हैदराबाद : भारत में सांप के डसने से आए दिन लोगों की मौत हो जाती है. सांप के डसने से भारत में अब तक कितने लोगों की मौत हुई है और इससे बचाव कैसे किया जाए, इसे लेकर कनाडा स्थित टोरंटो विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर ग्लोबल हेल्थ रिसर्च (CGHR) द्वारा भारतीय और यूके के भागीदारों के साथ एक शोध अध्ययन किया गया है. इस शोध अध्ययन के अनुसार सर्पदंश से होने वाली मौतें मानसून के सीजन में सबसे ज्यादा दर्ज की गई हैं.
शोध अध्ययन का अनुमान
- भारत में 2000 से 2019 तक सर्पदंश से लगभग 12 लाख (हर साल औसत 58,000) मौतें हुई हैं.
- इनमें लगभग आधे 30-69 साल की उम्र के लोग हैं और एक चौथाई 15 साल से कम उम्र के बच्चे हैं.
- अधिकतर मौतें ग्रामीण क्षेत्रों में हुईं.
- 250 लोगों में से 70 साल से कम उम्र का एक ही व्यक्ति होगा, जिसकी मौत सर्पदंश से हुई.
- रोकथाम और उपचार की रणनीति भारत में सर्पदंश की मृत्यु दर को काफी हद तक कम कर सकती है.
अन्य निष्कर्ष
- 26 करोड़ से अधिक भारतीय मध्यम जोखिम वाले क्षेत्रों में रहते हैं, जहां 167 में एक व्यक्ति, सांप के डसने से मर जाता है.
- एक व्यवस्थित साहित्य समीक्षा में 2000 से 2019 तक भारत में 87,590 सर्पदंश के मामले (घातक और गैर-घातक) समाहित किए गए, जो 1417 पत्रों की स्क्रीनिंग पर आधारित थे और जिसमें भारत के 24 राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों के 78 अध्ययन शामिल थे.
- बच्चों और युवाओं की सर्पदंश से मौत की दर में गिरावट आई है.
भारत में सांपों पर एक नजर
देश में सांपों की लगभग 270 प्रजातियां हैं, जिनमें से 60 को विषैला और चिकित्सकीय रूप से प्रासंगिक माना जाता है.
विषरोधी (एंटी वेनम)
- उपचार के लिए केवल एक प्रकार के विषरोधी का उपयोग किया जाता है, जो पॉलीवलेंट विषरोधी है.
- यह एंटी वेनम चार बड़े सांपों- कोबरा, क्रेट, रसेल वाइपर और सौ-स्केल्ड वाइपर सांपों से निकाले गए विष का मिश्रण है.
चुनौतियां
भारतीय एंटी-वेनम केवल कोबरा (तीन अन्य भारतीय कोबरा प्रजातियां हैं), क्रेट (सात अन्य क्रेट प्रजातियां हैं), रसेल वाइपर और सौ-स्केल्ड वाइपर के जहर को बेअसर करते हैं. 12 अन्य सांप की प्रजातियां घातक हैं. इन प्रजातियों के सांप यदि किसी को डस लें तो उसे बचाया नहीं जा सकता .
मौतों के वैश्विक आंकड़े
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार सांप का डसना अब एक 'वैश्विक स्वास्थ्य प्राथमिकता' है.
- दुनियाभर में 54 लाख लोगों को हर साल सांप द्वारा डस लिया जाता है.
- सांप के डसने से लगभग एक लाख लोग हर साल मर जाते हैं.
- लगभग चार लाख लोग सांप के डसने से अपाहिज हो जाते हैं.
भारत के विभिन्न राज्यों में 2000 से 2019 तक सर्पदंश से होने वाली मौतों का रुझान
राज्य | सर्पदंश के मामले | मौतें |
तमिलनाडु | 51,198 | 371 |
आंध्रप्रदेश | 6,283 | 1,457 |
कर्नाटक | 5,281 | 139 |
महाराष्ट्र | 4,884 | 432 |
तेलंगाना | 3,956 | 92 |
गुजरात | 3,628 | 91 |
केरल | 3,169 | 131 |
पश्चिम बंगाल | 2,370 | 345 |
छत्तीसगढ़ | 2,084 | 52 |
हिमाचल प्रदेश | 1,442 | 28 |
बिहार | 1,171 | 29 |
दादरा और नागर हवेली | 384 | 1 |
झारखंड | 356 | 19 |
उत्तराखंड | 329 | 4 |
चंडीगढ़ | 297 | 6 |
उत्तर प्रदेश | 249 | 90 |
गोवा | 244 | 0 |
ओडिशा | 101 | 33 |
नई दिल्ली | 62 | 0 |
पुडुचेरी | 50 | 9 |
हरयाणा | 17 | 0 |
मेघालय | 13 | 0 |
दमन-दीयू | 12 | 0 |
जम्मू-कश्मीर | 10 | 0 |
कुल | 87,590 | 3,329 |
सर्पदंश से बचाव के लिए बरती जाने वालीं सावधानियां :
- सबसे ज्यादा ग्रामीण किसान और उनके परिवार सर्पदंश का शिकार होते हैं.
- विशेषज्ञों का सुझाव है कि लोगों को खेतों में रबर के जूते और दस्ताने पहनकर जाना चाहिए. ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को घरों में मच्छरदानी और रिचार्जेबल टॉर्च (या मोबाइल फोन की फ्लैशलाइट) का उपयोग करना चाहिए. इससे सर्पदंश का जोखिम कम हो सकता है.
- नए अध्ययन में विषैले सांपों की प्रजातियों के वितरण के साथ-साथ सांप के डसने के परिणामों के बारे में बेहतर जानकारी होना.
सर्पदंश की घटनाओं से निबटने के लिए क्या करें :
- प्रभावित क्षेत्रों में विषरोधी (एंटी-वेनम) का वितरण.
- एंटी वेनम के उपयोग में वृद्धि के लिए स्थानीय आयुर्वेदिक चिकित्सकों के सहयोग की आवश्यकता होगी, जिससे वे गंभीर रूप से बीमार रोगियों को इलाज के साथ एंटी वेनम दे सकें. साथ ही एंटी-वेनम की प्रभावशीलता के बारे में जागरूकता बढ़ानी होगी.
- सरकारी अस्पताल सर्पदंश पीड़ितों के लिए आसानी से एंटी-वेनम उपलब्ध करा सकते हैं.
- स्वास्थ्य विभाग एंटी-वेनम के असर और इससे ठीक हो रहे लोगों की निगरानी कर सकते हैं. इससे उचित समय में आपूर्ति के लिए वितरण और कोल्ड-चेन स्टोरेज में सुधार किया जा सकता है.
- स्थानीय चिकित्सा कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा सकता है की कैसे एंटी-वेनम से सर्पदंश का इलाज किया जाए.
- भारत में बड़ी मात्रा में एंटी-वेनम बनाने के लिए पर्याप्त विनिर्माण क्षमता है.
- बेहतर समझ से भारत में कई और एंटी-वेनम बनाए जा सकते हैं.