ETV Bharat / state

आयुर्वेद को लेकर गलत जानकारी दे रहा विकिपीडिया, युवा वैद्य ने छेड़ी सुधार की मुहिम

कोरोना काल के दौरान इन दिनों पूरे विश्व की निगाहें आयुर्वेद पर टिकी हुई हैं. वहीं विकिपीडिया जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आयुर्वेद के प्रति भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं. इन भ्रांतियों में सुधार करने के लिए वाराणसी के वैद्य आनंद पांडेय ने एक मुहिम शुरू की है.

author img

By

Published : Sep 8, 2020, 1:30 PM IST

वैद्य आनंद पांडेय
वैद्य आनंद पांडेय

वाराणसी: कोरोना को लेकर पूरा विश्व वैक्सीन का इंतजार कर रहा है. हर किसी को उम्मीद है कि इस महामारी की जल्द वैक्सीन आएगी और इससे निजात मिलेगी. लेकिन इस वैश्विक महामारी को कंट्रोल करने में आयुर्वेद ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. काढ़े के अलावा आयुर्वेदिक दवाएं और इम्यूनिटी बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक औषधियों ने यह प्रमाणित किया कि जब सब हारते हैं, तब ऋषि-मुनियों का ज्ञान और आयुर्वेद ही काम आता है.

आयुर्वेद को लेकर गलत जानकारी को सुधारने के लिए शुरू की मुहिम.

वहीं सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफार्म पर आयुर्वेद को लेकर कुछ भ्रांतियां लगातार फैलाई जा रही हैं. विकिपीडिया पर भी आयुर्वेद को लेकर इंग्लिश में लिखी गई जानकारी लोगों को भ्रमित कर रही है. यही वजह है कि वाराणसी के रहने वाले आयुर्वेद के युवा प्रैक्टिशनर वैद्य आनंद पांडेय ने विकिपीडिया की इस गलती को सुधारने की मुहिम छेड़ रखी है. उन्होंने इसके लिए ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने के साथ ही आयुष मंत्रालय और पीएमओ से भी इसकी शिकायत की है.

'कोविड 19 के दौर में बढ़ी आयुर्वेदिक उत्पादों की मांग'

वैद्य आनंद पांडेय का कहना है कि कोविड-19 के दौर में हर कोई आयुर्वेद की तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा है, तो विकिपीडिया की तरफ से आयुर्वेद को लेकर फैलाई जा रही भ्रांतियां इसे बदनाम करने की साजिश हैं. आनंद का कहना है कि विकिपीडिया में आयुर्वेद को लेकर बहुत ही गलत बातें लिखी हैं. आयुर्वेद की प्रैक्टिस करने वाले लोगों को फर्जी कहा गया है. आयुर्वेद को छद्म विज्ञान बताया गया है और इससे किसी के न ठीक होने की बात कही गई है जोकि सरासर गलत है.

आयुर्वेद को बदनाम करने का काम कर रही है विकिपीडिया

उन्होंने कहा कि मेरे पास एक नहीं सैकड़ों उदाहरण हैं, जिसको आयुर्वेद ने न सिर्फ सही किया है बल्कि उनकी जिंदगी बदली है. बहुत से लोग कोविड-19 से परेशान हैं. उनका इलाज मैं बनारस से कर रहा हूं. बहुत से लोगों को आराम हुआ है. अंग्रेजी दवाओं से दूरी बनाकर आयुर्वेद के बल पर उन्होंने अपनी जिंदगी में बदलाव महसूस किया है, लेकिन इसके बाद भी विकिपीडिया पर मौजूद यह गलत बातें आयुर्वेद को बदनाम करने का काम कर रही हैं.

एडिट करने के ऑप्शन को किया इनविजिबल

ऐसे में उन्होंने आयुष मंत्रालय, आयुष मंत्री समेत पीएमओ को मेल के जरिए इसमें सुधार के लिए लिखा है. इसके बाद से इसमें कुछ सुधार हुए हैं, लेकिन अभी बहुत सी चीजें ऐसी हैं जिसको बदलना बेहद जरूरी है. आनंद का कहना है कि विकिपीडिया के पेज पर जाकर कोई भी गलत चीजों को सुधार सकता है, लेकिन विकिपीडिया ने आयुर्वेद को लेकर लिखे गए लेख में एडिट के ऑप्शन को भी इनविजिबल कर रखा है. इसकी वजह से चीजें और गलत हो रही हैं.

मैंने जो ऑनलाइन कंप्लेन दर्ज कराई है उसमें मुझे देश भर से लोगों का साथ मिल चुका है. अब तक 10 हजार से ज्यादा लोग डिजिटल साइन के जरिए मुझे सपोर्ट कर चुके हैं और लोग इस दिशा में आगे भी आ रहे हैं. लेकिन जरूरी है कि सरकार इस दिशा में ध्यान दें और विकिपीडिया पर आयुर्वेद को लेकर मौजूद गलत जानकारियों को सुधार करवाए, ताकि आयुर्वेद की सही जानकारी लोगों तक पहुंचे न कि गलत.

