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Ram Navami 2023 : बनारसी बिनकारी में सजा राम दरबार, रामनवमी पर ऑर्डरों की भरमार

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Published : Mar 28, 2023, 5:21 PM IST

धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में राम मंदिर का दरबार सज रहा है. यहां के बुनकरों ने राम दरबार की झांकी को बनारसी साड़ी व दुपट्टे पर उकेरा है.

राम दरबार की झांकी
राम दरबार की झांकी
बनारसी साड़ी व दुपट्टे बनायी जा रही राम दरबार की झांकी.

वाराणसीः रामनवमी का त्योहार नजदीक है. ऐसे में जहां अयोध्या में उत्सव मनाने की तैयारी हो रही है, वहीं दूसरी ओर वाराणसी के बिनकारी में भी राम मंदिर का दरबार सज रहा है. खास बात यह है कि यह राम मंदिर का दरबार बनारस के बुनकरों के लिए वरदान साबित हो रहा है. बनारस के बुनकरों ने राम दरबार की झांकी को बनारसी साड़ी व दुपट्टे पर उकेरा है, जिसे देश ही नहीं बल्कि विदेश के भी लोग पसंद कर रहे हैं.

बुनकरों का कहना है कि लगातार इसके लिए ऑर्डर आ रहे हैं. बुनकर बताते हैं कि हमने राम मंदिर के शिलान्यास के समय इस डिजाइन को तैयार किया था. अब भगवान राम का आशीर्वाद हमारे लिए वरदान बनता जा रहा है, क्योंकि हमारे पास देश-विदेश से दर्जनों की संख्या में दुपट्टे बनाने के ऑर्डर आ रहे हैं.

राम भक्तों के बीच किया जा रहा पसंद
बुनकर सर्वेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि 'हमने राम मंदिर की साड़ी और दुपट्टा दोनों बनाया है. भगवान राम का जो मंदिर बन रहा है उसी की आकृति को उसमें उकेरा गया है. उन्होंने बताया कि जितने भी राम भक्त हैं इसे पसंद कर रहे हैं. इतना ही नहीं विदेशों में भी जो भारतीय बैठे हैं वे भी काफी डिमांड कर रहे हैं'.

साड़ी के आंचल पर उकेरा गया राम मंदिर का मॉडल
सर्वेश श्रीवास्तव ने बताया कि इसे इस तरह से बनाया गया है कि राम मंदिर को आप सजावट के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जो कपड़ा बचता है उसे आप दूसरे किसी इस्तेमाल में ले सकते हैं. अगर साड़ी के तौर पर पहनना चाहते हैं तो यह मंदिर की आकृति आंचल पर बनी हुई है, जो कि पहनने वाले के सिर पर आएगा. भगवान का आशीर्वाद आपके सिर पर हमेशा बना रहेगा.

दुपट्टे की कारीगरी में लग जाता है अधिक समय
उन्होंने साड़ियों की बिक्री के सवाल पर बताया कि साड़ी से ज्यादा दाम दुपट्टे का है. दुपट्टे में दोनों तरफ राम मंदिर बना हुआ है. राम मंदिर बनाने में ही ज्यादा वक्त लगता है क्योंकि उसमें उचंत कला का काम होता है. एक दुपट्टा बनाने में तीन महीने लगे हैं, जबकि एक साड़ी बनाने में 2 महीने का वक्त लगा है.

साड़ी से महंगा है राम मंदिर का दुपट्टा
सर्वेश श्रीवास्तव ने बताया कि साड़ी 35,000 रुपये की पड़ती है, जबकि दुपट्टा 50,000 रुपये का पड़ता है. अभी तक 100 की संख्या के लगभग दुपट्टा बिक चुका है. इसकी डिमांड राम भक्तों में अच्छी है. राम नवमी पर इसकी मांग काफी है. इतना ही नहीं राम नवमी के दिन भगवान को ही ओढ़ाने के लिए इस दुपट्टे की डिमांड अधिक है.

पढ़ेंः Shilpa Shetty : नवरात्रि में वाराणसी पहुंची शिल्पा शेट्टी, मां कात्यायनी का दर्शन कर बोली- जय माता दी

बनारसी साड़ी व दुपट्टे बनायी जा रही राम दरबार की झांकी.

वाराणसीः रामनवमी का त्योहार नजदीक है. ऐसे में जहां अयोध्या में उत्सव मनाने की तैयारी हो रही है, वहीं दूसरी ओर वाराणसी के बिनकारी में भी राम मंदिर का दरबार सज रहा है. खास बात यह है कि यह राम मंदिर का दरबार बनारस के बुनकरों के लिए वरदान साबित हो रहा है. बनारस के बुनकरों ने राम दरबार की झांकी को बनारसी साड़ी व दुपट्टे पर उकेरा है, जिसे देश ही नहीं बल्कि विदेश के भी लोग पसंद कर रहे हैं.

बुनकरों का कहना है कि लगातार इसके लिए ऑर्डर आ रहे हैं. बुनकर बताते हैं कि हमने राम मंदिर के शिलान्यास के समय इस डिजाइन को तैयार किया था. अब भगवान राम का आशीर्वाद हमारे लिए वरदान बनता जा रहा है, क्योंकि हमारे पास देश-विदेश से दर्जनों की संख्या में दुपट्टे बनाने के ऑर्डर आ रहे हैं.

राम भक्तों के बीच किया जा रहा पसंद
बुनकर सर्वेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि 'हमने राम मंदिर की साड़ी और दुपट्टा दोनों बनाया है. भगवान राम का जो मंदिर बन रहा है उसी की आकृति को उसमें उकेरा गया है. उन्होंने बताया कि जितने भी राम भक्त हैं इसे पसंद कर रहे हैं. इतना ही नहीं विदेशों में भी जो भारतीय बैठे हैं वे भी काफी डिमांड कर रहे हैं'.

साड़ी के आंचल पर उकेरा गया राम मंदिर का मॉडल
सर्वेश श्रीवास्तव ने बताया कि इसे इस तरह से बनाया गया है कि राम मंदिर को आप सजावट के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जो कपड़ा बचता है उसे आप दूसरे किसी इस्तेमाल में ले सकते हैं. अगर साड़ी के तौर पर पहनना चाहते हैं तो यह मंदिर की आकृति आंचल पर बनी हुई है, जो कि पहनने वाले के सिर पर आएगा. भगवान का आशीर्वाद आपके सिर पर हमेशा बना रहेगा.

दुपट्टे की कारीगरी में लग जाता है अधिक समय
उन्होंने साड़ियों की बिक्री के सवाल पर बताया कि साड़ी से ज्यादा दाम दुपट्टे का है. दुपट्टे में दोनों तरफ राम मंदिर बना हुआ है. राम मंदिर बनाने में ही ज्यादा वक्त लगता है क्योंकि उसमें उचंत कला का काम होता है. एक दुपट्टा बनाने में तीन महीने लगे हैं, जबकि एक साड़ी बनाने में 2 महीने का वक्त लगा है.

साड़ी से महंगा है राम मंदिर का दुपट्टा
सर्वेश श्रीवास्तव ने बताया कि साड़ी 35,000 रुपये की पड़ती है, जबकि दुपट्टा 50,000 रुपये का पड़ता है. अभी तक 100 की संख्या के लगभग दुपट्टा बिक चुका है. इसकी डिमांड राम भक्तों में अच्छी है. राम नवमी पर इसकी मांग काफी है. इतना ही नहीं राम नवमी के दिन भगवान को ही ओढ़ाने के लिए इस दुपट्टे की डिमांड अधिक है.

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