेटर बेटियां अच्छा करें और टीम इंडिया में शामिल होकर जामनगर, उनके परिवार का नाम रोशन करें.

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