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महिला दिवसः इंस्पेक्टर गीता कुमारी राय बनीं लड़कियों के लिए प्रेरणा

इंस्पेक्टर गीता कुमारी राय ने बताया कि उन्होंने विभाग के कार्य की स्थितियां देखकर शादी न करने का फैसला लिया. बताया कि एक लड़की उनके साथ ही भर्ती हुई थी और जब वह परेड में शामिल होती तो अपने बच्चे को दूर सुला देती थी. यह देखकर बहुत कष्ट होता था, इसलिए उन्होंने शुरू से ही निश्चय कर रखा था कि मैं शादी नहीं करूंगी.

इंस्पेक्टर गीता कुमारी
इंस्पेक्टर गीता कुमारी
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Published : Mar 7, 2021, 5:08 PM IST

वाराणसीः अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है. ऐसे में महिला दिवस के पूर्व हम आपको वाराणसी के कैण्ट जीआरपी में तैनात महिला इंस्पेक्टर गीता कुमारी राय के बारे में बताना चाहेंगे, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से समाज में आत्मनिर्भर बन ये मुकाम हासिल किया है. गीता कुमारी आज महिलाओं के लिए प्रेरणा और अपराधियों के लिए खौफ बनी हुई हैं.

इंस्पेक्टर गीता कुमारी राय बनीं लड़कियों के लिए प्रेरणा.

पर्दे को खत्म करने की थी मुहिम
इंस्पेक्टर गीता कुमारी राय ने बताया कि जब मैंने प्रैक्टिस शुरू की तो मैंने लोक लाज के भय से रात में और भोर में दौड़ना शुरू किया और पुलिस में भर्ती हुई. उसके बाद मैं जब भी घर जाती तो सुबह 7 बजे से लेकर 10 बजे तक दौड़ लगाती थी, ताकि गांव की युवतियां मुझे देखकर मैदान में आएं और अपना करियर बनाएं. आज जब घर जाती हूं तो बहुत खुशी मिलती है ये देखकर कि मेरे गांव की लड़कियां पुरुषों के साथ दौड़ की प्रैक्टिस करती हैं.

जानिए क्यों नही की शादी
गीता कुमारी राय ने कहा कि विभाग के कार्य की स्थितियां देख मैंने शादी न करने का फैसला लिया. उन्होंने कहा कि एक लड़की उनके साथ ही भर्ती हुई थी और जब वो परेड में शामिल हो तो अपने बच्चे को दूर सुला देती थी. ये देखकर मुझे बहुत कष्ट होता था. मैंने शुरू से ही निश्चय कर रखा था कि मैं शादी नहीं करूंगी.

महिलाओ को दिया संदेश
इंस्पेक्टर गीता कुमारी राय ने महिलाओं को संदेश देते हुए कहा कि महिलाएं अपने आप पर निर्भर रहें, जिस क्षेत्र में महिलाएं जाना चाहें मेहनत और लगन के बल पर जा सकती हैं. कोई जरूरी नहीं की महिलाएं एथिलीट में ही आगे आएं वह जिस क्षेत्र में जाना चाहें जाएं. महिलाएं आत्मनिर्भर बन मेहनत और लगन से अपना मुकाम पा सकती हैं.

यह भी पढ़ेंः-अलका तोमरः जिन्होंने घर से निकलने के बाद अवार्ड की लगा दी झड़ी

बिहार से हुई शिक्षा की शुरुआत
बिहार के बक्सर जनपद की रहने वाली गीता कुमारी राय ने देश का और यूपी का नाम रौशन करेंगी. यह शायद ही किसी ने सोचा होगा. इंस्पेक्टर गीता कुमारी राय की शिक्षा की शुरुआत बिहार से ही हुई और ग्रेजुएशन उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से हुई, क्योंकि उस समय गीता कुमारी राय पुलिस में भर्ती हो चुकी थी. साल 1996 में उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुई गीता कुमारी राय ने एक बड़ा सफर तय करते हुए आज ये मुकाम पाया है.

