हैदराबाद: देश में कोरोना वायरस का कहर बना हुआ है. हर दिन कोरोना वायरस के नए मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि पिछले तीन हफ्तों से नए कोरोना वायरस मामलों और मौतों की संख्या में गिरावट आई है. वहीं, सर्दी के मौसम में कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर भी देखी जा सकती है.
वैक्सीन वितरण के लिए निश्चित तापमान महत्वपूर्ण
कोविड-19 वैक्सीन को एक निश्चित तापमान की जरुरत होती है. कम तापमान मानइस 70 डिग्री सेंटीग्रेड पर रखना होगा. भारत को बढ़ी संख्या में खुराक की आवश्यकता है, ऐसे में कम और मध्यम आय वाले देशों के लिए कोल्ड चेन को बरकरार रखना चुनौती होगी, खासकर छोटे कस्बों और गांवों में इतने कम तापमान को बरकरार रखना चुनौती होगी. यह भारत और दूसरे देशों के लिए बड़ी चुनौती है.
वैक्सीन के प्रभाव या गुणवत्ता के लिए उचित तापमान पर रखना होता है अगर बहुत अधिक गर्म तापमान के संपर्क में आने के बाद वैक्सीन को दोबारा ठंडा किया जाए तो वह असरदार नहीं होगी.
भारत की कोल्ड स्टोरेज क्षमता | खुराक की संख्या |
सरकारी क्षमता | 200-250 मिलियन |
निजी क्षेत्र की क्षमता | 250-300 मिलियन |
कुल क्षमता | 450-550 मिलियन |
भारत में उपयोग में वर्तमान कोल्ड स्टोरेज - इलेक्ट्रिक और नॉन-इलेक्ट्रिक | |
विद्युत | |
उपकरण | तापमान (डिग्री सेल्सियस) |
कोल्ड रूम | 2 टू 8 |
वॉक इन कूलर | 2 टू 8 |
वॉक इन फ्रीजर | -15 टू -25 |
आइस लाइनेड रेफ्रिजरेटर | 2 टू 8 |
डीप फ्रीजर | -15 टू -25 |
गैर-विद्युत | |
कोल्ड बाक्स | 2 टू 8 |
वैक्सीन कैरियर | 2 टू 8 |
कोल्ड चेन क्या है?
कोल्ड चेन एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें किसी वैक्सीन को एक तय तापमान के अंदर बनाने की जगह से लगाने की जगह तक पहुंचाने का इंतजाम बिना किसी चूक के करना होता है. तापमान में दिक्कत से वैक्सीन का असर जा सकता है. इसलिए दवा कंपनी से लेकर उसे लाने-पहुंचाने में लगे हवाई जहाज, ट्रक, स्टोरेज गोदाम, टीकाकरण टीम के बॉक्स तक निर्धारित तापमान मैंटेन करना होता है.
टीकों को लगातार एक सीमित तापमान रेंज में संग्रहित किया जाना चाहिए. जब तक वे टीकाकरण के क्षण तक निर्मित नहीं हो जाता. ऐसा इसलिए है क्योंकि बहुत अधिक या बहुत कम तापमान होने पर वैक्सीन को शक्ति (रोग से बचाने की क्षमता) खो सकती है.
कोविड-19 वैक्सीन की प्रमुख तापमान रेंज
खास बात है कि कोरोना वैक्सीन को स्टोरेज के लिए -70 डिग्री सेल्सियस के तापमान की जरूरत होती है. वैक्सीन को इतने कम तापमान में रखना भारत में एक बड़ी चुनौती है. यह चुनौती खासकर देश के ग्रामीण इलाकों में ज्यादा बड़ी है. क्योंकि इन क्षेत्रों में इतने ठंडे माहौल को तैयार करना बहुत मुश्किल है.
कोरोना वैक्सीन के सभी उम्मीदवार ऑक्सफोर्ड, जॉनसन एंड जॉनसन और नोवावैक्स द्वारा प्रस्तावित कोविड-19 वैक्सीन शीर्ष दावेदारों में शामिल हैं, जो भारत के गर्म तापमान को देखते हुए देश में वैक्सीन के वितरण में उपयुक्त हैं.
