वाराणसी: 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस में 600 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से तैयार हुए विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया. उत्तर प्रदेश में विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के साथ बीजेपी ने एक नई सियासी चाल चली है. अब घर-घर प्रसाद पहुंचाया जा रहा है. बाबा विश्वनाथ के प्रसाद के डिब्बे में दो लड्डुओं के साथ हर वोटर तक पहुंचने की जुगत में पार्टी जुटी हुई है. बीजेपी ने हर वार्ड में अपने कार्यकर्ताओं की लंबी-चौड़ी फौज को प्रसाद वितरण के लिए लगा रखा है. प्रसाद वितरण के नाम पर एक तरफ जहां कार्यकर्ता लोगों के घर के दरवाजे खटखटा रहे हैं तो उनका डाटा भी जुटा रहे हैं.
वाराणसी के हर इलाके में बीते कुछ दिनों से बीजेपी के कार्यकर्ता बाबा विश्वनाथ के प्रसाद का वितरण और बाबा विश्वनाथ धाम के निर्माण और उसके इतिहास से जुड़ी एक पुस्तिका को घर-घर तक पहुंचाने में जुटे हैं. मकसद है विश्वनाथ धाम का प्रसाद हर किसी तक पहुंचाने का, लेकिन इस मकसद के पीछे एक और दिमाग है. दिमाग यह कि बीजेपी प्रसाद के बहाने हर वोटर तक पहुंच सके.
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इसके पीछे मकसद यह है कि बीजेपी आने वाले वक्त में सोशल मीडिया के जरिए हर किसी के मोबाइल तक अपने कामों का लेखा-जोखा वीडियो और पीडीएफ फाइल के रूप में पहुंचाना चाह रही है.
यही वजह है कि मोबाइल नंबर का डाटा बैंक जुटाकर भारतीय जनता पार्टी बीजेपी के वोटर और नॉन वोटर्स तक पहुंचने का प्रयास कर रही है.
वाराणसी में हर वार्ड के अलग-अलग बूथ पर कार्यकर्ताओं की फौज इस समय यह काम कर रही है. कार्यकर्ता बाबा का प्रसाद और पुस्तिका लेकर लोगों के घरों में पहुंच रहे हैं और इसे देने के बाद कंफर्मेशन के नाम पर उनका मोबाइल नंबर नोट कर रहे हैं. कार्यकर्ताओं का भी मानना है कि यह एक अच्छा प्रयास है एक तरफ जहां प्रसाद घर घर पहुंच रहा है तो बीजेपी के कार्यकर्ता भी लोगों तक पहुंच कर उनकी समस्याओं को जानने की कोशिश कर रहे हैं.
इस काम में बीजेपी अकेले नहीं हैं बल्कि उनके साथ आरएसएस के कार्यकर्ता भी लगे हुए हैं. पब्लिक भी इस बात से बेहद खुश है कि कम से कम घर बैठे बाबा का प्रसाद मिल रहा है और कार्यकर्ता भी आकर उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहे हैं.
खैर यह तो आने वाला वक्त बताएगा कि बीजेपी का यह प्रयास कितना सफल होता है लेकिन प्रसाद के नाम पर बीजेपी की पॉलिटिक्स निश्चित तौर पर उसे आने वाले चुनाव में फायदा पहुंचा सकती है.
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