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अभिषेक त्रिवेदी हत्याकांड का खुलासा : सौतेले भाई ने करायी थी हत्या, आरोपी साथियों संग गिरफ्तार - प्रभारी निरीक्षक अलीनगर संतोष कुमार सिंह

बीते 23 अप्रैल को चंदौली के अलीनगर थाना क्षेत्र में हुए अभिषेक त्रिवेदी हत्याकांड का खुलासा शुक्रवार को अलीनगर पुलिस ने कर दिया.

युवक ने प्रापर्टी के लिए की थी सौतेले भाई की हत्या, साथियों संग गिरफ्तार
युवक ने प्रापर्टी के लिए की थी सौतेले भाई की हत्या, साथियों संग गिरफ्तार
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Published : May 7, 2021, 6:41 PM IST

चंदौली : बीते 23 अप्रैल को चंदौली के अलीनगर थाना क्षेत्र में हुए अभिषेक त्रिवेदी हत्याकांड का खुलासा शुक्रवार को अलीनगर पुलिस ने कर दिया. मामले में पुलिस ने मृतक के भाई मुख्य आरोपी सहित 3 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. वहीं, एक अभियुक्त मनीष फरार है. उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं


पुलिस ने अभियुक्तों की निशानदेही पर मृत अभिषेक त्रिवेदी के पैतृक आवास ग्राम मुठानी, मोहनिया, कैमूर बिहार के प्रथम तल स्थित कमरे से खून के अवशेष व मकान के पीछे स्व. नारदेश्वर तिवारी के मकान के खंडहर से खुन से सना हुआ एक अदद जूट का बोरा बरामद किया है. दो प्रिन्टेड कपड़ा रक्त रंजित, एक अदद तशला (तगाड़ी) तथा एक अदद सफेद कपड़ा रक्त रंजित बरामद किया है.

युवक ने प्रापर्टी के लिए की थी सौतेले भाई की हत्या, साथियों संग गिरफ्तार
मामले की गहन छानबीन कर रही थी पुलिस

दरअसल, बीती 23 अप्रैल को अलीनगर क्षेत्र के ग्राम बसंतू की मड़ई ओवरब्रिज NH2 हाई-वे पर वाराणसी जाने वाले लेन पर सड़क के किनारे खड़ी रिट्ज कार की पिछली सीट पर पुलिस को एक व्यक्ति का रक्तरंजित शव मिला था. शव की शिनाख्त अभिषेक त्रिवेदी, निवासी मूल पता मुठानी थाना मोहनियां, जनपद कैमूर, भभुआ बिहार और हाल पता बालाजी एक्सटेंशन सामनेघाट, थाना लंका, जनपद वाराणसी के रूप में हुआ था. इस मामले में अभिषेक की पत्नी ने नामजद तहरीर दी थी. इसके आधार पर पुलिस, पंजीकृत किये गए मु.अ.सं. 107/21 धारा 302 भादवि में मामले की छानबीन कर रही थी.

इसी क्रम में प्रभारी निरीक्षक अलीनगर संतोष कुमार सिंह के नेतृत्व में अलीनगर पुलिस टीम एवं प्रभारी सर्विलांस टीम निरीक्षक अतुल नारायण सिंह के नेतृत्व में सर्विलांस व स्वाट टीम जनपद चंदौली द्वारा इलेक्ट्राॅनिक व धरातलीय साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की जा रही थी. इस क्रम में अभियुक्तगण :

(1) आलोक त्रिवेदी, निवासी मुठानी, थाना मोहनिया, जनपद कैमूर, बिहार, हाल पता सत्यम् नगर थाना लंका जनपद वाराणसी.

(2) मोहन तिवारी, निवासी मूल पता ग्राम तेंदुनी, थाना चेनारी, जनपद रोहतास, बिहार, वर्तमान पता बालाजी नगर कालोनी, थाना लंका, जनपद वाराणसी.

(3) मुकेश शर्मा, निवासी मुठानी, थाना मोहनिया, जिला कैमूर, बिहार.

(4) मनीष शर्मा, निवासी मुठानी, थाना मोहनिया, जिला कैमूर, बिहार. के विरूद्ध घटना में संलिप्त होने व गोली मारकर अभिषेक त्रिवेदी की नृशंस हत्या करने के संबंध में पुष्ट साक्ष्य पाकर अभियोग में धारा 201, 34 भादवि की बढ़ोतरी करते हुए शुक्रवार को तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं, मनीष शर्मा अभी भी फरार है.

