नई दिल्ली : देश भर में कंजंक्टिवाइटिस, जिसे आमतौर पर गुलाबी आंख (आई फ्लू) के रूप में जाना जाता है, के साथ-साथ डेंगू के मामलों में वृद्धि देखी जा रही हैं. शार्प साइट आई हॉस्पिटल्स के चिकित्सा निदेशक डॉ. कमल बी कपूर ने आईएएनएस को बताया कि Eye Flu के मामलों में आई अचानक वृद्धि का कारण भारी वर्षा और बाढ़ को माना जा सकता है, जिसने देश के विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित किया है.
देश भर में 1202 मामले : डॉ कमल बी कपूर का कहना है कि बाढ़ के कारण बढ़ी हुई नमी, मध्यम पर्याप्त तापमान,अस्वास्थ्यकर स्थितियां, दूषित जल आपूर्ति और तेज गति से चलने वाले वाहनों द्वारा सड़कों से गंदे पानी की एयरोसोलिंग संक्रमण को बढ़ाती है.उन्होंने कहा,"हम देश भर में Eye Flu के मामलों में अचानक वृद्धि की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं."देश भर में 1202 मामले सामने आए हैं, जो चिंता का कारण है. अकेले दिल्ली-एनसीआर में जुलाई में 1,032 मामले दर्ज किए गए हैं. पिछले साल की समान अवधि (जुलाई 2022) की तुलना में संख्या में वृद्धि हुई है,जब दिल्ली-एनसीआर में 646 मामले थे"
आई फ्लू के लक्षण : आई फ्लू जिसे आमतौर पर गुलाबी आंख- Pink Eye के रूप में जाना जाता है, अत्यधिक संक्रामक हो सकता है, जो दूषित सतहों और आंखों के स्राव के संपर्क से फैल सकता है. खुजली, पानी जैसा स्राव, प्यूरुलेंट डिस्चार्ज, पलकों की सूजन, हल्की लालिमा Eye Flu symptoms है, और कभी-कभी, व्यक्तियों को रोशनी देखने पर धुंधली दृष्टि या चमक का अनुभव हो सकता है. डॉ. श्रॉफ चैरिटी आई हॉस्पिटल में बाल नेत्र विज्ञान, स्ट्रैबिस्मस और न्यूरो नेत्र विज्ञान, डॉ सोवेता रथ के अनुसार, बच्चों में यह तेजी से फैल रहा है.
मौसमी बदलाव है कारण : डॉ. रथ ने आईएएनएस को बताया कि "हमने देखा है कि आई फ्लू के मरीजों में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसमें ज्यादातर बच्चे हैं. हर तीसरे बच्चे की आंखें लाल हो जाती है या आई फ्लू हो जाता है. वास्तव में, पिछले सप्ताह, हमने ओपीडी में 30 से अधिक बच्चों को आई फ्लू के साथ देखा था. उन्होंने कहा कि ''Conjunctivitis में बढ़ोतरी मौसमी बदलाव के कारण हुई है. ऐसा इसलिए भी है इस साल अधिक बारिश हुई है, आश्चर्यजनक रूप से पानी की भारी कमी है और स्वच्छता संबंधी आदतों का अभाव है. बच्चे अक्सर वायरस/बैक्टीरिया से दूषित सतह को छूते हैं और उन्हीं हाथों से अपनी आंखें रगड़ते हैं जिससे संक्रमण फैलता है."
डॉक्टरों ने प्रसार को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए उचित सावधानी बरतने और जागरूकता बढ़ाने की सिफारिश की, साथ ही ओवर-द-काउंटर दवाओं के उपयोग पर भी चेतावनी दी. डॉ. कपूर ने कहा कि उचित स्वच्छता बनाए रखना, प्रभावित व्यक्ति और आसपास के लोगों द्वारा बार-बार हाथ धोना, चेहरे को छूने से बचना, जरूरत पड़ने पर सुरक्षात्मक चश्मे का उपयोग करना और आंख से संबंधित कोई भी लक्षण महसूस होने पर पेशेवर चिकित्सा सलाह लेना महत्वपूर्ण है.
(आईएएनएस)