वैक्सीन कैंडिडेट | कोल्ड चेन |
फाइजर/बायोएनटेक | -70 डिग्री सेल्सियस |
मोडरेना | -20 डिग्री सेल्सियस |
ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका | 2-8 डिग्री |
जॉनसन एंड जॉनसन | 2-8 डिग्री |
नोवावैक्स | 2-8 डिग्री |
भारत में कोल्ड स्टोरेज के बुनियादी ढांचे की कमी के पीछे कारण
पर्याप्त बुनियादी ढांचे की कमी, प्रशिक्षित कर्मियों की कमी, पुरानी तकनीक और असंगत बिजली आपूर्ति भारत में कोल्ड चेन बुनियादी ढांचे के विकास में अन्य प्रमुख बाधाएं हैं.
परिवहन
एयर कार्गो सामान्य रूप से अच्छी तरह से स्थापित वैश्विक समय और तापमान-संवेदनशील वितरण प्रणालियों के माध्यम से वैक्सीन के वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह क्षमता उपलब्ध होने पर कोविड-19 वैक्सीन त्वरित और कुशल परिवहन व वितरण के लिए महत्वपूर्ण होगी. यह सब सावधानीपूर्वक नियोजन के बिना नहीं होगा.
मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (CSMIA) ने कोविड-19 वैक्सीन के सुरक्षित परिवहन के लिए खुद को तैयार करना शुरू कर दिया है. हवाई अड्डे से भारत में वैक्सीन के भंडारण और वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है. क्योंकि यह एशिया के सबसे बड़े फार्मा-डिस्ट्रिब्यूटेड कोल्ड जोन का घर है, जिसमें 30,000 टन की कोल्ड स्टोरेज क्षमता है.
हवाई अड्डे के पास एशिया का सबसे बड़ा तापमान नियंत्रित निर्यात फार्मा उत्कृष्टता केंद्र है, जिसकी वार्षिक हैंडलिंग क्षमता 350,000 टन है, जो 4,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है.
सीएसएमआईए वैकेसीन वितरण के लिए ट्रक डॉक और एक्स-रे मशीन प्रदान करने की तैयारी कर रहा है. यह वैक्सीन वितरण प्रणाली के लिए एक यूनिट लोड डिवाइस बिल्डअप वर्कस्टेशन भी प्रदान करेगा, जिसका उपयोग विमान पर माल लोड करने के लिए किया जाता है.
टीकों के वितरण के लिए जीएमआर समूह कर रहा तैयारी
इस संदर्भ में दिल्ली और हैदराबाद हवाई अड्डों का संचालन करने वाले जीएमआर समूह का कहना है कि इन दोनों जगहों की एयर कार्गो इकाइयां संवेदनशील वितरण प्रणाली के माध्यम से टीकों के वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हो रही हैं, जिसमें कूल चेंबर्स +25 डिग्री सेल्सियस से -20 डिग्री सेल्सियस तक होंगे.
स्पाइसजेट ने वैश्विक कंपनी के साथ किया गठजोड़
इसके अतिरिक्त बजट एयरलाइंस स्पाइसजेट के कार्गो आर्म, स्पाइसएक्सप्रेस ने कोल्ड चेन संचालन के लिए वैश्विक कोल्ड चेन सॉल्यूशन प्रदाता के साथ गठजोड़ किया है, ताकि +25 डिग्री सेल्सियस से -40 डिग्री सेल्सियस के तापमान तक कार्गो शिपमेंट सुविधा उपलब्ध करा सके.
कई अन्य हवाई अड्डे और एयरलाइंस वैक्सीन के परिवहन की भी तैयारियां कर रही हैं. यह संभवतः अब तक का सबसे बड़ा एयर कार्गो अवसर है.