यह भी पढ़ें : काशी के घाटों की बदली सूरत, रोज कमाने खाने वाले तीर्थ पुरोहित बेहाल


गिरफ्तार अभियुक्तगणों से पुलिस ने कड़ाई से की पूछताछ

पुलिस की पूछताछ में यह सामने आया कि अभिषेक त्रिवेदी व अभियुक्त आलोक त्रिवेदी आपस में भाई थे. अभियुक्त मोहन तिवारी वर्तमान में सामनेघाट लंका वाराणसी के जिस मकान में रहकर काशी विद्यापीट से बीए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रहा है, उसी मकान में बहुत पहले आलोक त्रिवेदी सपरिवार रहते थे. इस कारण मोहन का आलोक त्रिवेदी से अच्छा संबंध हो गया था. मोहन की अभिषेक त्रिवेदी व उसके परिवार से भी काफी घनिष्ठता हो गयी थी.

उधर, अभियुक्त मुकेश शर्मा व मनीष शर्मा सगे भाई हैं. मूल रूप से मुठानी के ही निवासी हैं। त्रिवेदी परिवार की जितनी भी जमीन मुठानी में है, उसको इन लोगों ने बंदोबस्ती पर ले रखा है. कई वर्षों से जोतते-बोते थे. बंदोबस्ती के आधार पर तय धनराशि आलोक त्रिवेदी को देते थे.

174 बीघा खेत के बंदोबस्ती के पैसों को लेकर हुई हत्या

आलोक त्रिवेदी व मृतक अभिषेक त्रिवेदी की करीब 69 बीघा जमीन ग्राम मुठानी में, 60 बीघा जमीन ग्राम छिपली कर्मनाशा बिहार में एवम् 45 बीघा जमीन ग्राम अमेहता थाना अगियांव जिला भोजपुर में पैतृक संपति थी. इसका आपसी बंटवारा सहमति से हुआ था. चुंकि आलोक त्रिवेदी व विवेक त्रिवेदी अपने पिता स्व. संजय त्रिवेदी की पहली पत्नी स्व.रामकुमारी देवी के संतान व मृतक अभिषेक त्रिवेदी अपने पिता स्व. संजय त्रिवेदी के दूसरी पत्नी छाया त्रिवेदी के संतान हैं तो विगत कई माह से मृत अभिषेक त्रिवेदी अभियुक्त आलोक त्रिवेदी से बंदोबस्ती से प्राप्त रूपयों को आधा–आधा बांटने को कहते थे.

आलोक त्रिवेदी को डर था कि कहीं अभिषेक पूरी संपति का आधा हिस्सा न मांग ले. उसने अपने छोटे भाई अभिषेक त्रिवेदी को जान से मार डालने की योजना बनाई. दो-दो लाख रूपये नगद व अन्य सुख सुविधाओं तथा आर्थिक मदद का भरोसा दिलाकर मोहन तिवारी, मुकेश शर्मा और मनीष शर्मा को अपने साथ शामिल कर लिया. योजनाबद्ध तरीके से पहले से ही अभियुक्त मनीष शर्मा से तमंचा व कारतूस की व्यवस्था करा ली गयी.

मनीष शर्मा ने ही पीछे से मारी थी गोली

तयबद्ध योजना के अनुसार आलोक त्रिवेदी व मोहन तिवारी 22 अप्रैल की दोपहर करीब दो बजे अभिषेक त्रिवेदी (मृतक) को बहाने से उसी की कार मारूति रिट्ज BR45P7691 से पैतृक निवास मुठानी मोहनिया बिहार ले जाया गया. गाड़ी आलोक त्रिवेदी चला रहा था. वह लोग शाम के करीब 04 बजे मुठानी पहुंचे. मोहन जाकर मुकेश शर्मा को घर से बुला लाया. मनीष पहले से ही उनके घर पर मौजूद था. फिर घर दिखाने की बात कहकर घर के अन्दर प्रथम तल पर वे लोग अभिषेक को ले गये. अभिषेक त्रिवेदी (मृतक) आगे-आगे चल रहा था. उसके पीछे मनीष शर्मा चल रहा था जिसने आलोक, मोहन व मुकेश के इशारे पर तमंचा निकालकर पीछे से सिर में सटाकर अभिषेक त्रिवेदी (मृतक) को गोली मार दी. अभिषेक वहीं कमरे में रखे लकड़ी के संदूक के पास गिर गया और मर गया.

