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हिंदू के बिना भारत नहीं और भारत के बिना​ हिंदू नहीं : भागवत

संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, अगर हिंदू, हिंदू बने रहना चाहते हैं तो भारत को 'अखंड' बनने की जरूरत (bharat needs to become akhand) है. हिंदू के बिना भारत नहीं और भारत के बिना​ हिंदू नहीं. जानिए उन्होंने और क्या कहा.

RSS chief Mohan Bhagwat (Photo-ANI)
संघ के प्रमुख मोहन भागवत (फोटो-एएनआई)
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Published : Nov 27, 2021, 8:26 PM IST

Updated : Nov 27, 2021, 9:56 PM IST

ग्वालियर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) ने कहा है कि हिंदू और भारत अलग नहीं हो सकते हैं. भारत को भारत रहना है तो भारत को हिंदू रहना ही पड़ेगा. हिंदू को हिंदू रहना है तो भारत को अखंड बनना ही पड़ेगा. हिंदू के बिना भारत नहीं और भारत के बिना​ हिंदू नहीं.

भागवत मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जीवाजी यूनिवर्सिटी के अटल बिहारी सभागार में बोल रहे थे.

सुनिए संघ प्रमुख भागवत ने क्या कहा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) ने कहा, 'हिंदू के बिना भारत नहीं और भारत के बिना​ हिंदू नहीं. भारत टूटा, पाकिस्तान हुआ क्योंकि हम इस भाव को भूल गए कि हम हिंदू हैं, वहां के मुसलमान भी भूल गए. खुद को हिंदू मानने वालों की पहले ताकत कम हुई फिर संख्या कम हुई, इसलिए पाकिस्तान भारत नहीं रहा. ये हिंदुस्तान है और यहां परंपरा से हिंदू लोग रहते आए हैं. जिस-जिस बात को हिंदू कहते हैं उन सारी बातों का विकास इस भूमि में हुआ है. भारत की सारी बातें भारत की भूमि से जुड़ी हैं, संयोग से नहीं'.

'भारत को अखंडित बनाना होगा'

भागवत ने कहा कि खंडित भारत को अखंडित बनाना होगा, यह हमारा राष्ट्रीय और धार्मिक कर्तव्य है. विभाजन इस्लामिक आक्रमण, अंग्रेजों के आक्रमण का नतीजा है. भारत के उत्थान में धर्म का हमेशा स्थान रहा है. यह 2021 है 1947 नहीं, अब विभाजन संभव नहीं है. भारत विभाजन को भूलेगा नहीं, अब विभाजन का प्रयास करने वालों का नुकसान है, यह मेरा आत्मविश्वास है.

उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को संगठित होने की आवश्यकता है. हमने समझौता कर लिया इसलिए विभाजन हुआ. हमारी संस्कृति कहती है विविधता में एकता है, इसलिए हिंदू यह नहीं कह सकता कि मुसलमान नहीं रहेंगे. सब मिलकर अनुशासन में रहेंगे यही हमारी संस्कृति है. अनुशासन का पालन सबको करना होगा.

पढ़ें- विभाजन पर बोले भागवत, जो बिखरा, उसे एकीकृत करना राष्ट्रीय कर्तव्य

ग्वालियर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) ने कहा है कि हिंदू और भारत अलग नहीं हो सकते हैं. भारत को भारत रहना है तो भारत को हिंदू रहना ही पड़ेगा. हिंदू को हिंदू रहना है तो भारत को अखंड बनना ही पड़ेगा. हिंदू के बिना भारत नहीं और भारत के बिना​ हिंदू नहीं.

भागवत मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जीवाजी यूनिवर्सिटी के अटल बिहारी सभागार में बोल रहे थे.

सुनिए संघ प्रमुख भागवत ने क्या कहा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) ने कहा, 'हिंदू के बिना भारत नहीं और भारत के बिना​ हिंदू नहीं. भारत टूटा, पाकिस्तान हुआ क्योंकि हम इस भाव को भूल गए कि हम हिंदू हैं, वहां के मुसलमान भी भूल गए. खुद को हिंदू मानने वालों की पहले ताकत कम हुई फिर संख्या कम हुई, इसलिए पाकिस्तान भारत नहीं रहा. ये हिंदुस्तान है और यहां परंपरा से हिंदू लोग रहते आए हैं. जिस-जिस बात को हिंदू कहते हैं उन सारी बातों का विकास इस भूमि में हुआ है. भारत की सारी बातें भारत की भूमि से जुड़ी हैं, संयोग से नहीं'.

'भारत को अखंडित बनाना होगा'

भागवत ने कहा कि खंडित भारत को अखंडित बनाना होगा, यह हमारा राष्ट्रीय और धार्मिक कर्तव्य है. विभाजन इस्लामिक आक्रमण, अंग्रेजों के आक्रमण का नतीजा है. भारत के उत्थान में धर्म का हमेशा स्थान रहा है. यह 2021 है 1947 नहीं, अब विभाजन संभव नहीं है. भारत विभाजन को भूलेगा नहीं, अब विभाजन का प्रयास करने वालों का नुकसान है, यह मेरा आत्मविश्वास है.

उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को संगठित होने की आवश्यकता है. हमने समझौता कर लिया इसलिए विभाजन हुआ. हमारी संस्कृति कहती है विविधता में एकता है, इसलिए हिंदू यह नहीं कह सकता कि मुसलमान नहीं रहेंगे. सब मिलकर अनुशासन में रहेंगे यही हमारी संस्कृति है. अनुशासन का पालन सबको करना होगा.

पढ़ें- विभाजन पर बोले भागवत, जो बिखरा, उसे एकीकृत करना राष्ट्रीय कर्तव्य

Last Updated : Nov 27, 2021, 9:56 PM IST
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