हैदराबाद : भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. इनमें हैदराबाद के रहने वाले कर्नल संतोष बाबू भी शहीद हुए हैं. आज हैदराबाद के सूर्यापेट में कर्नल संतोष बाबू का अंतिम संस्कार किया गया.
हैदराबाद पहुंचे कर्नल संतोष बाबू के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेट कर लाया गया. इस दौरान लोगों की आंखे नम हो गईं और वह संतोष बाबू के पार्थिव शरीर पर फूलों की बौछार करते नजर आए और फिर उन्हें अंतिम विदाई दे दी गई.
शहीद संतोष बाबू का पार्थिव शरीर देर रात हैदराबाद पहुंचा था, जहां राज्यपाल तमिलसाई सौंदराजन ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
राष्ट्रीय झंडे और 'हम सैनिकों को सलाम करते हैं' जैसे स्लोगन के साथ लोगों ने जवान के सम्मान में रैलियां निकालीं. साथ ही लोगों ने 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' के नारे भी लगाए.
बता दें, कर्नल संतोष की पत्नी संतोषी अपने दो बच्चों के साथ बुधवार सुबह दिल्ली से हैदराबाद एयरपोर्ट पहुंची थीं. इस दौरान साइबराबाद के पुलिस आयुक्त वीसी सज्जन ने हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी की और परिवार के सदस्यों को सांत्वना दी.
एक रक्षा प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारतीय सेना ने संतोष बाबू को अंतिम विदाई दी. इसके बाद शहीद कर्नल संतोष बाबू के पार्थिव शरीर को हकीमपेट वायु सेना स्टेशन पर वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और सैन्य कर्मियों पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ प्राप्त किया गया.
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तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उत्तम कुमार रेड्डी ने शोक में डूबे परिवार से मुलाकात की और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा लिखित एक शोक पत्र उन्हें सौंप दिया.
बता दें, राज्य भर में कई स्थानों पर विभिन्न राजनीतिक दलों और अन्य संगठनों के लोगों ने सेना अधिकारी को पुष्पांजलि अर्पित की है.
गौर हो कि कर्नल संतोष बाबू पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में शहीद हो गए थे. इस घटना में भारत के 20 अन्य जवान भी शहीद हुए. वहीं चीन के भी 43 सैनिक हताहत हुए थे.
तेलंगाना में सूर्यपेट जिले के रहने वाले बाबू 16 बिहार रेजिमेंट में कमांडिंग ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे. वह अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ दिल्ली में रह रहे थे.