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FCRA License of RGF : सोनिया गांधी के नेतृत्व वाले दो गैर सरकारी संगठनों का एफसीआरए लाइसेंस निरस्त - rajiv gandhi charitable trust

केंद्र ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के नेतृत्व वाले दो गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ)-राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (आरजीसीटी) का विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस कानून के उल्लंघन के आरोप में निरस्त कर दिया है. इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट भी जांच के दायरे में आया था. लेकिन इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

rahul sonia
राहुल गांधी, सोनिया गांधी
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Published : Oct 23, 2022, 9:37 AM IST

Updated : Oct 23, 2022, 1:27 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने गांधी परिवार से जुड़े गैर-सरकारी संगठन राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (आरजीसीटी) का विदेशी योगदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस रद्द कर दिया है. गृह मंत्रालय (एमएचए) ने विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम के विभिन्न कानूनी प्रावधानों के उल्लंघन की जांच के समन्वय के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति की सिफारिशों के आधार पर पंजीकरण को रद्द कर दिया. fcra license of rajiv gandhi foundation.

प्राप्त जानकारी के अनुसार जुलाई 2020 में एमएचए द्वारा गठित समिति ने विभिन्न एफसीआरए मानदंडों के उल्लंघन के बारे में अपने निष्कर्षों की ओर इशारा किया है. इसके परिणामस्वरूप राजीव गांधी फाउंडेशन के पंजीकरण को रद्द कर दिया गया है.

राजीव गांधी फाउंडेशन के खिलाफ जुलाई 2020 में एक जांच शुरू हुई जब एमएचए ने गांधी परिवार से जुड़े तीन संगठनों- राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (आरजीसीटी) और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्र्स्ट- की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अधिकारी की अध्यक्षता में अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया. जांच मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, इनकम टैक्स एक्ट और एफसीआरए के तहत की गई.

समिति में एमएचए, वित्त मंत्रालय के साथ-साथ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारी शामिल थे. जांच करने के लिए अनिवार्य था कि क्या गांधी परिवार और अन्य कांग्रेस नेताओं द्वारा चलाए जा रहे ट्रस्टों ने आयकर दाखिल करते समय किसी दस्तावेज में हेरफेर किया था या नहीं. कहीं उन्होंने विदेशों से प्राप्त धन का दुरूपयोग तो नहीं किया. राजीव गांधी फाउंडेशन की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, संगठन ने 1991 से 2009 तक स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, महिलाओं और बच्चों और विकलांगता सहायता के क्षेत्रों में विभिन्न मुद्दों पर काम किया है. फाउंडेशन ने 2010 में शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया.

एफसीआरए लाइसेंस पंजीकरण रद्द होने के तुरंत बाद राजीव गांधी फाउंडेशन और उसके पदाधिकारियों को एक लिखित नोटिस भेजा गया है. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं. एनजीओ के अन्य ट्रस्टियों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और संसद सदस्य राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल हैं.

आरजीसीटी की वेबसाइट के अनुसार, यह देश के सबसे कम विकसित राज्यों में शामिल उत्तर प्रदेश के अलावा हरियाणा में दो विकास पहलों - राजीव गांधी महिला विकास परियोजना (आरजीएमवीपी) और इंदिरा गांधी नेत्र अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र (आईजीईएचआरसी) के माध्यम से काम करता है. आरजीएफ और आरजीसीटी, दोनों का कार्यालय नई दिल्ली में संसद परिसर के निकट राजेंद्र प्रसाद रोड के पास जवाहर भवन में है.

‘इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट’ भी जांच के दायरे में आया था. बहरहाल, अभी तक तीसरे संगठन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

ये भी पढ़ें : भगवान राम से राहुल गांधी की तुलना, कांग्रेस नेताओं ने दिया ऐसा जवाब

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने गांधी परिवार से जुड़े गैर-सरकारी संगठन राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (आरजीसीटी) का विदेशी योगदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस रद्द कर दिया है. गृह मंत्रालय (एमएचए) ने विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम के विभिन्न कानूनी प्रावधानों के उल्लंघन की जांच के समन्वय के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति की सिफारिशों के आधार पर पंजीकरण को रद्द कर दिया. fcra license of rajiv gandhi foundation.

प्राप्त जानकारी के अनुसार जुलाई 2020 में एमएचए द्वारा गठित समिति ने विभिन्न एफसीआरए मानदंडों के उल्लंघन के बारे में अपने निष्कर्षों की ओर इशारा किया है. इसके परिणामस्वरूप राजीव गांधी फाउंडेशन के पंजीकरण को रद्द कर दिया गया है.

राजीव गांधी फाउंडेशन के खिलाफ जुलाई 2020 में एक जांच शुरू हुई जब एमएचए ने गांधी परिवार से जुड़े तीन संगठनों- राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (आरजीसीटी) और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्र्स्ट- की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अधिकारी की अध्यक्षता में अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया. जांच मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, इनकम टैक्स एक्ट और एफसीआरए के तहत की गई.

समिति में एमएचए, वित्त मंत्रालय के साथ-साथ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारी शामिल थे. जांच करने के लिए अनिवार्य था कि क्या गांधी परिवार और अन्य कांग्रेस नेताओं द्वारा चलाए जा रहे ट्रस्टों ने आयकर दाखिल करते समय किसी दस्तावेज में हेरफेर किया था या नहीं. कहीं उन्होंने विदेशों से प्राप्त धन का दुरूपयोग तो नहीं किया. राजीव गांधी फाउंडेशन की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, संगठन ने 1991 से 2009 तक स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, महिलाओं और बच्चों और विकलांगता सहायता के क्षेत्रों में विभिन्न मुद्दों पर काम किया है. फाउंडेशन ने 2010 में शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया.

एफसीआरए लाइसेंस पंजीकरण रद्द होने के तुरंत बाद राजीव गांधी फाउंडेशन और उसके पदाधिकारियों को एक लिखित नोटिस भेजा गया है. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं. एनजीओ के अन्य ट्रस्टियों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और संसद सदस्य राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल हैं.

आरजीसीटी की वेबसाइट के अनुसार, यह देश के सबसे कम विकसित राज्यों में शामिल उत्तर प्रदेश के अलावा हरियाणा में दो विकास पहलों - राजीव गांधी महिला विकास परियोजना (आरजीएमवीपी) और इंदिरा गांधी नेत्र अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र (आईजीईएचआरसी) के माध्यम से काम करता है. आरजीएफ और आरजीसीटी, दोनों का कार्यालय नई दिल्ली में संसद परिसर के निकट राजेंद्र प्रसाद रोड के पास जवाहर भवन में है.

‘इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट’ भी जांच के दायरे में आया था. बहरहाल, अभी तक तीसरे संगठन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

ये भी पढ़ें : भगवान राम से राहुल गांधी की तुलना, कांग्रेस नेताओं ने दिया ऐसा जवाब

Last Updated : Oct 23, 2022, 1:27 PM IST
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