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वाराणसी : हरतालिका पर महिलाओं ने रखा निर्जला व्रत, शिवालयों का किया अनुष्ठान

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Published : Sep 2, 2019, 9:43 PM IST

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पति की दीर्घायु के लिए महिलाओं ने सोमवार को हरतालिका व्रत रखा. दिन भर निर्जला व्रत रहने के बाद शाम होते ही व्रती महिलाएं शिवालयों में जाकर शिव-पार्वती की विधि पूर्वक पूजा कर कथा सुनकर खुद को सौभाग्यवती बनाती हैं .

पति की लंबी उम्र के लिए  महिलाओं ने रखा हरितालिका व्रत.


वाराणसी : शिव की नगरी काशी में महिलाओं ने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखा. मान्यताओं के अनुसार देवी पार्वती ने भगवान शंकर की प्राप्ति के लिए व्रत रखा था. दिन भर निर्जला व्रत रहने के बाद शाम होते ही व्रती महिलाएं शिवालयों में जाकर शिवपार्वती की कच्चे मिट्टी से बनी मूर्ति का विधि पूर्वक पूजा कर कथा सुनती हैं. तीज भादों महीने में शुक्लपक्ष के तीसरी तिथि को मनाई जाती है.

पति की लंबी उम्र के लिए महिलाओं ने रखा हरतालिका व्रत.

पति की लंबी उम्र के लिए हरतालिका व्रत

  • धर्म की नगरी काशी में सुहाग की रक्षा के लिए महिलाएं हरतालिका व्रत रखती हैं.
  • महिलायें दुर्गा घाट स्थित मंगला गौरी का दर्शन पूजन करती हैं.
  • व्रती महिलाएं शिवालयों में कथा सुनकर शिव पार्वती की आराधना करती हैं.
  • इस दिन मां गौरी और भगवान शंकर का पूजन किया जाता है.
  • मान्यताओं के अनुसार, श्रावण शुक्ल तृतीया (तीज) के दिन पार्वती 100 वर्षों की तपस्या के बाद भगवान शिव से मिली थीं.
  • मान्यता है कि इस व्रत को करने से सुहागिन स्त्रियां सौभाग्यवती बनती हैं और उनके पति की उम्र लंबी होती है.


भविष्योत्तर पुराण के अनुसार भाद्र शुक्ल तृतीया को 'हरतालिका' का व्रत रखा जाता है. इस व्रत को सौभाग्‍यवती स्त्रियां ही करती हैं. लेकिन कहीं-कहीं कुमारी कन्या भी इस व्रत को रखती है. मान्यता है कि इस व्रत को रखने से कुमारी कन्याओं का विवाह शीघ्र हो जाता है.


आज दिन भर हम लोग निर्जला व्रत रखते हैं. यह तीज का व्रत पति की लंबी उम्र की कामना के साथ परिवार को हर बाधा से दूर करता है. इसलिए इस बात का बहुत महत्व है. सभी सुहागन स्त्रियों को यह व्रत रखना चाहिए, जिससे उनके पति की रक्षा भगवान शंकर करते हैं.
-शोभा गुप्ता, श्रद्धालु


वाराणसी : शिव की नगरी काशी में महिलाओं ने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखा. मान्यताओं के अनुसार देवी पार्वती ने भगवान शंकर की प्राप्ति के लिए व्रत रखा था. दिन भर निर्जला व्रत रहने के बाद शाम होते ही व्रती महिलाएं शिवालयों में जाकर शिवपार्वती की कच्चे मिट्टी से बनी मूर्ति का विधि पूर्वक पूजा कर कथा सुनती हैं. तीज भादों महीने में शुक्लपक्ष के तीसरी तिथि को मनाई जाती है.

पति की लंबी उम्र के लिए महिलाओं ने रखा हरतालिका व्रत.

