126 साल के योग गुरु को पद्मश्री, पूरा हॉल हुआ नतमस्तक, प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति ने भी किया प्रणाम
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किसी शायर ने क्या खूब लिखा है, 'ये पता न चला कि कब ये कद हो गया, मैं तो एक पौधा था, पर आज बरगद हो गया.' ये पंक्ति राष्ट्रपति भवन में उस समय चरितार्थ होती दिखी जब पद्म सम्मान अलंकरण समारोह के दौरान स्वामी शिवानंद पीएम मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष नतमस्तक हो गए. राष्ट्रपति भवन का यह दृश्य देखकर भारत की योग संस्कृति और विनम्रता भी अभिभूत हो उठी. कहना गलत नहीं होगा कि स्वामी शिवानंद जैसे व्यक्तित्व से खुद भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री भी सम्मानित महसूस करती होगी. विनम्रता क्या होती है इस संबंध में कवि रहीम दास ने भी लिखा है, (तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियहि न पान. कहि रहीम पर काज हित, संपति संचहि सुजान.) इसका अर्थ है कि जिस पेड़ (तरुवर) कभी अपने ऊपर लगे फल नहीं खाते. तालाब (सरवर) कभी उसमें जमा हुआ पानी नहीं पीते. उसी तरह सज्जन लोग दूसरे के हित (पर काज हित) में संपत्ति का संचय करते हैं. आपको बता दें कि स्वामी शिवानंद को भारतीय जीवन पद्धति और योग के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए पद्मश्री पुरस्कार दिया गया. वह 126 साल के हैं.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:20 PM IST
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स्वामी शिवानंद को पद्मश्री