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'बदल रही है मोदी की छवि, साजिश रचने वाले हुए अप्रासंगिक'

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Published : Sep 3, 2019, 7:29 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 8:01 AM IST

जफर सरेशवाला को पीएम मोदी के करीबियों में से एक माना जाता है. सरेशवाला ने गुजरात दंगों से लेकर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए के मामले पर ईटीवी भारत से खुल कर बात की. इस दौरान उन्होंने मोदी से जुड़े कई ऐसे राज भी साझा किये, जिन्हें सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे. जाननें के लिए देखें पूरा इंटरव्यू...

मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी जफर सरेशवाला

नई दिल्ली: मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी जफर सरेशवाला ने ईटीवी भारत के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में पीएम मोदी से जुड़ी कई बातें साझा की हैं. उन्होंने बताया कि कैसे वह मोदी से मिले और मिलने के बाद कैसे वह उनके विश्वस्त पात्रों में से एक बन गए है.

2002 के दंगों पर उन्होंने कई राज साझा किये. उन्होंने नाम लेकर बताया कि दंगा किन-किन नेताओं की साजिश थी. ऐसी ही कई अन्य जानकारियां उन्होंने हमसे साझा की.

सरेशवाला ने बताया कि 2002 दंगा मोदी के लिए सदमा जैसा था. उन्होंने कहा कि इस विषय पर उन्होंने मोदी से विस्तार से बात की थी. सरेशवाला ने बताया कि मोदी ने दंगों को लेकर कई भ्रम दूर कर दिए.

पूरा इंटरव्यू देखने के लिए यहां क्लिक करें- धुर विरोधी से कैसे मोदी के मुरीद बने जफर सरेशवाला, जानें...

उन्होंने बताया कि जिस समय मोदी सीएम बने थे, उससे छह साल पहले तक लगातार वह गुजरात से दूर रहे. इसके पीछे गुजरात भाजपा में चल रही अंदरूनी खींचतान थी. उस समय केशुभाई पटेल और शंकर सिंह वाघेला के बीच तनातनी की स्थिति थी.

सरेशवाला ने मोदी की बातों को साझा करते हुए कहा कि उनके शब्दों में वह दो दिन पहले सीएम बने थे, दो दिनों में वह कैसे दंगा शुरू करवा सकते थे. पुलिस प्रशासन को समझने में भी समय लगता है. इसके पहले मोदी किसी भी पद पर नहीं थे.

उन्हें प्रशासन का अनुभव नहीं था. अचानक उन्हें सीएम बना दिया गया, वह क्यों चाहते कि दो दिन में ही ऐसा कोई काम कर दें.

आगे सरेशवाला ने नाम लेकर बताया कि प्रवीण तोगड़िया, हरीन पांडया और गोवर्धनजी जैसे नेता मोदी के मुखर विरोधी हुआ करते थे. हो सकता है इन लोगों ने मोदी के खिलाफ काम किया हो.

तोगड़िया के बारे में मोदी ने कहा कि एक समय जब वह हवाई अड्डा पर पधारते थे, तो उसके बाद उनका काफिला 200 से भी अधिक गाड़ियों का हुआ करता था. लेकिन 2013 में ऐसी स्थिति आ गई कि उन्हें रिसीव करने सिर्फ उनका ड्राइवर आता था.

ये भी देखें: जानें, जफर सरेशवाला ने क्यों कहा- मोदी के बारे में भ्रम था

सरेशवाला ने कहा कि मोदी ने तोगड़िया को अप्रासंगिक बना दिया.

राम मंदिर पर सरेशवाला ने कहा कि यह मुसलमानों के लिए अब बड़ा मुद्दा नहीं है. उन्होंने कहा कि देश के मुसलमान अब विकास चाहते हैं. वे चाहते हैं कि सड़कें बने, स्कूल खुले, अस्पताल बने और उन्हें भी रोजगार मिले.

कश्मीर में धारा 370 पर बोलते हुए सरेशवाला ने कहा कि अब तक इससे कोई फायदा नहीं हुआ. इसलिए इसे हटाने के बाद वहां कैसी स्थिति बनती है, इस पर देख लीजिए.

मुसलमानों के खिलाफ बयाने दने वालों पर सरेशवाला ने कहा कि अमित शाह ने ऐसे नेताओं पर रोक लगाई है. उन्होंने तो गिरिराज सिंह और किशन रेड्डी को ऐसे बयान जारी करने पर तुरंत आगाह कर दिया.