हत्या के बाद अंधेरा होने का किया इंतजार

अभियुक्तगण द्वारा अंधेरा होने का इंतजार किया गया. फिर अभिषेक त्रिवेदी के शव को प्रथम तल से लाकर उसी की गाड़ी की पिछली सीट पर रखकर वापस कमरे में जाकर खून को कपड़े व बोरे से साफ किया गया. लोहे की तगाड़ी में कपड़ा व बोरा भरकर मकान के पीछे स्व. नारदेश्वर तिवारी के खंडहरनुमा मकान में फेंक दिया.

अपने-अपने हाथ धोकर वापस कार के पास आये. लौटते समय शाम के करीब 07.30 बज गये वाहन मुकेश शर्मा चला रहा था आलोक त्रिवेदी आगे की सूट पर व मोहन पीछे अभिषेक त्रिवेदी के शव के बगल में बैठा था. मनीष शर्मा बाइक से इनके पीछे-पीछे आया. इन लोगों ने पचफेड़वा ओवरब्रिज पर सूनसान स्थान देखकर वाराणसी जाने वाले लेन में हाईवे के किनारे गाड़ी खड़ी करके गाड़ी के अंदर अभिषेक त्रिवेदी के शव को छोड़कर तमंचा आगे की दोनों सीट के बीच में रखकर और गाड़ी में चाभी लगा कर छोड़ दिया.

पत्नी करती रही फोन और अभियुक्त बोलते रहे झूठ

इसके बाद मुकेश शर्मा अपने भाई मनीष के साथ उसी की मोटरसाइकिल से वापस मुठानी मोहनिया चला गया. आलोक त्रिवेदी तथा मोहन तिवारी हाईवे से आटो पकड़कर मुगलसराय आ गए. घर से मुठानी के लिए जाने के बाद से इन लोगों के द्वारा मृतक की पत्नी सीमा त्रिवेदी से लगातार झूठ बोला जा रहा था कि अभी वे लोग लंका वाराणसी में हैं , उसके बार-बार फोन करने पर शाम को 06 बजे के करीब मोहन ने मृतक की पत्नी को बताया कि आलोक औऱ मोहन को अभिषेक सिंधीताली पुल के पार हाईवे पर उतारकर चाय पीने को कह कर चंदौली किसी आदमी से मिलने गए हैं.

एक घंटे में आने को कहा है. फिर रात में इन लोगों ने अभिषेक के कहीं गुम हो जाने का नाटक किया. लंका थाने पर इसकी सूचना दी. अगले दिन 23 अप्रैल को सुबह से ही पड़ोसियों के साथ अभिषेक को खोजने निकल गये. नाटकीय तरीके से इन लोगों ने फिर उसी स्थान से जहां पर इन्होंने मृत अभिषेक त्रिवेदी को कार समेत छोड़ा था, अभिषेक को मृत अवस्था में ढूढ़ निकालने का दावा किया था.

चंदौली : बीते 23 अप्रैल को चंदौली के अलीनगर थाना क्षेत्र में हुए अभिषेक त्रिवेदी हत्याकांड का खुलासा शुक्रवार को अलीनगर पुलिस ने कर दिया. मामले में पुलिस ने मृतक के भाई मुख्य आरोपी सहित 3 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. वहीं, एक अभियुक्त मनीष फरार है. उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं


पुलिस ने अभियुक्तों की निशानदेही पर मृत अभिषेक त्रिवेदी के पैतृक आवास ग्राम मुठानी, मोहनिया, कैमूर बिहार के प्रथम तल स्थित कमरे से खून के अवशेष व मकान के पीछे स्व. नारदेश्वर तिवारी के मकान के खंडहर से खुन से सना हुआ एक अदद जूट का बोरा बरामद किया है. दो प्रिन्टेड कपड़ा रक्त रंजित, एक अदद तशला (तगाड़ी) तथा एक अदद सफेद कपड़ा रक्त रंजित बरामद किया है.

युवक ने प्रापर्टी के लिए की थी सौतेले भाई की हत्या, साथियों संग गिरफ्तार
मामले की गहन छानबीन कर रही थी पुलिस

दरअसल, बीती 23 अप्रैल को अलीनगर क्षेत्र के ग्राम बसंतू की मड़ई ओवरब्रिज NH2 हाई-वे पर वाराणसी जाने वाले लेन पर सड़क के किनारे खड़ी रिट्ज कार की पिछली सीट पर पुलिस को एक व्यक्ति का रक्तरंजित शव मिला था. शव की शिनाख्त अभिषेक त्रिवेदी, निवासी मूल पता मुठानी थाना मोहनियां, जनपद कैमूर, भभुआ बिहार और हाल पता बालाजी एक्सटेंशन सामनेघाट, थाना लंका, जनपद वाराणसी के रूप में हुआ था. इस मामले में अभिषेक की पत्नी ने नामजद तहरीर दी थी. इसके आधार पर पुलिस, पंजीकृत किये गए मु.अ.सं. 107/21 धारा 302 भादवि में मामले की छानबीन कर रही थी.

