देहरादून: उत्तराखंड बीजेपी में बयानवीरों की कमी नहीं है. उत्तराखंड में बीजेपी सरकार को साढ़े चार साल का वक्त हो चुका है, लेकिन इन साढ़े चार सालों में बीजेपी नेताओं ने इतने उटपटांग बयान दिए हैं, जिनका कोई सानी नहीं है. इन बयानवीरों की टिप्पणी से बीजेपी संगठन और सरकार दोनों की कई बार फजीहत हुई है. कई नेता तो अपने इन बयानों के कारण प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश और विदेश में भी फेमस हुए हैं. उत्तराखंड में बीजेपी नेताओं के ऊलजलूल बयानबाजी पर एक नजर...
मंत्री धन सिंह रावत का बेतुका बयान: धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत का एक बयान ने सोशल मीडिया में उनकी फजीहत करा रहा है. साथ ही उच्च शिक्षा मंत्री के तौर पर उनके ज्ञान का प्रकाशन भी कर रहा है. दरअसल, उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि एक ऐसा ऐप तैयार हो चुका है, जो बारिश को कंट्रोल कर सकता है. इस ऐप को मंगवाने के लिए वे भारत सरकार की मदद मांगेंगे.
पढ़ें- VIDEO वायरलः आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह को मिली 'ऐप शक्ति', बारिश को कर लेंगे काबू!
अब उच्च शिक्षा मंत्री को कौन समझाएं की पूरी दुनियां में ऐसा कोई ऐप ही नहीं बना है, जो बारिश को कंट्रोल कर सके. मंत्री का ये वीडियो काफी वायरल हो रहा है औ यूजर्स उन पर जमकर चुटकी ले रहे हैं. विपक्ष भी पूरी मस्ती के मूड है. हरीश रावत ने तो धन सिंह रावत को भारत रत्न देने की मांग कर डाली.
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र की कम बयानवीर नहीं हैं: चार साल तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत भी कम बयानवीर नहीं हैं. उनके बयानों के चर्चे तो पूरे देश में मशहूर हैं. मुख्यमंत्री रहते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने ज्ञान का एक छोटा सा परिचय दिया था. उन्होंने दावा किया था कि पूरी दुनिया में गाय ही एक ऐसा जानवर है, जो ऑक्सीजन को बाहर छोड़ता है. गाय के संपर्क में रहने से सांस लेने में होने वाली समस्याएं भी ठीक हो जाती है. अपने इस दावों को प्रमाणित करने के लिए उन्होंने इटैलियन साइंटिस्ट के रिसर्च का हवाल तक दिया था.
इसके अलावा मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोरोना को लेकर एक और बयान दिया था. तब उन्होंने कहा था कि कोरोना संक्रमण भी एक प्राणी है और इसे भी जीने का अधिकार है. इंसान अपने आप को बहुत बुद्धिमान समझते हैं, लेकिन कोरोना को भी जीने का अधिकार है. हम कोरोना के पीछे लगे हुए है, और वो अपने आपको बचाने के लिए अपना रूप बदल रहा है. जिसके चलते कोरोना वायरस बहरूपिया हो गया हैं.
केंद्रीय राज्य रक्षा मंत्री भी कम ज्ञानी नहीं है: केंद्रीय राज्य रक्षा मंत्री अजय भट्ट ने 2019 में एक बयान दिया था. अपने इस बयान में उन्होंने गर्भवती महिलाओं को प्रसव पीड़ा से बचने का उपाय बताया था. उन्होंने कहा था कि बागेश्वर जिले में पड़ने वाली गरूण गंगा का पानी पीने से गर्भवती महिलाएं प्रसव की पीड़ा से बच सकती हैं.
कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत ने तो सबको पीछे छोड़ा: उत्तराखंड बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान की धामी सरकार में कैबिनेट बंशीधर भगत काम से कम और बयानबाजी के कारनामों से ज्यादा सुर्खियों में रहते हैं. उलजुलूल बयान देने में बंशीधर भगत का कोई सानी नहीं है. 2020 में बंशीधर भगत ने कोरोना से बचाव को लेकर एक अजीब बयान सामने आया था.