जीते 150 पदक
गीता कुमारी राय एक इंटरनेशनल धावक और वाराणसी जंक्शन के जीआरपी थाने पर तैनात महिला इंस्पेक्टर हैं, जिन्होंने अपने जज्बे, लगन और मेहनत के बदौलत यह मुकाम पाया है. गीता कुमारी राय अब तक 150 पदक यूपी रिकॉर्ड के साथ और 22 नेशनल और इंटरनेशनल पदक अपने नाम कर चुकी हैं. वहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गीता कुमारी राय ने कनाडा में दो गोल्ड और एक सिल्वर पदक अपने नाम किया था.

वाराणसीः अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है. ऐसे में महिला दिवस के पूर्व हम आपको वाराणसी के कैण्ट जीआरपी में तैनात महिला इंस्पेक्टर गीता कुमारी राय के बारे में बताना चाहेंगे, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से समाज में आत्मनिर्भर बन ये मुकाम हासिल किया है. गीता कुमारी आज महिलाओं के लिए प्रेरणा और अपराधियों के लिए खौफ बनी हुई हैं.

इंस्पेक्टर गीता कुमारी राय बनीं लड़कियों के लिए प्रेरणा.

पर्दे को खत्म करने की थी मुहिम
इंस्पेक्टर गीता कुमारी राय ने बताया कि जब मैंने प्रैक्टिस शुरू की तो मैंने लोक लाज के भय से रात में और भोर में दौड़ना शुरू किया और पुलिस में भर्ती हुई. उसके बाद मैं जब भी घर जाती तो सुबह 7 बजे से लेकर 10 बजे तक दौड़ लगाती थी, ताकि गांव की युवतियां मुझे देखकर मैदान में आएं और अपना करियर बनाएं. आज जब घर जाती हूं तो बहुत खुशी मिलती है ये देखकर कि मेरे गांव की लड़कियां पुरुषों के साथ दौड़ की प्रैक्टिस करती हैं.

जानिए क्यों नही की शादी
गीता कुमारी राय ने कहा कि विभाग के कार्य की स्थितियां देख मैंने शादी न करने का फैसला लिया. उन्होंने कहा कि एक लड़की उनके साथ ही भर्ती हुई थी और जब वो परेड में शामिल हो तो अपने बच्चे को दूर सुला देती थी. ये देखकर मुझे बहुत कष्ट होता था. मैंने शुरू से ही निश्चय कर रखा था कि मैं शादी नहीं करूंगी.

महिलाओ को दिया संदेश
इंस्पेक्टर गीता कुमारी राय ने महिलाओं को संदेश देते हुए कहा कि महिलाएं अपने आप पर निर्भर रहें, जिस क्षेत्र में महिलाएं जाना चाहें मेहनत और लगन के बल पर जा सकती हैं. कोई जरूरी नहीं की महिलाएं एथिलीट में ही आगे आएं वह जिस क्षेत्र में जाना चाहें जाएं. महिलाएं आत्मनिर्भर बन मेहनत और लगन से अपना मुकाम पा सकती हैं.

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बिहार से हुई शिक्षा की शुरुआत
बिहार के बक्सर जनपद की रहने वाली गीता कुमारी राय ने देश का और यूपी का नाम रौशन करेंगी. यह शायद ही किसी ने सोचा होगा. इंस्पेक्टर गीता कुमारी राय की शिक्षा की शुरुआत बिहार से ही हुई और ग्रेजुएशन उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से हुई, क्योंकि उस समय गीता कुमारी राय पुलिस में भर्ती हो चुकी थी. साल 1996 में उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुई गीता कुमारी राय ने एक बड़ा सफर तय करते हुए आज ये मुकाम पाया है.

जीते 150 पदक
गीता कुमारी राय एक इंटरनेशनल धावक और वाराणसी जंक्शन के जीआरपी थाने पर तैनात महिला इंस्पेक्टर हैं, जिन्होंने अपने जज्बे, लगन और मेहनत के बदौलत यह मुकाम पाया है. गीता कुमारी राय अब तक 150 पदक यूपी रिकॉर्ड के साथ और 22 नेशनल और इंटरनेशनल पदक अपने नाम कर चुकी हैं. वहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गीता कुमारी राय ने कनाडा में दो गोल्ड और एक सिल्वर पदक अपने नाम किया था.

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