नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शराब कारोबारी विजय माल्या की याचिका पर सुनवाई टाल दी है. अब यह सुनवाई होली के बाद की जाएगी. माल्या की यह याचिका भारत में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्त की संपत्ति के खिलाफ है.
बता दें कि 12 बैंकों ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जब्त की गई विजय माल्या की संपत्ति बैंकों को देने की मांग की है. माल्या ने इसके खिलाफ सर्वोच्च न्यायाल में याचिका दायर की है.
गौरतलब है, इससे पहले प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के स्पेशल कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और कई अन्य बैंकों को विजय माल्या की जब्त संपत्ति को बेचकर कर्ज वसूली करने की अनुमति दी थी. ईडी ने कहा था कि उसे इस वसूली में कोई आपत्ति नहीं है.
लंदन में भी चल रहा माल्या का मामला
शराब कारोबारी विजय माल्या ने लंदन हाईकोर्ट में दावा किया था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पिछले चार साल में उसके साथ अनुचित बर्ताव किया है.
गौरतलब है कि किंगफिशर एयरलाइन्स के पूर्व कर्ताधर्ता माल्या ने नौ हजार करोड़ रुपये के कथित धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोपों में भारत के प्रत्यार्पण के लिए खिलाफ अपील की थी.
वहीं माल्या के वकीलों ने इस सप्ताह ब्रिटिश हाईकोर्ट में कहा कि वह विमानन उद्योग पर आई विपत्ति का शिकार रहा है और एयरलाइन (जो अब बंद हो चुकी है) के लिए कर्ज मांगने के पीछे उसका कोई छल-कपट का इरादा नहीं था.
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माल्या ने लंदन हाईकोर्ट में कहा कि मैं बैंकों से हाथ जोड़कर अनुरोध करता हूं कि अपना शत प्रतिशत मूल धन तत्काल वापस ले लें. मैं अपनी गारंटी का सम्मान करूंगा और उन्हें पूरा भुगतान करुंगा. मैं मूलधन में कोई छूट नहीं चाहता.