उन्होंने कहा था कि "मैंने गले में क्लोरीन डाइऑक्साइड 2 (CLO2) कार्ड पहन रखा था. यह ऐसा एन्टी-टॉक्सिक कार्ड है, जिसके पहनने से कीटाणु और जीवाणु आस-पास नहीं आते" है. हालांकि इस बयान के बाद उनकी काफी फजीहत हुई थी और वे कोरोना संक्रमित भी हो गे थे.
पीएम मोदी के सच्चे भगत पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत: पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सीएम रहते हुए प्रधानमंत्री मोदी की तुलान भगवान राम से की थी. इसके बाद वे विपक्ष समेत कई धर्म गुरुओं के निशाने पर आ गए थे.
फैशन को लेकर दिए बयान में सबसे ज्यादा ट्रोल हुए थे: मुख्यमंत्री रहते हुए तीरथ सिंह रावत ने महिलाओं के फैशन को लेकर एक बयान दिया था, जिस पर वे काफी ट्रोल भी हुए थे. यहां तक की जया बच्चन और उनकी नातिन समेत कई सेलिब्रेटियों ने भी तीरथ सिंह रावत को सोच बदलने तक की सलाह दी थी.
दरअसल, 16 मार्च 2021 तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने एक कार्यक्रम में कहा था कि संस्कारों के अभाव में युवा अजीबो-गरीब फैशन करने लगे हैं और घुटनों पर फटी जींस पहनकर खुद को बड़े बाप का बेटा समझने लगे हैं. ऐसे फैशन में लड़कियां भी पीछे नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि आजकल के बच्चे बाजार में घुटनों पर फटी जींस खरीदने जाते हैं और अगर फटी न मिले तो उसे कैंची से काट लेते हैं. साथ ही तीरथ सिंह रावत ने कहा कि वो जयपुर में एक कार्यक्रम में गए थे. वहां से लौटेत समय फ्लाइट में उनके बराबर में एक बहन जी बैठी थीं. "मैंने जब उनकी तरफ देखा तो नीचे गमबूट थे, जब और ऊपर देखा तो घुटने फटे थे. हाथ देखे तो कई कड़े थे. उनके साथ में दो बच्चे भी थे. मैंने पूछा तो महिला ने बताया कि वो एनजीओ चलाती हैं. मैंने कहा कि समाज के बीच में घुटने फटे दिखते हैं, बच्चे साथ में हैं, क्या संस्कार हैं ये?
इसके अलावा उनका एक और बयान सुर्खियों में रहा था. उन्होंने 21 मार्च 2021 को बड़ा ज्ञान दिया था. इस दौरान तत्कालीन सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि अमेरिका ने हमें 200 सालों तक गुलाम बनाकर रखा था. दरअसल, एक कार्यक्रम के दौरान तत्कालीन सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि अन्य देशों की तुलना में भारत कोरोना संकट से निपटने के मामले में बेहतर काम कर रहा है. वहीं अमेरिका जिसने हमें 200 साल तक गुलाम बनाए रखा और दुनिया पर राज किया वर्तमान समय में वह कोरोना से संघर्ष कर रहा है.
यही नहीं 21 मार्च को कार्यक्रम के दौरान ही तीरथ सिंह रावत ने कहा कि "कोरोना काल में सरकार की ओर से हर घर में प्रति यूनिट 5 किलो राशन दिया गया. जिनके 10 सदस्य थे, उनको 50 किलो, जिनके 20 सदस्य थे तो क्विंटल भर राशन दिया गया. फिर भी लोगों को जलन होने लगी कि 2 लोगों वालों को 10 किलो और 20 सदस्यों वालों को क्विंटल भर मिला. इसमें जलन कैसी? जब समय था तो आपने 2 ही पैदा किए, 20 क्यों नहीं पैदा किए".