देश भर में कोल्ड चेन भंडारण और परिवहन की पेशकश
कंपनी | क्षमता | रिमार्क |
स्नोमैन लॉजिस्टिक्स | 1 लाख पैलेट, 289 वाहन, 33 गोदाम | सबसे बड़े संगठित प्लेयर, अगर यह सभी खाद्य भंडारण गोदामों को फिर से तैयार कर सकता है, तो यह 650mn खुराक तक भंडारण क्षमता को बढ़ा सकता है. |
गती कौसर | 5500 पैलेट, 160 वाहन | प्राथमिक/माध्यमिक वितरण, समर्पित रेफर बेड़े, स्वास्थ्य सेवा सहित कई उद्योगों के लिए अनुकूलित कोल्ड चेन समाधान. |
फ्यूचर सप्लाई चेन सॉल्यूशन | 8400 पैलेट, 4 वितरण केंद्र | भंडारण तापमान -25 डिग्री सेल्सियस से + 25 डिग्री सेल्सियस तक होता है. |
भारतीय परिवहन निगम | 7000 पैलेट | कृषि उत्पादों, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, एफएमसीजी, हेल्थकेयर उत्पाद आदि को स्टोर और ट्रांसपोर्ट करता है. |
महिंद्रा लॉजिस्टिक्स | ---- | हाल ही में खोले गए फार्मास्यूटिकल्स के लिए अत्याधुनिक तापमान नियंत्रित गोदाम. |
कोविड-19 के लिए भारत की वितरण रणनीति
सरकार ने कोविड-19 के लिए वैक्सीन प्रशासन पर एक राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह की स्थापना की है. समूह का उद्देश्य भारत और दुनिया को कोविड-19 महामारी से मुक्त करने के लिए वैक्सीन को तैयार करना है, इसके साथ ही दुनिया भर में किसी भी चल रहे प्रयासों में भारत को सबसे आगे रखना है.
कोविड-19 के लिए वैक्सीन प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह को एक साथ रखा गया है ताकि सरकार को वितरण रणनीति तैयार करने में मदद मिल सके. इसके साथ ही कौन से जनसंख्या समूहों को पहले टीका लगाया जाएगा, कौन सा टीका चुना जाएगा और कैसे कोल्ड चेन और डिलीवरी बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा, इस पर रणनीति बनेगी.
इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (eVIN)
ईविन क्या है?
कोविड-19 महामारी के इस दौर में देश भर में कोविड-19 की दवा की जरूरत, उसके भंडार, भंडारण तापमान एवं उपलब्धता आदि के बारे में 'इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क' के जरिये नजर रखी जा रही है. इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क वास्तव में इंटरनेट आधारित एक डिजिटल प्रणाली है जो नियमित टीकाकरण, दवा के भंडार, भंडारण तापमान आदि को लेकर निगरानी करेगी.
इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क किसी भी देश की केंद्र सरकार को यूनिवर्सल इम्युनाइजेशन प्रोग्राम में काम आता है. इससे रियल टाइम में वैक्सीन के रखरखाव पर नजर रखी जा सकती है. साथ ही ये भी देखा जा सकता है कि स्टॉक में कितनी वैक्सीन अभी बाकी है.
ईविन (eVIN) खासतौर पर वैक्सीन वितरण के लिए बनाई गई तकनीक है. इसकी मदद से इस बात पर नजर रखी है कि कितनी वैक्सीन स्टॉक में है. स्मार्टफोन पर काम करने वाली ये तकनीक साल 2015 में लॉन्च की गई थी. इससे इस बात पर ट्रैक रखा जाता है कि कोल्ड चेन में वैक्सीन का सही ढंग से रखरखाव हो सके और वितरण के दौरान कोई समस्या न हो.
यूआईपी (UIP) के तहत सरकार का मौजूदा इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क ईविन (eVIN) है, जो वास्तविक समय में देश भर में वैक्सीन की आपूर्ति और 25,000 कोल्ड चेन पॉइंट्स की निगरानी रखता है. कोविड-19 वैक्सीन वितरित करने के लिए तैनात और विस्तारित किया जाएगा.
वैक्सीन लाभार्थी प्रबंधन प्रणाली
कोविड-19 वैक्सीन प्राप्त करने वाले सभी लाभार्थियों के व्यक्तिगत ट्रैकिंग के लिए मौजूदा इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (eVIN) मॉड्यूल के विस्तार के रूप में कोविड-19 टीकाकरण प्रबंधन प्रणाली (CVBMS) बनाई जा रही है. इसके लिए सीवीबीएमएस के भीतर लाभार्थी डेटाबेस के निर्माण की आवश्यकता होगी, जो बदले में टीकाकरण के लिए उन्हें ट्रैक करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगा.
दुनिया में सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता
देश | मिलियन में खुराक की संख्या |
यूएसए | 4686 |
इंडिया | 3130 |
चाइना | 1900 |
नॉर्वे | 1150 |
फ्रांस | 1100 |
यूके | 951 |
स्विट्जरलैंड | 900 |
जर्मनी | 501 |
चेक रिपब्लिक | 500 |
नीदरलैंड्स | 500 |
दक्षिण कोरिया | 350 |