बेंगलुरु: 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में एनडीए के खिलाफ गठबंधन बनाने को लेकर विपक्षी दलों की एक निजी होटल में बैठक हुई. इस दौरान बैठक में शामिल होने के लिए नेताओं के पोस्टर होटल के बाहर लगाए गए थे. इसमें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के अलावा राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, टीएमसी नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, अभिषेक बनर्जी, डेरिक ओब्रायन, सीपीआई के डी राजा, सीपीआईएम के सीताराम येचुरी, एनसीपी के शरद पवार, जीतेंद्र अव्हाड, सुप्रिया सुले आदि के पोस्टर लगाए गए थे.
इनके अलावा जेडीयू नेता और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के अलावा संजय कुमार झा, डीएमके नेता और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, टीआर बालू, आप प्रमुख और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, जेएमएम के हेमंत सोरेन, शिवसेना (उद्धव गुट) के उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, संजय राउत, राजद के लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, मनोज झा, संजय यादव, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, राम गोपाल, जावेद अली खान, आशीष यादव, नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, सीपीआई (एमएल) के दीपांकर भट्टाचार्य, आरएलडी के जयंत सिंह चौधरी, आईयूएमएल केपी कुना, लिकुट्टी, केरल कांग्रेस (एम) के जोश के मणि, एमडीएमके के वाइको, वीके के रविकुमार, आरएसवी के एनके प्रेमचंद्रन, केरल कांग्रेस के पीसी जोसेफ, केएमडीके के ईश्वरन, एआईएफी के जी देवराजन की तस्वीरों के पोस्टर से सड़कें पटी पड़ी थीं.
हालांकि राष्ट्रीय नेताओं के आने को लेकर स्वागत संदेश अंग्रेजी और नीचे हिंदी में लिखे गए थे. वहीं बड़े-बड़े कटआउट और बैनर सिर्फ होटल के सामने की नजर आ रहे हैं. वहीं कन्नड़ समर्थक कार्यकर्ताओं ने अंग्रेजी और हिंदी के पोस्टरों के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार किया था और उन्होंने पोस्टरों को नुकसान भी पहुंचाया था. इसी क्रम में बिहार के सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ पोस्टर लगाया गया था जिसमें बिहार में सुल्तानगंज पुल ढहने के लिए उनको जिम्मेदार ठहरा गया था. ये पोस्टर शहर के प्रमुख जंक्शनों पर देखे गए थे. इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने तुरंत इन पोस्टरों को हटा दिया था. ये पोस्टर किसने लगाए, इसका पता लगाने के लिए पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.
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