झांसी में पारंपरिक तरीके से हुई बुंदेलखंड के दिवारी मोनिया नृत्य की शुरूआत...देखिए VIDEO - Bundelkhand famous dance
🎬 Watch Now: Feature Video
झांसी: जिले के गरौठा तहसील अंतर्गत ग्राम चोकरी में बाराद्वारी स्थान पर बुंदेलखंड के प्रसिद्ध दिवारी नृत्य मोनिया प्रतियोगिता(Diwari Dance Moniya Competition) का आयोजन बड़े ही परंपरागत ढंग से किया गया. इसमें आसपास के अनेक गांवों की टीमों ने दिवारी नृत्य किया. यह नृत्य दीपावली के बाद से शुरू होकर एक सप्ताह तक चलता है. इसमें गांव के चरवाहे और ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे-छोटे बच्चों से लेकर युवा अपनी टोलियां बनाते हैं. मौनिया नृत्य करने के पहले सभी श्रृंगार करते हैं. बाद में गांव के मंदिर में जाकर व्रत रखकर पूरे दिन किसी से बात नहीं करते है. उसके बाद घर-घर जाकर मोनिया नृत्य किया जाता है. इसके बाद शाम होने के बाद यह व्रत खोला जाता है. जिस गांव की मौनिया नृत्य की टोली एक बार यह व्रत रखती है, उसे 12 वर्ष तक अनवरत व्रत रखना पड़ता है. यह बुंदेलखंड की सबसे प्राचीन नृत्य शैली है. इसे सेहरा और दीपावली नृत्य भी कहते हैं. वहीं, पौराणिक मान्यता है कि द्वापर युग में गोवर्धन लीला के बाद श्रीकृष्ण भगवान ने अपने ग्वाल वालों के साथ इस नृत्य को किया था, तभी से इस नृत्य की शुरुआत हुई है.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:30 PM IST