सरेशवाला ने कहा कि वैसे भी अंतिम निर्णय मोदी, शाह और दो तीन बड़े नेता ही करते हैं. इसलिए हमें इस पर बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है.

नई दिल्ली: मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी जफर सरेशवाला ने ईटीवी भारत के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में पीएम मोदी से जुड़ी कई बातें साझा की हैं. उन्होंने बताया कि कैसे वह मोदी से मिले और मिलने के बाद कैसे वह उनके विश्वस्त पात्रों में से एक बन गए है.

2002 के दंगों पर उन्होंने कई राज साझा किये. उन्होंने नाम लेकर बताया कि दंगा किन-किन नेताओं की साजिश थी. ऐसी ही कई अन्य जानकारियां उन्होंने हमसे साझा की.

सरेशवाला ने बताया कि 2002 दंगा मोदी के लिए सदमा जैसा था. उन्होंने कहा कि इस विषय पर उन्होंने मोदी से विस्तार से बात की थी. सरेशवाला ने बताया कि मोदी ने दंगों को लेकर कई भ्रम दूर कर दिए.

पूरा इंटरव्यू देखने के लिए यहां क्लिक करें- धुर विरोधी से कैसे मोदी के मुरीद बने जफर सरेशवाला, जानें...

उन्होंने बताया कि जिस समय मोदी सीएम बने थे, उससे छह साल पहले तक लगातार वह गुजरात से दूर रहे. इसके पीछे गुजरात भाजपा में चल रही अंदरूनी खींचतान थी. उस समय केशुभाई पटेल और शंकर सिंह वाघेला के बीच तनातनी की स्थिति थी.

सरेशवाला ने मोदी की बातों को साझा करते हुए कहा कि उनके शब्दों में वह दो दिन पहले सीएम बने थे, दो दिनों में वह कैसे दंगा शुरू करवा सकते थे. पुलिस प्रशासन को समझने में भी समय लगता है. इसके पहले मोदी किसी भी पद पर नहीं थे.

उन्हें प्रशासन का अनुभव नहीं था. अचानक उन्हें सीएम बना दिया गया, वह क्यों चाहते कि दो दिन में ही ऐसा कोई काम कर दें.

आगे सरेशवाला ने नाम लेकर बताया कि प्रवीण तोगड़िया, हरीन पांडया और गोवर्धनजी जैसे नेता मोदी के मुखर विरोधी हुआ करते थे. हो सकता है इन लोगों ने मोदी के खिलाफ काम किया हो.

तोगड़िया के बारे में मोदी ने कहा कि एक समय जब वह हवाई अड्डा पर पधारते थे, तो उसके बाद उनका काफिला 200 से भी अधिक गाड़ियों का हुआ करता था. लेकिन 2013 में ऐसी स्थिति आ गई कि उन्हें रिसीव करने सिर्फ उनका ड्राइवर आता था.

ये भी देखें: जानें, जफर सरेशवाला ने क्यों कहा- मोदी के बारे में भ्रम था

सरेशवाला ने कहा कि मोदी ने तोगड़िया को अप्रासंगिक बना दिया.

राम मंदिर पर सरेशवाला ने कहा कि यह मुसलमानों के लिए अब बड़ा मुद्दा नहीं है. उन्होंने कहा कि देश के मुसलमान अब विकास चाहते हैं. वे चाहते हैं कि सड़कें बने, स्कूल खुले, अस्पताल बने और उन्हें भी रोजगार मिले.

कश्मीर में धारा 370 पर बोलते हुए सरेशवाला ने कहा कि अब तक इससे कोई फायदा नहीं हुआ. इसलिए इसे हटाने के बाद वहां कैसी स्थिति बनती है, इस पर देख लीजिए.

मुसलमानों के खिलाफ बयाने दने वालों पर सरेशवाला ने कहा कि अमित शाह ने ऐसे नेताओं पर रोक लगाई है. उन्होंने तो गिरिराज सिंह और किशन रेड्डी को ऐसे बयान जारी करने पर तुरंत आगाह कर दिया.

सरेशवाला ने कहा कि वैसे भी अंतिम निर्णय मोदी, शाह और दो तीन बड़े नेता ही करते हैं. इसलिए हमें इस पर बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है.

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Last Updated : Sep 29, 2019, 8:01 AM IST
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