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दार्जिलिंग में ममता ने भरी हुंकार, कहा-कोई यहां विभाजन नहीं कर पाएगा - mamata in darjeeling against caa nrc

सीएए, एनआरसी के खिलाफ ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग में महाजुलूस निकालकर केंद्र के खिलाफ मार्च खोल दिया है. ममता की इस रैली में पारंपरिक रंग-बिरंगे परिधान पहने देखा गया. इसके साथ ही बहुत से लोग पारंपरिक वाद्य यंत्र भी बजा रहे थे.

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ममता ने दार्जिलिंग में सीएए के खिलाफ रैली निकाली
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Published : Jan 22, 2020, 9:11 PM IST

Updated : Feb 18, 2020, 1:13 AM IST

दार्जिलिंग : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तरी बंगाल के पहाड़ी शहर के मध्य से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) व प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी एनआरसी के खिलाफ रैली निकाली.

गौरतलब है कि ममता की इस रैली में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया. पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाले गोरखा और अन्य लोगों ने पांच किमी लंबे जुलूस में भाग लिया और इस दौरान लोग हाथों में तिरंगा थामे हुए थे.

सीएए के खिलाफ दार्जिलिंग में ममता का मार्च

यह रैली भानुभक्ता भवन से चौक बाजार तक निकाली गई. इसमें लोगों ने पारंपरिक रंग-बिरंगे परिधान पहने हुए थे और बहुत से लोग पारंपरिक वाद्य यंत्र भी बजा रहे थे.

ममता ने पश्चिम बंगाल के लोगों को आश्वासन दिया है कि उन्हें सीएए और एनआरसी के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि वे इस कानून से बंगाल के लोगों को प्रभावित नहीं होने देंगी.

पढ़ें : पीएम मोदी से मिल ममता ने सीएए पर उठाए सवाल, एनपीआर-एनआरसी पर भी चर्चा

उन्होंने आगे कहा 'सीएए और एनआरसी के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. कोई भी आपको छूने की हिम्मत नहीं करेगा. यह हमारी जमीन है और मैं आपको भरोसा दिलाती हूं कि कोई यहां विभाजन नहीं कर पाएगा.'

रैली में नो एनआरसी, नो सीएए, नो एनपीआर के नारे लगाए गए. इसके साथ ही लोग 'सीएए असंवैधानिक' के पोस्टर व बैनर लिए हुए थे. यह रैली घुमावदार पहाड़ी गलियों से गुजर रही थी.

रैली मार्ग के दोनों तरह बड़ी संख्या में लोग खड़े थे जो रैली में शामिल लोगों को देख रहे थे.

पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के बिनय तमांग गुट ने अपने समर्थकों के साथ रैली में भाग लिया.

उत्तर बंगाल की पहाड़ियों में मौजूद कुछ अन्य दलों ने रैली को नैतिक समर्थन दिया.

दार्जिलिंग : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को उत्तरी बंगाल के पहाड़ी शहर के मध्य से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) व प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी एनआरसी के खिलाफ रैली निकाली.

गौरतलब है कि ममता की इस रैली में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया. पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाले गोरखा और अन्य लोगों ने पांच किमी लंबे जुलूस में भाग लिया और इस दौरान लोग हाथों में तिरंगा थामे हुए थे.

सीएए के खिलाफ दार्जिलिंग में ममता का मार्च

यह रैली भानुभक्ता भवन से चौक बाजार तक निकाली गई. इसमें लोगों ने पारंपरिक रंग-बिरंगे परिधान पहने हुए थे और बहुत से लोग पारंपरिक वाद्य यंत्र भी बजा रहे थे.

ममता ने पश्चिम बंगाल के लोगों को आश्वासन दिया है कि उन्हें सीएए और एनआरसी के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि वे इस कानून से बंगाल के लोगों को प्रभावित नहीं होने देंगी.

पढ़ें : पीएम मोदी से मिल ममता ने सीएए पर उठाए सवाल, एनपीआर-एनआरसी पर भी चर्चा

उन्होंने आगे कहा 'सीएए और एनआरसी के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. कोई भी आपको छूने की हिम्मत नहीं करेगा. यह हमारी जमीन है और मैं आपको भरोसा दिलाती हूं कि कोई यहां विभाजन नहीं कर पाएगा.'

रैली में नो एनआरसी, नो सीएए, नो एनपीआर के नारे लगाए गए. इसके साथ ही लोग 'सीएए असंवैधानिक' के पोस्टर व बैनर लिए हुए थे. यह रैली घुमावदार पहाड़ी गलियों से गुजर रही थी.

रैली मार्ग के दोनों तरह बड़ी संख्या में लोग खड़े थे जो रैली में शामिल लोगों को देख रहे थे.

पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के बिनय तमांग गुट ने अपने समर्थकों के साथ रैली में भाग लिया.

उत्तर बंगाल की पहाड़ियों में मौजूद कुछ अन्य दलों ने रैली को नैतिक समर्थन दिया.

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Last Updated : Feb 18, 2020, 1:13 AM IST
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