सुरीली आवाज को है मंच का इंतजार, सुनें मासूम की फनकार
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औरेया: देश अनमोल रत्नों से भरा पड़ा है. यहां खेल जगत से लेकर कढ़ाई-बुनाई तक के हुनरबाजों की कमी नहीं है. ऐसी ही एक प्रतिभा की धनी नैंसी दीक्षित हैं. बचपन से ही नैंसी पर सरस्वती मां की अनुकम्पा है. महज 10 साल की उम्र से ही टेलीविजन पर आने वाले गानों को सुनकर नैंसी गाया करती है. नैंसी का परिवार बहुत साधारण है. उसके पिता एक किसान और मां गृहणी हैं. संगीत से उनका दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है, लेकिन कहते हैं कि हीरा तो सदा कोयले की खान से ही निकलता है. नैंसी को संगीत से इतना प्रेम है कि वह हमेशा गीत गुनगुनाती रहती है. नैंसी ने अपने संगीत के लिए विद्यालय में कई इनाम भी जीते हैं. नैंसी की मां उसका मनोबल बढ़ाती रहती हैं. नैंसी का सपना एक प्लेबैक सिंगर बनन का. इसमें उनके माता-पिता का भरपूर सहयोग है.