वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूगर्भ जल संरक्षण की दिशा में पहल करने की अपील की थी. इस अपील का असर उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में देखने को मिला. जहां पांडेयपुर इलाके के रहने वाले सजल श्रीवास्तव को लोग जल प्रहरी के नाम से जानते हैं क्योंकि इन्होंने 4 सालों में भूगर्भ जल संरक्षण की दिशा में सार्थक पहल की है.
इन्होंने मेक इन इंडिया योजना को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात को जमीन पर उतारने का काम भी किया है. इस फिल्टर को बनाने में कूलर की घास, प्लास्टिक के पाइप और नालियों में लगने वाली लोहे की जाली का इस्तेमाल किया गया है. महज 750 रुपये की लागत से इसे तैयार किया गया है, जिसमें नीचे लगे पाइप में गिट्टी और ब्लैक कार्बन की मदद से छत के पानी से आने वाले स्वीट को फिल्टर कर इसे सीधे ग्राउंड वाटर लेवल बढ़ाने के लिए जमीन के अंदर भेजा जा सकता है.
इन्होंने 2015 में कबाड़ के जुगाड़ से दो बाल्टी के सहारे रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए एक फिल्टर युक्त भूमिगत जल रिचार्ज सिस्टम तैयार किया था. जिसके सफल होने के बाद बीएचयू आईआईटी के सहयोग से एक ऐसा पाइप फिटर बनाया है. इसे पाइप फिटर की मदद से लगभग 100 वर्ग मीटर के बारिश के पानी को फिल्टर करके सीधे आपकी बोरिंग में भेजा जा सकता.
सजल का कहना है अगर इस सिस्टम को अपने छत से आने वाले पानी वाले पाइप से जोड़ दिया जाए तो, एक लाख लीटर से ज्यादा पानी को ग्राउंड वाटर लेवल बढ़ाने के लिए सीधे जमीन में भेजा जा सकता है. महज 4500 रुपये की लागत से तैयार इस टैंक में बारिश के पानी को फिल्टर करती है. साफ पानी सीधे अंदर बने फिल्टर टैंक में साफ होकर जमीन के अंदर चला जाता है.