अलवर : लॉकडाउन के दौरान देशभर में सड़कों पर प्रवासी श्रमिक नजर आ रहे हैं. 800 किलोमीटर तक पैदल चलकर प्रवासी श्रमिक अपने घर पहुंच रहे हैं. इसमें महिलाएं, छोटे बच्चे, बुजुर्ग और युवा शामिल हैं. प्रवासी श्रमिकों को होने वाली परेशानी को देखते हुए प्रियंका गांधी के निर्देश पर अलवर सहित राजस्थान से एक हजार बसें उत्तर प्रदेश के लिए रवाना की गई, लेकिन इन बसों को उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने नहीं दिया गया. इस मुद्दे ने राजनीतिक रूप ले लिया है और कांग्रेस व भाजपा की तरफ से लगातार बयानबाजी का दौर जारी है.
मथुरा और आगरा के विभिन्न रास्तों पर दो दिनों से राजस्थान की करीब एक हजार बसें लंबी कतारों में खड़ी हुई हैं. कांग्रेस की तरफ से प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने के लिए यह बसें भेजी गई हैं. यूपी सरकार ने बसों को प्रदेश में प्रवेश की अनुमति नहीं दी. उत्तर प्रदेश सरकार ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने जिन बसों की सूची सरकार को दी थी, उसमें कई ऐसी बसे हैं, जिन पर बाइक की नंबर प्लेट लगी हुई है. इसके अलावा बसों को सड़कों पर चलाने के लिए पर्याप्त दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं कराए गए हैं.
जबकि, कांग्रेस के नेता बसों को प्रदेश में अनुमति के विवाद को लेकर खड़े हुए हैं. मंगलवार को दिनभर वार्ताओं का दौर चला, कई बार पुलिस प्रशासन, कांग्रेसी नेता आमने-सामने हुए. लगातार उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से इस पर बयानबाजी की गई तो वहीं कांग्रेस की तरफ से भी लगातार बयानबाजी का दौर चल रहा है. इन सबके बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव जुबेर खान से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.
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बसों को प्रवेश की अनुमति नहीं
जुबेर खान ने दो दिन पहले अलवर से 500 से अधिक बसों को रवाना किया था, जबकि कुछ बसें भरतपुर और अन्य जिलों से भी उत्तर प्रदेश की सीमा पर पहुंची हैं. जुबेर खान ने कहा कि प्रियंका गांधी ने प्रवासी श्रमिकों की हालत देखते हुए सभी प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने के लिए बसें भेजने के लिए कहा था. इसके बाद राजस्थान से एक हजार बसें उत्तर प्रदेश भेजी गईं, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने बसों को प्रदेश में प्रवेश की अनुमति नहीं दी.
इतना ही नहीं सरकार बसों को प्रवेश की अनुमति नहीं देने के साथ ही इस पूरे मामले को टालने में लगी रही. सरकार की तरफ से बसों के नंबर और अन्य दस्तावेज मांगे गए. ट्रांसपोर्टरों की तरफ से वो भी उपलब्ध कराए गए, लेकिन सरकार लगातार उनमें कमी पर कमी निकाल रही है. जबकि इस समय प्रवासी श्रमिकों को होने वाली परेशानी पर किसी का ध्यान नहीं है, जबकि सरकार के आला अधिकारियों ने शुरुआत में बसों को प्रवेश की अनुमति देने की बात कही थी. इसलिए बसों को उत्तर प्रदेश के लिए रवाना किया गया था.
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प्रवासी श्रमिकों को दर-दर की ठोकर खानी पड़ रही है
जुबेर खान ने कहा कि बसों की सूची ट्रांसपोर्टर द्वारा उपलब्ध कराई गई थी. उसमें कुछ नंबरों की गड़बड़ी हो सकती है, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने खुद इस बात को स्वीकार किया कि 700 से अधिक बसें पूरी तरीके से ठीक हैं. उनके सभी दस्तावेज उपलब्ध कराए गए हैं. ऐसे में सरकार को उन बसों को तो प्रवेश की अनुमति देनी चाहिए. उन्होंने कहा, कि भाजपा ओछी राजनीति कर रही है. इस समय देश पर आपदा आई हुई है, इसे सभी को मिलकर लड़ने की आवश्यकता है. कांग्रेस किसी भी तरह की कोई राजनीति नहीं कर रही है. कांग्रेस का उद्देश्य केवल प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने का है. क्योंकि प्रवासी श्रमिकों को दर-दर की ठोकर खानी पड़ रही है.
जुबेर खान ने भाजपा और उनके नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ राज्यों द्वारा श्रमिकों के लिए बसें और ट्रेनें उपलब्ध नहीं कराई गई हैं. राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है, कांग्रेस की सरकार की तरफ से श्रमिकों को बस और ट्रेनों की मदद से उनके घर पहुंचाया जा रहा है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि गुजरात, महाराष्ट्र सहित मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों के हालात खराब हैं. लेकिन उन पर किसी का ध्यान नहीं है.