इसी क्रम में प्रभारी निरीक्षक अलीनगर संतोष कुमार सिंह के नेतृत्व में अलीनगर पुलिस टीम एवं प्रभारी सर्विलांस टीम निरीक्षक अतुल नारायण सिंह के नेतृत्व में सर्विलांस व स्वाट टीम जनपद चंदौली द्वारा इलेक्ट्राॅनिक व धरातलीय साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की जा रही थी. इस क्रम में अभियुक्तगण :

(1) आलोक त्रिवेदी, निवासी मुठानी, थाना मोहनिया, जनपद कैमूर, बिहार, हाल पता सत्यम् नगर थाना लंका जनपद वाराणसी.

(2) मोहन तिवारी, निवासी मूल पता ग्राम तेंदुनी, थाना चेनारी, जनपद रोहतास, बिहार, वर्तमान पता बालाजी नगर कालोनी, थाना लंका, जनपद वाराणसी.

(3) मुकेश शर्मा, निवासी मुठानी, थाना मोहनिया, जिला कैमूर, बिहार.

(4) मनीष शर्मा, निवासी मुठानी, थाना मोहनिया, जिला कैमूर, बिहार. के विरूद्ध घटना में संलिप्त होने व गोली मारकर अभिषेक त्रिवेदी की नृशंस हत्या करने के संबंध में पुष्ट साक्ष्य पाकर अभियोग में धारा 201, 34 भादवि की बढ़ोतरी करते हुए शुक्रवार को तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं, मनीष शर्मा अभी भी फरार है.

यह भी पढ़ें : काशी के घाटों की बदली सूरत, रोज कमाने खाने वाले तीर्थ पुरोहित बेहाल


गिरफ्तार अभियुक्तगणों से पुलिस ने कड़ाई से की पूछताछ

पुलिस की पूछताछ में यह सामने आया कि अभिषेक त्रिवेदी व अभियुक्त आलोक त्रिवेदी आपस में भाई थे. अभियुक्त मोहन तिवारी वर्तमान में सामनेघाट लंका वाराणसी के जिस मकान में रहकर काशी विद्यापीट से बीए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रहा है, उसी मकान में बहुत पहले आलोक त्रिवेदी सपरिवार रहते थे. इस कारण मोहन का आलोक त्रिवेदी से अच्छा संबंध हो गया था. मोहन की अभिषेक त्रिवेदी व उसके परिवार से भी काफी घनिष्ठता हो गयी थी.

उधर, अभियुक्त मुकेश शर्मा व मनीष शर्मा सगे भाई हैं. मूल रूप से मुठानी के ही निवासी हैं। त्रिवेदी परिवार की जितनी भी जमीन मुठानी में है, उसको इन लोगों ने बंदोबस्ती पर ले रखा है. कई वर्षों से जोतते-बोते थे. बंदोबस्ती के आधार पर तय धनराशि आलोक त्रिवेदी को देते थे.

174 बीघा खेत के बंदोबस्ती के पैसों को लेकर हुई हत्या

आलोक त्रिवेदी व मृतक अभिषेक त्रिवेदी की करीब 69 बीघा जमीन ग्राम मुठानी में, 60 बीघा जमीन ग्राम छिपली कर्मनाशा बिहार में एवम् 45 बीघा जमीन ग्राम अमेहता थाना अगियांव जिला भोजपुर में पैतृक संपति थी. इसका आपसी बंटवारा सहमति से हुआ था. चुंकि आलोक त्रिवेदी व विवेक त्रिवेदी अपने पिता स्व. संजय त्रिवेदी की पहली पत्नी स्व.रामकुमारी देवी के संतान व मृतक अभिषेक त्रिवेदी अपने पिता स्व. संजय त्रिवेदी के दूसरी पत्नी छाया त्रिवेदी के संतान हैं तो विगत कई माह से मृत अभिषेक त्रिवेदी अभियुक्त आलोक त्रिवेदी से बंदोबस्ती से प्राप्त रूपयों को आधा–आधा बांटने को कहते थे.