-वैद्य आनंद पांडेय, आयुर्वेदिक प्रैक्टिशनर

इसे भी पढ़ें- अयोध्याः आज शुरू होगी राममंदिर निमार्ण के लिए नींव की खुदाई

वाराणसी: कोरोना को लेकर पूरा विश्व वैक्सीन का इंतजार कर रहा है. हर किसी को उम्मीद है कि इस महामारी की जल्द वैक्सीन आएगी और इससे निजात मिलेगी. लेकिन इस वैश्विक महामारी को कंट्रोल करने में आयुर्वेद ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. काढ़े के अलावा आयुर्वेदिक दवाएं और इम्यूनिटी बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक औषधियों ने यह प्रमाणित किया कि जब सब हारते हैं, तब ऋषि-मुनियों का ज्ञान और आयुर्वेद ही काम आता है.

आयुर्वेद को लेकर गलत जानकारी को सुधारने के लिए शुरू की मुहिम.

वहीं सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफार्म पर आयुर्वेद को लेकर कुछ भ्रांतियां लगातार फैलाई जा रही हैं. विकिपीडिया पर भी आयुर्वेद को लेकर इंग्लिश में लिखी गई जानकारी लोगों को भ्रमित कर रही है. यही वजह है कि वाराणसी के रहने वाले आयुर्वेद के युवा प्रैक्टिशनर वैद्य आनंद पांडेय ने विकिपीडिया की इस गलती को सुधारने की मुहिम छेड़ रखी है. उन्होंने इसके लिए ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने के साथ ही आयुष मंत्रालय और पीएमओ से भी इसकी शिकायत की है.

'कोविड 19 के दौर में बढ़ी आयुर्वेदिक उत्पादों की मांग'

वैद्य आनंद पांडेय का कहना है कि कोविड-19 के दौर में हर कोई आयुर्वेद की तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा है, तो विकिपीडिया की तरफ से आयुर्वेद को लेकर फैलाई जा रही भ्रांतियां इसे बदनाम करने की साजिश हैं. आनंद का कहना है कि विकिपीडिया में आयुर्वेद को लेकर बहुत ही गलत बातें लिखी हैं. आयुर्वेद की प्रैक्टिस करने वाले लोगों को फर्जी कहा गया है. आयुर्वेद को छद्म विज्ञान बताया गया है और इससे किसी के न ठीक होने की बात कही गई है जोकि सरासर गलत है.

आयुर्वेद को बदनाम करने का काम कर रही है विकिपीडिया

उन्होंने कहा कि मेरे पास एक नहीं सैकड़ों उदाहरण हैं, जिसको आयुर्वेद ने न सिर्फ सही किया है बल्कि उनकी जिंदगी बदली है. बहुत से लोग कोविड-19 से परेशान हैं. उनका इलाज मैं बनारस से कर रहा हूं. बहुत से लोगों को आराम हुआ है. अंग्रेजी दवाओं से दूरी बनाकर आयुर्वेद के बल पर उन्होंने अपनी जिंदगी में बदलाव महसूस किया है, लेकिन इसके बाद भी विकिपीडिया पर मौजूद यह गलत बातें आयुर्वेद को बदनाम करने का काम कर रही हैं.

एडिट करने के ऑप्शन को किया इनविजिबल

ऐसे में उन्होंने आयुष मंत्रालय, आयुष मंत्री समेत पीएमओ को मेल के जरिए इसमें सुधार के लिए लिखा है. इसके बाद से इसमें कुछ सुधार हुए हैं, लेकिन अभी बहुत सी चीजें ऐसी हैं जिसको बदलना बेहद जरूरी है. आनंद का कहना है कि विकिपीडिया के पेज पर जाकर कोई भी गलत चीजों को सुधार सकता है, लेकिन विकिपीडिया ने आयुर्वेद को लेकर लिखे गए लेख में एडिट के ऑप्शन को भी इनविजिबल कर रखा है. इसकी वजह से चीजें और गलत हो रही हैं.

मैंने जो ऑनलाइन कंप्लेन दर्ज कराई है उसमें मुझे देश भर से लोगों का साथ मिल चुका है. अब तक 10 हजार से ज्यादा लोग डिजिटल साइन के जरिए मुझे सपोर्ट कर चुके हैं और लोग इस दिशा में आगे भी आ रहे हैं. लेकिन जरूरी है कि सरकार इस दिशा में ध्यान दें और विकिपीडिया पर आयुर्वेद को लेकर मौजूद गलत जानकारियों को सुधार करवाए, ताकि आयुर्वेद की सही जानकारी लोगों तक पहुंचे न कि गलत.

-वैद्य आनंद पांडेय, आयुर्वेदिक प्रैक्टिशनर

इसे भी पढ़ें- अयोध्याः आज शुरू होगी राममंदिर निमार्ण के लिए नींव की खुदाई

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.