नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की 75 वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर आज पीएम मोदी ने संबोधित किया. संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) के उच्च-स्तरीय खंड के विदाई समारोह (Valedictory) को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ यूएन के लिए एक बेहतर भविष्य को बनाने का मौका भी है.
संबोधन की शुरुआत में पीएम मोदी ने कहा कि भारत द्वितीय विश्व युद्ध के तुरंत बाद संयुक्त राष्ट्र के 50 संस्थापक सदस्यों में से था. उसके बाद से काफी बदल गया है. उन्होंने कहा कि आज संयुक्त राष्ट्र 193 सदस्य देशों को साथ लाता है.
पीएम मोदी ने कहा कि शुरुआत से ही, भारत ने संयुक्त राष्ट्र के विकास कार्यों और ECOSOC का सक्रिय समर्थन किया है. उन्होंने बताया कि ECOSOC के पहले अध्यक्ष एक भारतीय थे. बकौल पीएम मोदी ECOSOC के एजेंडे को आकार देने में भारत ने भी योगदान दिया.
पीएम मोदी ने कहा कि आज, अपने घरेलू प्रयासों के माध्यम से, हम फिर से एजेंडा 2030 और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में एक प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम उनके सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals) को पूरा करने में अन्य विकासशील देशों का भी समर्थन कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि आज, अपने घरेलू प्रयासों के माध्यम से, हम फिर से एजेंडा 2030 और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में एक प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम उनके सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals) को पूरा करने में अन्य विकासशील देशों का भी समर्थन कर रहे हैं.
जनसंख्या का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, भारत पूरी मानवता का छठा भाग है. हम अपनी अहमियत और जिम्मेदारी के प्रति सजग हैं. उन्होंने कहा, 'हम जानते हैं कि यदि भारत अपने विकास के उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल होता है, तो यह वैश्विक लक्ष्यों की प्राप्ति में एक लंबा रास्ता तय करेगा.'
बिंदुवार पढ़ें पीएम मोदी की बातें-
- हमारा मकसद है 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास.' यह किसी को पीछे छोड़ने के मूल SDG सिद्धांत की प्रतिध्वनि है.
- पिछले साल, हमने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती मनाई.
- भारत के छह लाख गांवों में पूर्ण स्वच्छता कवरेज प्राप्त करके हमने वित्तीय समावेशन के लिए प्रौद्योगिकी की शक्ति का लाभ उठाया है.