आलोक त्रिवेदी को डर था कि कहीं अभिषेक पूरी संपति का आधा हिस्सा न मांग ले. उसने अपने छोटे भाई अभिषेक त्रिवेदी को जान से मार डालने की योजना बनाई. दो-दो लाख रूपये नगद व अन्य सुख सुविधाओं तथा आर्थिक मदद का भरोसा दिलाकर मोहन तिवारी, मुकेश शर्मा और मनीष शर्मा को अपने साथ शामिल कर लिया. योजनाबद्ध तरीके से पहले से ही अभियुक्त मनीष शर्मा से तमंचा व कारतूस की व्यवस्था करा ली गयी.

मनीष शर्मा ने ही पीछे से मारी थी गोली

तयबद्ध योजना के अनुसार आलोक त्रिवेदी व मोहन तिवारी 22 अप्रैल की दोपहर करीब दो बजे अभिषेक त्रिवेदी (मृतक) को बहाने से उसी की कार मारूति रिट्ज BR45P7691 से पैतृक निवास मुठानी मोहनिया बिहार ले जाया गया. गाड़ी आलोक त्रिवेदी चला रहा था. वह लोग शाम के करीब 04 बजे मुठानी पहुंचे. मोहन जाकर मुकेश शर्मा को घर से बुला लाया. मनीष पहले से ही उनके घर पर मौजूद था. फिर घर दिखाने की बात कहकर घर के अन्दर प्रथम तल पर वे लोग अभिषेक को ले गये. अभिषेक त्रिवेदी (मृतक) आगे-आगे चल रहा था. उसके पीछे मनीष शर्मा चल रहा था जिसने आलोक, मोहन व मुकेश के इशारे पर तमंचा निकालकर पीछे से सिर में सटाकर अभिषेक त्रिवेदी (मृतक) को गोली मार दी. अभिषेक वहीं कमरे में रखे लकड़ी के संदूक के पास गिर गया और मर गया.

हत्या के बाद अंधेरा होने का किया इंतजार

अभियुक्तगण द्वारा अंधेरा होने का इंतजार किया गया. फिर अभिषेक त्रिवेदी के शव को प्रथम तल से लाकर उसी की गाड़ी की पिछली सीट पर रखकर वापस कमरे में जाकर खून को कपड़े व बोरे से साफ किया गया. लोहे की तगाड़ी में कपड़ा व बोरा भरकर मकान के पीछे स्व. नारदेश्वर तिवारी के खंडहरनुमा मकान में फेंक दिया.

अपने-अपने हाथ धोकर वापस कार के पास आये. लौटते समय शाम के करीब 07.30 बज गये वाहन मुकेश शर्मा चला रहा था आलोक त्रिवेदी आगे की सूट पर व मोहन पीछे अभिषेक त्रिवेदी के शव के बगल में बैठा था. मनीष शर्मा बाइक से इनके पीछे-पीछे आया. इन लोगों ने पचफेड़वा ओवरब्रिज पर सूनसान स्थान देखकर वाराणसी जाने वाले लेन में हाईवे के किनारे गाड़ी खड़ी करके गाड़ी के अंदर अभिषेक त्रिवेदी के शव को छोड़कर तमंचा आगे की दोनों सीट के बीच में रखकर और गाड़ी में चाभी लगा कर छोड़ दिया.

पत्नी करती रही फोन और अभियुक्त बोलते रहे झूठ

इसके बाद मुकेश शर्मा अपने भाई मनीष के साथ उसी की मोटरसाइकिल से वापस मुठानी मोहनिया चला गया. आलोक त्रिवेदी तथा मोहन तिवारी हाईवे से आटो पकड़कर मुगलसराय आ गए. घर से मुठानी के लिए जाने के बाद से इन लोगों के द्वारा मृतक की पत्नी सीमा त्रिवेदी से लगातार झूठ बोला जा रहा था कि अभी वे लोग लंका वाराणसी में हैं , उसके बार-बार फोन करने पर शाम को 06 बजे के करीब मोहन ने मृतक की पत्नी को बताया कि आलोक औऱ मोहन को अभिषेक सिंधीताली पुल के पार हाईवे पर उतारकर चाय पीने को कह कर चंदौली किसी आदमी से मिलने गए हैं.

एक घंटे में आने को कहा है. फिर रात में इन लोगों ने अभिषेक के कहीं गुम हो जाने का नाटक किया. लंका थाने पर इसकी सूचना दी. अगले दिन 23 अप्रैल को सुबह से ही पड़ोसियों के साथ अभिषेक को खोजने निकल गये. नाटकीय तरीके से इन लोगों ने फिर उसी स्थान से जहां पर इन्होंने मृत अभिषेक त्रिवेदी को कार समेत छोड़ा था, अभिषेक को मृत अवस्था में ढूढ़ निकालने का दावा किया था.

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