भोपाल। जाने माने कथावचकों ने भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए राग छेड़ दिया है. हिंदू राष्ट्र की पैरवी करने वाले बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री की कथा विदिशा में शुरु हो चुकी है. हर घर में एक संघी और एक बजरंगी का आव्हान कर चुके पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा उज्जैन में जारी है. इसके अलावा हिंदूओं की आबादी बढ़ाने हर घर में चार से पांच बच्चे पैदा करने की अपील कर चुके कथा वाचक देवकी नंदन ठाकुर की भागवत कथा भोपाल में अब आखिरी पड़ाव पर पहुंच रही हैं. चुनावी साल में एक साथ हिंदुत्व की वकालत करने वाले तीन कथावाचकों का एक साथ एमपी में होने के क्या मायने हैं. खास बात ये भी है कि इन हाईप्रोफाइल कथाओं के आयोजकों में बीजेपी के नेता भी हैं. क्या कथावाचकों के जरिए बीजेपी अपना हिडन एजेंडा आगे बढ़ा रही है. चुनावी साल में क्या इसी पैंतरे से हिदुत्व के मुद्दे को धार दी जा रही है.
भोपाल में देवकी नंदन ठाकुर, हिंदूओं आबादी बढ़ाओ: देवकी नंदन ठाकुर भोपाल में भागवत कथा कर रहे हैं. कथा बीजेपी के प्रदेश मंत्री राहुल कोठारी करवा रहे हैं. जो भोपाल की दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट से दावेदारी की तैयारी में हैं. पार्टी टिकट के लिए गौर करें तो लिहाजा आयोजन स्थल भी दक्षिण पश्चिम का दशहरा मैदान ही चुना है. राहुल कोठारी जनता के बीच माहौल खींचने कथा करवा रहे हैं. उधर देवकी नंदन ठाकुर अपनी कथा के दौरान लव जेहाद से लेकर आबादी तक हर मुद्दे पर तल्ख बयान देते हैं. कथा में कहते हैं कि ''भारत सरकार से वे अपील करेंगे कि स्कूलों में लड़कियों के बॉलीवुड गानों पर डांस करने पर रोक लगाई जाए.'' इशारों में लव जेहाद पर भी बोले-कहा कि ''मोटरसाइकिल पर कॉलेज के चक्कर लगाने वाले वहशी दरिंदे हैं. देवकी नंदन ठाकुर हिंदू आबादी को लेकर भी बयान देते रहे हैं कि जब तक आबादी नियंत्रण कानून लागू नहीं हो जाता तब तक हिंदुओं को कम से कम चार से पांच बच्चे पैदा करना चाहिए.''
विदिशा में धीरेन्द्र शास्त्री दिलाते हिंदू राष्ट्र का संकल्प: विदिशा में बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री की कथा शुरु हो चुकी है. धीरेन्द्र शास्त्री की कथा के आयोजक पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मुकेश टंडन हैं. जो सीएम शिवराज के भी करीबी माने जाते हैं. धीरेन्द्र शास्त्री की आठ दिन की कथा और दरबार के आयोजक बीजेपी से जुड़े नेता हैं. लिहाजा तय है कि आने वाले दिनों में यहां दिग्गज बीजेपी नेताओं का जमावड़ा जुटेगा. बागेश्वर धाम से आर्शीवाद के लिए भी बीजेपी नेताओं की कतार होगी. ये भी तय मानिए कि मुखारबिंद से भी धीरेन्द्र शास्त्री बीजेपी के हिंदुत्व की धार को तेज करेंगे.
एमपी में हिंदुत्व का मुद्दा कितना असरदार: अब जरा इस मुद्दे पर आएं कि हिंदुत्व का मुद्दा एमपी जैसे राज्य में वोटर पर कितना असर दिखाता है. 2018 में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र से सॉफ्ट हिंदुत्व का रुख किया. लेकिन चुनाव जीतने की वजह किसान कर्जमाफी का मुद्दा रहा. सीएम शिवराज जो यहां चौथी पारी के मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने सामाजिक सरोकार की राजनीति से ही सत्ता की हैट्रिक बनाई. ऐसी योजनाएं लेकर आई जिनसे जनता सीधे कनेक्ट होती हैं. सीएम शिवराज का धार्मिक एजेंडा कभी नहीं रहा. तो ऐसे में सवाल ये है कि क्या कथावाचकों के जरिए खींचा गया ये माहौल..ये भक्तों का सैलाब क्या बीजेपी के वोट में तब्दील हो पाएगा.