चंडीगढ़ : कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Punjab Congress chief Navjot Singh Sidhu) ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री पद का चेहरा तय करेगा कि 60 उम्मीदवार विधायक चुने जाते हैं या नहीं.
पंजाब में सरकार बनाने के लिए 117 सदस्यीय विधानसभा में 59 सीट पर जीत जरूरी है और सिद्धू द्वारा कहा गया 60 का आंकड़ा इससे एक सीट अधिक है. राज्य में 20 फरवरी को विधानसभा चुनाव होगा.
सिद्धू की यह टिप्पणी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा अपने लुधियाना दौरे के दौरान मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा किए जाने की संभावना से पहले आई है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने हालांकि किसी पार्टी का नाम नहीं लिया.
उन्होंने यह भी कहा कि वही व्यक्ति 60 उम्मीदवारों का विधायक के रूप में निर्वाचन सुनिश्चित करा सकता है जिसके पास पंजाब के लिए रोडमैप है और जिस पर लोग विश्वास करते हैं.
अमृतसर पूर्व सीट से चुनाव लड़ रहे सिद्धू ने शनिवार को अमृतसर में मीडिया से कहा कि वह कभी भी 'सत्ता के उपासक' नहीं रहे. सिद्धू ने कहा, 'लेकिन आज पंजाब को एक बड़ी बात तय करनी है. 60 विधायक होने पर एक व्यक्ति मुख्यमंत्री बन जाएगा. कोई 60 विधायकों की बात नहीं कर रहा है. सरकार किस रोडमैप पर बनेगी, इस बारे में कोई बात नहीं करता.' उन्होंने दोहराया कि उनका मॉडल राज्य को आगे बढ़ा सकता है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'यह सिद्धू का मॉडल नहीं बल्कि राज्य का मॉडल है और अगर किसी के पास इससे बेहतर मॉडल है तो वह उसे भी स्वीकार करेंगे.' उन्होंने कहा, '60 विधायक वही व्यक्ति बना पाएगा, जिसके पास रोडमैप होगा और जिसे लोगों का भरोसा हासिल है, सच तो यह है कि चेहरा ही तय करेगा कि 60 (उम्मीदवार) विधायक बन पाते हैं या नहीं.'
'कांग्रेस में इसलिए आया क्योंकि मुझे पंजाब की चिंता'
वर्ष 2017 के चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) छोड़ने के बाद कांग्रेस में शामिल होने का उल्लेख करते हुए सिद्धू ने कहा कि उन्होंने किसी भी पद के लिए दूसरी पार्टी में शामिल होने के वास्ते पार्टी नहीं छोड़ी और वास्तव में, उन्होंने अपनी राज्यसभा सदस्यता छोड़ दी थी. उन्होंने कहा, 'मैं (कांग्रेस में) इसलिए आया क्योंकि मुझे पंजाब की चिंता है.' सिद्धू ने कहा कि उनकी लड़ाई हमेशा उन लोगों के खिलाफ रही है जिन्होंने पंजाब को लूटा है.
कांग्रेस नेता ने कहा, 'मेरी लड़ाई उन लोगों के खिलाफ है जो बेईमान हैं. जब शीर्ष पर कोई ईमानदार होता है, तो ईमानदारी नीचे तक फैल जाती है.' उन्होंने कहा, 'मैंने आज तक किसी से कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं की है. मैंने हमेशा पंजाब के लिए लड़ाई लड़ी है.' सिद्धू ने कहा कि वह कभी भी राजनीति, नीति और बजटीय आवंटन के मुद्दों से अलग नहीं हुए.
उन्होंने कहा, 'क्या सिद्धू ने व्यापार, खदान या शराब के लिए अपनी दुकान खोली है?' उन्होंने कहा कि वह एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिनकी कमाई में तेजी से गिरावट आई है. उन्होंने यह बात स्पष्ट रूप से टीवी शो और क्रिकेट कमेंट्री से कमाई के संदर्भ में कही. सिद्धू ने कहा, 'मैं अकेला व्यक्ति होऊंगा जिसकी आय में करोड़ों रुपये की गिरावट आई है. लेकिन मुझे संतोष है कि आय कुछ भी नहीं है.' उन्होंने कहा कि लोग उन्हें याद करते हैं जो बेहतरी के लिए समाज को बदल सकते हैं.
उन्होंने कहा, 'मेरा पंजाब मॉडल बच्चों, युवाओं और राज्य के लोगों के जीवन को बदलने के लिए है. यह मॉडल उन लोगों पर लगाम लगाएगा जो राज्य को लूट रहे हैं.'
सिद्धू ने कहा, 'पंजाबियों को तय करना है कि कौन सा चेहरा इसे (पंजाब मॉडल) लागू करेगा. जिसके नाम पर 60 (उम्मीदवार) विधायक चुने जाएंगे. सबसे बड़ा सवाल यह है कि उसकी नीति क्या है, उसका चरित्र क्या है और उसकी नैतिकता क्या है.'
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उन्होंने पूर्ववर्ती अकाली और अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली सरकारों पर भी निशाना साधा और कहा, 'क्या कोई व्यक्ति, जो माफिया का हिस्सा है, इसे रोक सकता है?' सिद्धू ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा, 'पंजाब मॉडल नवजोत सिद्धू का नहीं है. पंजाब मॉडल सिद्धू का अनुभव है. यह दिल्ली में बैठे किसी व्यक्ति या रिमोट कंट्रोल का अनुभव नहीं है.' उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने अपना दिल्ली मॉडल छोड़ दिया और अब पंजाब मॉडल की बात कर रहे हैं.
(पीटीआई-भाषा)