चुनावी चौपाल: बनारसी पंड़ाओ ने भरा दम, विश्वनाथ धाम में लोकल नहीं बाहरी को मिला फायदा
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वाराणसी: उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों (Uttar Pradesh assembly elections 2022) का बिगुल बज चुका है. आज हम आपको वाराणसी के उस तबके के पास लेकर चल रहे हैं, जो निश्चित तौर पर बनारस से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है. धर्म नगरी वाराणसी में जब धर्म और अध्यात्म के साथ किसी की रोजी-रोटी जुड़ी हो तो वह हर बात को कब काफी गंभीरता से लेता है. ऐसी ही स्थिति बनारस के पंडा समाज की है. बनारस के पंडा समाज की यदि बात की जाए तो बनारस में वर्तमान समय में 15,000 से ज्यादा ऐसे परिवार हैं जो सीधे तौर पर पंडा समाज के साथ जुड़े हुए हैं. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन हो या फिर यहां आने वाले तीर्थ यात्रियों को अन्य मंदिरों में दर्शन पूजन के साथ श्राद्धकर्म और पिंडदान करवाना. पंडा समाज के लोग यह सभी जिम्मेदारियां बखूबी निभाते हैं, लेकिन इस चुनावी मौसम में क्या है इन पंडा समाज के लोगों का मूड और क्या विश्वनाथ धाम बनने के बाद इन्हें फायदा हुआ या नुकसान इन्हीं बातों पर हमने पंडा समाज के लोगों की राय जानने की कोशिश की.
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