Mahashivratri 2023 : मनकामेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए लंबी कतार, भक्तों ने लगाई 'महादेव' की जयकार
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लखनऊ : महाशिवरात्रि के महापर्व के मौके पर डालीगंज स्थित मनकामेश्वर मंदिर में सुबह से भक्तों का हुजूम भोलेनाथ के दर्शन के लिए उमड़ा. मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पुलिस बल भी तैनात किया गया, ताकि किसी तरह से कोई चूक न हो. साथ ही भीड़ को काबू किया जा सके. मंदिर में सुबह 3 बजे से भक्त दर्शन के लिए पहुंचने लगे. मंदिर में मौजूद पुजारियों का कहना है कि 'आज पूरा दिन इसी तरह से मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ रहेगी.'
मनकामेश्वर मंदिर के विशिष्ट कार्य अधिकारी जगदीश गुप्ता ने कहा कि 'महाशिवरात्रि के दो दिन पहले से ही मंदिर में भगवान शिव की हल्दी की रस्म को पूरा किया गया, क्योंकि इस दिन माता पार्वती और शिवजी की शादी हुई थी. महाशिवरात्रि के व्रत की शुरुआत त्रयोदशी से ही हो जाती है. इस दिन शिवजी को भांग, धतूरा, गन्ना, बेर और चंदन अर्पित किया जाता है, वहीं माता पार्वती को महिलाएं सुहाग की प्रतीक चूड़ियां, बिंदी और सिंदूर अर्पित करती हैं.' उन्होंने कहा कि 'हर साल महाशिवरात्रि के पर्व पर इसी तरह से श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर में होती है. इसको लेकर सुरक्षा व्यवस्था भी की जाती है. रात से ही दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लाइनें लगने लगती हैं. मंदिर में सुबह होते-होते काफी भीड़ हो जाती है. 7 मार्च को भी मनकामेश्वर मंदिर में पूजा होगी. साथ ही गोमती नदी की साफ-सफाई भी की जाएगी.
उन्होंने कहा कि 'पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव तथा पार्वती जी का विवाह हुआ था, जिस कारण यह दिन शिव भक्तों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस दिन व्रत रखने से जीवन में सुख समृद्धि आती है और सारे कष्ट मिट जाते हैं. अगर आप शिवरात्रि के दिन भगवान शकंर की पूजा आराधना करते हैं तो इस सब से वह प्रसन्न हो कर भक्त की मनोकामना भी पूरी करते हैं.'
मनकामेश्वर मंदिर का इतिहास उन्होंने कहा कि 'मनकामेश्वर मंदिर का पुराना इतिहास रहा है और यह मंदिर प्राचीन, पौराणिक और कई युगों पुराना मंदिर माना जाता है. इस मंदिर की पौराणिकता और प्राचीनता को लेकर कहा जाता है कि यह मंदिर त्रेतायुग में भगवान राम के जन्म से पहले भी मौजूद था. इस मंदिर को लेकर त्रेता युग की एक सबसे बड़ी और सबसे प्रमुख मान्यता और घटना यह जुड़ी है कि जब भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण माता सीता को वन में छोड़ने के बाद वापस लौट रहे थे तब उन्होंने यहीं इसी मंदिर में रूककर भगवान शिव की आराधना की थी. राजधानी लखनऊ में महाशिवरात्रि के पर्व पर इस मंदिर में सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं.'
ईटीवी भारत ने जब श्रद्धालु से बातचीत किया तो उन्होंने कहा कि 'भोले बाबा के दर्शन के लिए आए हैं. भोले बाबा के भक्त हैं. इसी के साथ आज महाशिवरात्रि का पर्व है. इसलिए और भी खास आज का दिन है.' इसके अलावा महिलाओं ने बताया कि 'आज के दिन है शिव जी और माता पार्वती की शादी हुई थी, जिसके बाद से महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाने लगा और कुंवारी लड़कियां महाशिवरात्रि का व्रत शिव भगवान सा वर पाने के लिए रखती हैं. इसके अलावा महिलाएं घर की सुख समृद्धि एवं पति की रक्षा के लिए भी व्रत रखती हैं. इसी प्रकार पुरुष भी शिव भक्ति में लीन होकर आज के दिन उपवास रखते हैं. पूजा पाठ के बाद ही फलाहार करते हैं.'