नई दिल्ली : भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए हैं. उनका सामान्य कार्यकर्ता से लेकर पार्टी के शीर्ष नेता बनने तक का सफर काफी लंबा रहा है. नड्डा अपने मिलनसार व्यक्तित्व, सरल स्वभाव के लिए जाने जाते हैं. यही कारण है कि कई कद्दावर नेताओं को पीछे छोड़ते हुए नड्डा को पार्टी के नेतृत्व की जिम्मेदारी दी गई है.
हिमाचल प्रदेश स्थित उनके गृह जिला बिलासपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है. पूरे प्रदेश से भाजपा कार्यकर्ता दिल्ली रवाना हो गए हैं. नड्डा पार्टी के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी करीबी रूप से जुड़े हैं. नड्डा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का भरोसेमंद माना जाता है. इतना ही नहीं वह आडवाणी-राजनाथ सिंह के भी करीबी रहे हैं.
बिहार में जन्म और पढ़ाई
जगत प्रकाश नड्डा का जन्म दो दिसंबर, 1960 में पटना में हुआ था. इनके पिता नारायण लाल नड्डा पटना विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रहे हैं. नड्डा ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा बिहार में आरम्भ की थी. वहीं, स्नातक की डिग्री पटना विश्वविद्यालय से पूरी की थी.
जेपी आंदोलन में सक्रिय भूमिका और हिमाचल वापसी
नड्डा ने पटना में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में सक्रिय होकर अनेक आंदोलनों के साथ 1975 के जय प्रकाश नारायण आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी. इसके बाद जेपी अपने पैतृक राज्य हिमाचल में वापस आ गए.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में कई अहम पद
जेपी नड्डा 1985-89 तक दिल्ली में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री रहे. इस दौरान उन्होंने दिल्ली में कई छात्र आंदोलन का नेतृत्व करते हुए राष्ट्रीय संघर्ष मोर्चा के माध्यम से तत्कालीन राजनीतिक स्थितियों में बदलाव का नेतृत्व किया. 1989 में जेपी नड्डा ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री की जिम्मेदारी निभाई थी. इसके साथ ही वह हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय में छात्रसंघ के अध्यक्ष भी रहे हैं.
1990 से भाजपा में सक्रिय
1990 में भारतीय जनता पार्टी में संगठन मंत्री की जिम्मेदारी के साथ जेपी नड्डा को हिमाचल प्रदेश भेजा गया. 1991 में इन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा में राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था.
बिलासपुर से विधायक
1993 में जेपी पहली बार बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश से विधायक चुने गए थे. इस दौरान वह हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बने. वहीं, 1998-2003 में नड्डा एक बार फिर विधायक चुने गए और हिमाचल प्रदेश सरकार में बतौर कैबिनेट मंत्री के रूप में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का कार्यभार संभाला. 2007 में जेपी तीसरी बार विधायक चुने गए और इन्हें वन एवं पर्यावरण, विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग सौंपा गया.
भाजपा के महामंत्री
2010 में मंत्रिमंडल से त्याग पत्र देकर जेपी भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री बने. इस दौरान उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी की टीम के सदस्य के रूप में कार्य करते हुए केंद्रीय कार्यालय प्रभारी और अनेक राज्यों के प्रभारी एवं चुनाव प्रभारी के रूप में काम किया. 2012 में जेपी हिमाचल से राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए.
2014 में केंद्रीय मंत्री
2014 में जेपी नड्डा केंद्रीय चुनाव प्रबंध समिति के सदस्य रहे और 2014 में वह अमित शाह के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सर्वोच्च समिति संसदीय दल के सचिव सदस्य और राष्ट्रीय महामंत्री चुने गए. नवंबर 2014 में जेपी नड्डा ने स्वास्थ्य मंत्री भारत सरकार के रूप में कार्यभार संभाला.
2019 में यूपी में दिलाईं 62 सीट
वहीं 2019 में लोकसभा चुनावों में नड्डा राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा के चुनाव प्रभारी थे, जहां पार्टी को सपा और बसपा के महागठबंधन से कड़ी चुनौती थी. जेपी नड्डा के नेतृत्व में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा सीटों में से 62 पर जीत दर्ज की.
आम चुनावों में भाजपा के लिए महत्वपूर्ण राज्य संभालने के अलावा नड्डा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री भी थे. वह संसदीय बोर्ड के एक सदस्य रहे हैं, जो कि पार्टी का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है.