पति की लंबी उम्र के लिए हरतालिका व्रत

  • धर्म की नगरी काशी में सुहाग की रक्षा के लिए महिलाएं हरतालिका व्रत रखती हैं.
  • महिलायें दुर्गा घाट स्थित मंगला गौरी का दर्शन पूजन करती हैं.
  • व्रती महिलाएं शिवालयों में कथा सुनकर शिव पार्वती की आराधना करती हैं.
  • इस दिन मां गौरी और भगवान शंकर का पूजन किया जाता है.
  • मान्यताओं के अनुसार, श्रावण शुक्ल तृतीया (तीज) के दिन पार्वती 100 वर्षों की तपस्या के बाद भगवान शिव से मिली थीं.
  • मान्यता है कि इस व्रत को करने से सुहागिन स्त्रियां सौभाग्यवती बनती हैं और उनके पति की उम्र लंबी होती है.


भविष्योत्तर पुराण के अनुसार भाद्र शुक्ल तृतीया को 'हरतालिका' का व्रत रखा जाता है. इस व्रत को सौभाग्‍यवती स्त्रियां ही करती हैं. लेकिन कहीं-कहीं कुमारी कन्या भी इस व्रत को रखती है. मान्यता है कि इस व्रत को रखने से कुमारी कन्याओं का विवाह शीघ्र हो जाता है.


आज दिन भर हम लोग निर्जला व्रत रखते हैं. यह तीज का व्रत पति की लंबी उम्र की कामना के साथ परिवार को हर बाधा से दूर करता है. इसलिए इस बात का बहुत महत्व है. सभी सुहागन स्त्रियों को यह व्रत रखना चाहिए, जिससे उनके पति की रक्षा भगवान शंकर करते हैं.
-शोभा गुप्ता, श्रद्धालु

Intro:सुहाग की रक्षा का बड़ा पर्व हरितालिका व्रत के दिन धर्म की नगरी काशी में सुबह जहाँ महिलाये दुर्गा घाट स्थित मंगला गौरी का दर्शन पूजन करती है , तो वही शाम को शिवालयो में जाकर कथा सुनकर शिव पार्वती आराधना करती है । 

   Body:शिव की नगरी काशी में महिलाओं ने पति के दीर्घायु के लिए व्रत रखा है । मान्यताओ के अनुसार देवी पार्वती ने भगवान शंकर के प्राप्ति के लिए व्रत रखा था , दिन भर निर्जला व्रत रहने के बाद शाम होते ही व्रती महिलाएं शिवालयो में जाकर शिवपार्वती के कच्चे मिट्टी के बने मुर्ति का विधि पूर्वक पूजा कर कथा सुनती है। तीज भादों महीने में शुक्लपक्ष के तीसरे तिथि को मनाई जाती है । श्रावण शुक्ल तृतीया (तीज) के दिन भगवती पार्वती सौ वर्षों की तपस्या साधना के बाद भगवान शिव से मिली थीं । इस दिन मां पार्वती की पूजा की जाती है। भविष्योत्तर पुराण के अनुसार भाद्र शुक्ल तृतीया को `हरतालिका´ का व्रत किया जाता है। इस व्रत को सौभाग्‍यवती स्त्रियां ही करती हैं। लेकिन कहीं-कहीं कुमारी कन्या भी इस व्रत को करती है। Conclusion:
ऐसी मान्यता है है कि इस व्रत को करने से सुहागिन स्त्रियां सौभाग्यवती बनती है और उनके पति की उम्र लंबी होती है। कुमारी कन्याओं की विवाह शीघ्र हो जाती है। इस दिन मां गौरी व भगवान शंकर का पूजन किया जाता है। 

श्रद्धालु शोभा गुप्ता ने बताया कि आज दिन भर हम लोग निर्जला व्रत रखते हैं और तीज का व्रत पति की लंबी उम्र की कामना के साथ परिवार को हर बाधा से दूर करती है घर परिवार वाले सब कुशल रखे हैं इसलिए इस बात का बहुत महत्व है सभी सुहागन स्त्रियों को यह व्रत रखना चाहिए जिससे उनके पति की रक्षा भगवान शंकर चयन करते हैं माता पार्वती ने बीएफ पर भगवान शंकर के लिए रखा था।


बाइट:-- श्रद्धालु, शोभा गुप्ता,काशी


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आशुतोष उपाध्याय
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