वाराणसी : देश में कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद काशी में कोहराम मचा हुआ है. जिले में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए प्रयोग में आने वाली पीपीई किट, फेस शील्ड और मास्क की डिमांड बढ़ गई है. जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करते हुए, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने फिर से इन सामानों के निर्माण का बीड़ा उठा लिया है. इन सामानों को बनाकर ये महिलाएं न सिर्फ कोरोना योद्धाओं की मदद कर रही हैं, बल्कि अपने परिवार का भरण पोषण भी कर रही हैं.
'महामारी से जंग में ये एक छोटी सी आहुति'
स्वयं सहायता समूह से जुड़ी सुमन कहती हैं कि वर्तमान में डॉक्टर, सफाई कर्मी और अन्य सभी लोग अस्पतालों में अलग-अलग स्थानों पर कोरोना योद्धा के रूप में काम कर रहे हैं. पीपीई किट, फेस शील्ड और मास्क बनाकर हम कोरोना योद्धाओं को सुरक्षित करने में मदद कर रहे हैं. यह काम हम सिर्फ पैसे के लिए नहीं, बल्कि उन योद्धाओं के सम्मान में कर रहे हैं.
महिलाओं को मिल रहा रोजगार
स्वयं सहायता समूह से जुड़ी कुसुम पटेल ने बताया कि हर दिन ऑर्डर मिल रहा है. एयरपोर्ट से 300 पीपीई किट का ऑर्डर, नगर निगम से 100 किट का ऑर्डर मिला है, इसके साथ ही अस्पतालों से भी ऑर्डर मिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि डिमांड अधिक होने की वजह से महिलाएं रात दिन एक करके ऑर्डर को पूरा करने में लगी हुई हैं. हम अपने पास 500 पीपीई किट का एक्स्ट्रा स्टॉक भी रखते हैं ताकि अचानक से जरूरत पड़े तो वहां पर यह सामान मुहैया कराया जा सकें. उन्होंने बताया कि इस काम से महिलाएं आत्मनिर्भर भी हो रही हैं. जितना ऑर्डर पूरा करते हैं उतना हमें पैसा मिलता है. इसके कारण इस महामारी में हम सबको रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़ रहा है.
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