ETV Bharat / state

शारदीय नवरात्रि के 9वें दिन करें मां सिद्धिदात्री की पूजा

author img

By

Published : Oct 25, 2020, 12:04 PM IST

वाराणसी में आज नवमी के दिन माता के नौवें स्वरूप, मां सिद्धिदात्री की पूजा हो रही है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से व्यक्ति को सभी देवियों की पूजा का फल मिलता है.

मां सिद्धिदात्री.
मां सिद्धिदात्री.

वाराणसी : वाराणसी में आज नवमी के दिन माता के नौवें स्वरूप, मां सिद्धिदात्री की पूजा हो रही है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से व्यक्ति को सभी देवियों की पूजा का फल मिलता है.

मंद मुस्कान है मां की पहचान

मां सिद्धिदात्री का स्वरूप अत्यंत मन मोहिनीय है. मां सिद्धिदात्री कमल पर विराजमान रहती हैं. लाल वस्त्र धारण करने वाली माता की चार भुजाओं में सुदर्शन चक्र, शंख, गदा, और कमल होता है. माता के सिर पर मुकुट, और चेहरे पर मंद मुस्कान ही मां सिद्धिदात्री की पहचान है.

नवमी के साथ आज दशमी भी

मन्दिर के पुजारी बच्चा गुरु ने बताया कि आज शारदीय नवरात्र की नवमी के साथ दशमी तिथि भी पड़ रही है. उन्होंने बताया कि माता सिद्धिदात्री ही माता सरस्वती का स्वरूप हैं. इसलिए मां सभी सिद्धियों को देने वाली हैं. जो भी भक्त मां की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करते हैं, उन्हें सभी सिद्धियों की प्राप्ति के साथ मां का आशीर्वाद भी मिलता है.

कैसे पड़ा नाम सिद्धिदात्री

वाराणसी के मैदागिन क्षेत्र के गोलघर इलाके में मां सिद्धिदात्री का मंदिर स्थित है. देवी पुराण के अनुसार भगवान शिव ने इन्हीं शक्ति स्वरूपा देवी की उपासना करके सिद्धियां प्राप्त की थी. इसलिए माता को सिद्धिदात्री कहा जाता है.

वाराणसी : वाराणसी में आज नवमी के दिन माता के नौवें स्वरूप, मां सिद्धिदात्री की पूजा हो रही है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से व्यक्ति को सभी देवियों की पूजा का फल मिलता है.

मंद मुस्कान है मां की पहचान

मां सिद्धिदात्री का स्वरूप अत्यंत मन मोहिनीय है. मां सिद्धिदात्री कमल पर विराजमान रहती हैं. लाल वस्त्र धारण करने वाली माता की चार भुजाओं में सुदर्शन चक्र, शंख, गदा, और कमल होता है. माता के सिर पर मुकुट, और चेहरे पर मंद मुस्कान ही मां सिद्धिदात्री की पहचान है.

नवमी के साथ आज दशमी भी

मन्दिर के पुजारी बच्चा गुरु ने बताया कि आज शारदीय नवरात्र की नवमी के साथ दशमी तिथि भी पड़ रही है. उन्होंने बताया कि माता सिद्धिदात्री ही माता सरस्वती का स्वरूप हैं. इसलिए मां सभी सिद्धियों को देने वाली हैं. जो भी भक्त मां की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करते हैं, उन्हें सभी सिद्धियों की प्राप्ति के साथ मां का आशीर्वाद भी मिलता है.

कैसे पड़ा नाम सिद्धिदात्री

वाराणसी के मैदागिन क्षेत्र के गोलघर इलाके में मां सिद्धिदात्री का मंदिर स्थित है. देवी पुराण के अनुसार भगवान शिव ने इन्हीं शक्ति स्वरूपा देवी की उपासना करके सिद्धियां प्राप्त की थी. इसलिए माता को सिद्धिदात्री कहा जाता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.